रंगीला स्मृति शतरंज प्रतियोगिता प्रारम्भ

दो वर्गों में 24 शातिर रहे संयुक्त बढ़त पर
chess 2बीकानेर, 27 दिसम्बर। खेल लेखक एवं समीक्षक झंवर लाल व्यास ‘रंगीला’ की स्मृति में 12वीं शतरंज प्रतियोगिता के पहले दिन बुधवार को जूनियर वर्ग में 9 तथा सीनियर वर्ग में 15 शातिर संयुक्त बढ़त पर रहे।
प्रतियोगिता संयोजक जुगल किशोर व्यास ने बताया कि जूनियर वर्ग में श्रीगंगानगर के अमन बलाना, आदित्य शर्मा, लोकेश उपाध्याय, आनंद ओझा, धीरज जोशी, गौरव रंगा, शेखर हर्ष तथा गोपाल जोशी तीन-तीन अंक के साथ संयुक्त बढ़त पर रहे। वहीं सीनियर वर्ग में ओमप्रकाश कच्छावा, हिमांशु मारू, कपिल पंवार, भव्य शर्मा, महावीर बिठ्ू, मनोज जोशी, रचित दइया, राजीव नारायण जोशी, पंकज व्यास, राजेन्द्र व्यास, योगेश गोपाल पुरोहित, प्रो. अरविंद शर्मा तथा डीएस राठौड़ ने दो-दो अंकों के साथ संयुक्त बढ़त प्राप्त की।
व्यास ने बताया कि पहले दिन सबसे छोटे शातिर चार वर्ष के विश्वेश्वर रंगा, 58 वर्षीया आशा शर्मा तथा 65 वर्ष के वेटरन शातिर ओमप्रकाश कच्छावा ने भी मोहरे चलाए। उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के जूनियर वर्ग में 90 तथा सीनियर वर्ग में 62 सहित कुल 152 शातिर भाग ले रहे हैं। प्रतियोगिता के तहत दोनों वर्गों में सात-सात राउंड खेले जाएंगे। गुरुवार को प्रातः 9 बजे से मुकाबले होंगे।
इससे पहले बाड़मेर के जिला एवं सेशन न्यायाधीश मदन गोपाल व्यास तथा वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मीनारायण रंगा ने मोहरे चलाकर प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। व्यास ने कहा कि संस्था द्वारा लगातार बारहवें वर्ष प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना सराहनीय है। इससे स्कूली बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। उन्होंने प्रतिभागियों से सकारात्मक प्रतिस्पर्धा के साथ खेलने का आह््वान किया। वरिष्ठ साहित्यकार रंगा ने कहा कि शतरंज, आदीकाल से खेले जाने वाला खेल है। पहले इसे ‘चतुरंग’ के नाम से जाना जाता था। विद्यार्थियों के मानसिक विकास में इस खेल की महत्ती भूमिका है। उन्होंने स्कूली स्तर पर शतरंज को प्रोत्साहित करने की बात कही।
फाउण्डेशन के अध्यक्ष एडवोकेट बसंत आचार्य ने कहा कि रंगीला ने खेल लेखन को नए आयाम दिए। उनकी स्मृतियों को अक्षुण्ण बनाए रखने के उद्देश्य से संस्था का गठन किया गया है। उन्होंने संस्था की विभिन्न गतिविधयों के बारे में जानकारी दी। प्रतियोगिता संयोजक जुगल किशोर व्यास ने रंगीला के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के बारे में बताया। मधुसूदन व्यास ने आभार जताया। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता एसएल हर्ष, आर्बिटर डीपी छींपा, वीरेन्द्र जोशी, एसएन करनाणी, एडवोकेट गिरिराज व्यास, अनिरूद्ध आचार्य, रोहित व्यास आदि मौजूद रहे।

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