परवन सिंचाई परियोजना को रोककर दुबारा षिलान्यास करना निन्दनीय

प्रमोद भाया
प्रमोद भाया
बारां 15 दिसम्बर। पूर्व मंत्री प्रमोद भाया ने कांग्रेस शासन के दौरान स्वीकृतशुदा परवन वृहद सिंचाई परियोजना के दोबारा शिलान्यास की आलोचना करते हुए इसे राजकोष की बर्बादी एवं भाजपा मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं का महिमा मंडन वाला कदम बताते हुए इसें भाजपा मुख्यमंत्री का हताषा से भरा अविवेकपूर्ण निर्णय बताया है।

उन्होने कहा कि पूर्व में कांग्रेस शासन के दौरान सितम्बर 2013 में राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग द्वारा राजकीय समारोह का आयोजन कर परवन बांध का शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित कराने के बाद राजस्थान की भाजपा सरकार द्वारा चार साल बाद दोबारा शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित कराना हास्यास्पद कदम है तथा सरकारी धन का खुला दुरूपयोग हैं। अच्छा तो यह होता कि मुख्यमंत्री जी स्वीकृत परियोजना को पूरा कर उदघाटन कर अपने नाम का षिलालेख लगाती।

उन्होने बताया कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने परवन परियोजना के निर्माण में राजनीतिक स्वार्थो के खातिर 4 साल का लम्बा विलम्ब किया जिसके कारण परियोजना की लागत भी तीन गुना बढ चुकी है एवं किसान भाई तथा जिलेवासियों को इसका लाभ भी कम से कम 6 साल अधिक विलम्ब से प्राप्त होगा, जिसके लिए राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी सरकार दोषी है।

पूर्व मंत्री भाया ने बताया कि परवन बांध की नदी पर ग्राम मोहनपुरा जिला राजगढ मध्यप्रदेष में बांध बन रहा है जिसका लगभग 90 प्रतिषत कार्य पूर्ण हो चुका है। इस बांध का निर्माण वर्तमान भाजपा शासन के दौरान प्रारम्भ हुआ जिस पर राजस्थान की भाजपा सरकार केन्द्रीय जल आयोग से रोक नहीं लगवा सकी। इसके कारण परवन बांध की भराव क्षमता भी प्रभावित होगी जिसका सबसे अधिक नुकसान बारां जिले की अटरु, बारां एवं अंता, मांगरोल तहसील के किसानों को होगा। सही माने में क्षैत्र के किसानों की कीमत पर यह मध्यप्रदेश के किसानों को लाभ पहुंचाना भी रहा हैं।

पूर्व मंत्री भाया ने कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार वोटो की राजनीति के पीछे चार वर्ष बाद चुनावी वर्ष में बांध का निर्माण कार्य प्रारम्भ करवा रही है जो दुर्भाग्यजनक है एवं इससे जिले के किसानों तथा आमजन की किसी भी प्रकार की सहानुभूति भाजपा को प्राप्त नहीं होगी। भाजपा की राजस्थान सरकार मतदाताओं का विश्वास खो चुकी है। परवन परियोजना का पुनः शिलान्यास का अविवेक पूर्ण निर्णय किया गया है वह निन्दनीय है। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पुनः शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित कर मुख्यमंत्री पद की गरिमा को गिराया है।

प्रमोद भाया

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