जैविक खेती को मिले बढ़ावा- डॉ. विश्वनाथ

केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान द्वारा विश्व मृदा दिवस पर समारोह आयोजित

Untitledबीकानेर, 5 दिसम्बर। संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाए, जिससे मृदा की गुणवत्ता बनी रहे तथा मानव स्वास्थ्य पर भी रासायनिक उर्वरकों के विपरीत प्रभाव न हाें।

डॉ. विश्वनाथ मंगलवार को भाकृृअनुप-केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान द्वारा विश्व मृदा दिवस पर आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सूरतगढ़ से सॉयल हैल्थ कार्ड वितरण कार्य का शुभारम्भ किया था, अब तक 10 करोड़ से अधिक कार्ड वितरित किए जा चुके हैंं। किसान अपनी खेत की मिट्टी की वैज्ञानिक जांच करवाएं, जिससे वे मिट्टी में पोषक तत्त्वों की कमी को पूरा कर सकें। उन्होंने कहा कि किसान इस संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर, अपने क्षेत्र के अन्य किसानों तक भी यह जानकारी पहुंचाएं। अब आवश्यकता इस बात की है कि किसान नई कृषि तकनीकों का प्रयोग करें। मरूस्थलीय क्षेत्र में कम पानी में उगने वाली फसलों को अधिकाधिक बढ़ावा मिले, जिससे जल संरक्षण हो सकेगा। किसान शिक्षित हों, जिससे उन्हें कृषि क्षेत्र में हो रहे नवीनतम शोध व अनुसंधान की जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा के उन्नयन के लिए अनेक नवाचार किए गए हैं।

विशिष्ट अतिथि महापौर नारायण चोपड़ा ने कहा कि संस्थान द्वारा गांवों में जाकर कृषकों को प्रशिक्षित किया जाए, जिससे वे अधिक लाभान्वित हो सकेंगे। कृषक के विकास से ही प्रदेश व देश का विकास होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों की सर्वांगीण उन्नति के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं। विशिष्ट अतिथि आईपीएस प्रेमसुख डेलू ने कहा कि मरूस्थल के किसान की जीवटता अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सर्वाधिक कार्य महिलाएं करती हैं, उन्हें भी इस संस्थान के प्रशिक्षण का लाभ दिलवाया जाए। उन्होंने किसानों को अपने बच्चों को शिक्षित करने का आह््वान किया।

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पी एल सरोज ने बताया कि संस्थान द्वारा शुष्क फलों व सब्जियों की 29 प्रजातियों का विकास किया गया है, कल्पवृक्ष खेजड़ी की विश्व में पहली बार नई प्रजाति विकसित की गई है। उन्होंने कहा कि भूमि की उर्वरता बनी रहे, इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उर्वरकों के उचित प्रयोग से कृृषि उत्पादन बढ़ेगा व उत्पादन लागत कम होगी। फसल उत्पादन विभागाध्यक्ष डॉ. बी डी शर्मा ने पावर प्वाइंट प्रेजेंन्टेशन के माध्यम से मृदा परीक्षण व अन्य उपयोगी गतिविधियों की जानकारी दी।

दिए गए सॉयल हैल्थ कार्ड- समारोह के दौरान 52 किसानों को सॉयल हैल्थ कार्ड वितरित किए गए तथा उन्हें सॉयल हैल्थ कार्ड संबंधी डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. दीपक कुमार ने व डॉ. धुरन्धर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. एन वी पाटिल, काजरी निदेशक डॉ. एन डी यादव, गोधरा सेंटर अध्यक्ष डॉ. संजय सिंह, अश्व अनुसंधान केन्द्र निदेशक डॉ. एस सी मेहता, प्रमुख तकनीकी अधिकारी डॉ. प्रेम पारीक, डॉ. एस आर मीना, देवीलाल मेघवाल सहित बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान उपस्थित थे।

error: Content is protected !!