पॉलिथिन थैलियों के उपयोग पर लगे प्रभावी अंकुश

20171227_115722बीकानेर, 27 दिसम्बर। जिला कलक्टर अनिल गुप्ता ने कहा कि पॉलिथिन थैलियों के उपयोग पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु, सतत् निरीक्षण करते हुए दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। साथ ही बॉयोमेडिकल वेस्ट व अन्य कचरे का भी नियमानुसार निस्तारण किया जाए, जिससे पर्यावरण प्रदूषण न हो।

जिला कलक्टर बुधवार को कलेक्टे्रट सभागार में जिला पर्यावरण समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक के दौरान समिति के सदस्य सचिव एवं उप वन संरक्षक ने बताया कि पीबीएम अस्पताल के पीछे स्थित नाले में बॉयोमेडिकल वेस्ट व अन्य कचरा डाला जा रहा है जिससे नाला अवरूद्ध हो जाता है, साथ ही अस्पताल में कुछ स्थानों पर कचरे के ढेर लगे हैं। इस पर जिला कलक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि निगम व चिकित्सा विभाग के अधिकारी मौके का संयुक्त निरीक्षण करें तथा जमा कचरे को हटवाते हुए, इसे यहां डालने से रोका जाए। उपखण्ड अधिकारी व मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सतत् निरीक्षण कर बॉयोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण कार्य पर नजर रखें। विभिन्न गांवों में मावा फैक्टि्रयों से हो रहे प्रदूषण की शिकायत के सम्बन्ध में उन्होंने निर्देश दिए कि सम्बन्धित उपखंड अधिकारी व पुलिस विभाग के अधिकारी नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित करें।

पॉलीथिन की हो प्रभावी रोकथाम- बैठक में बताया गया कि जोड़बीड़ संरक्षण क्षेत्र में डाले जा रहे कचरे व पॉलीथिन थैलियों से पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक भी आते हैं। जिला कलक्टर ने निर्देशित किया कि निगम द्वारा इसकी रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। निगम अधिकारियों ने बताया कि शीघ्र ही क्षेत्र से कचरे व थैलियों को हटवाकर सफाई करवा दी जाएगी व भविष्य में यहां कचरा नहीं डाला जाएगा।

जिला कलक्टर ने कहा कि गायों व अन्य पशुओं द्वारा पॉलीथिन थैलियों में पड़ी़ खाद्य सामग्री खाने से, खाद्य पदार्थों के साथ पॉलीथिन थैलियां भी उनके पेट में चली जाती हैं, जिससे उनकी मृृत्यु हो जाती है। उन्होंने निर्देश दिए कि संबंधित विभागीय अधिकारी विभिन्न बाजारों, विशेषकर सब्जी मंडी आदि स्थानों का औचक निरीक्षण कर, पॉलीथिन थैली रखने वालों के विरूद्ध नियमानुसार जुर्माना, चालान की कार्यवाही करें। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि वे इसके लिए आवश्यक पुलिस जाब्ता उपलब्ध कराएं। गुप्ता ने कहा कि पॉलीथिन का इस्तेमाल ना करने हेतु रैली आदि के माध्यम से जन जागरूकता अभियान चलाया जाए।

अधिकाधिक हो पौधारोपण- बैठक में सदस्य सचिव एवं उपवन संरक्षक डॉ. आसुसिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना के तहत वन विभाग द्वारा इस वर्ष अब तक 53 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। जिला कलक्टर ने कहा कि शहर के आसपास के क्षेत्रों में और अधिक पौधारोपण किया जाए। जोड़बीड़ क्षेत्र में अधिकाधिक पौधे लगाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि पेड़ाें की अवैध कटाई, वन्य जीव शिकार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। इस कार्य में लिप्त व्यक्तियों की, आमजन द्वारा वन व पुलिस विभाग को तुरन्त सूचना दी जाए जिससे सम्बन्धित के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही हो सके।

उप वन संरक्षक ने बताया कि जिला व राज्य स्तर पर अवैध कटान, अवैध खनन की रोकथाम एवं वन्य जीव संरक्षण क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों, संस्थाओं को सरकार द्वारा पुरस्कृत किया जाता है। ऎसी संस्थाएं व व्यक्ति आवेदन प्रस्तुत करें, जिससे पुरस्कार हेतु नामांकन अग्रेषित हो सकें।

बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉ. लालचंद, उप वन संरक्षक रामनिवास कुमावत, अधीक्षण अभियंता जलग्रहण भागीरथ बिश्नोई, समिति सदस्य मोखराम धारणिया, डीईओ (माध्यमिक) सुनील बोड़ा, संभागीय अधिकारी खादी ग्रामोद्योग शिशुपाल सिंह सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार की रोकथाम व संरक्षण के हों प्रभावी प्रयास

बीकानेर, 27 दिसम्बर। राष्ट्रीय पक्षी मोर के शिकार की रोकथाम व संरक्षण हेतु गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक जिला कलक्टर अनिल गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्टे्रट सभागार में आयोजित की गई।

गुप्ता ने कहा कि मोर वन्य जीव शेड््यूल प्रथम का प्राणी है। मोर के शिकार की घटना की जानकारी मिलते ही तत्काल पुलिस व वनविभाग को सूचित किया जाए। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को निर्देश दिए कि मोर बाहुल्य क्षेत्रों में पुलिस व वन विभाग द्वारा विशेष निगरानी रखी जाए। शिकार करने वाले दोषियों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करवा, कार्यवाही की जाए।

सदस्य सचिव एवं उप वन संरक्षक डॉ. आसुसिंह ने बताया कि जिले में 1 से 7 दिसम्बर तक मोरों की गिनती करवाई गई, जिसके तहत लगभग 5 हजार मोर चिन्हित हुए हैं।

बैठक में सम्बन्धित विभाागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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अवैध कटान पर लगे अंकुश

बीकानेर, 27 दिसम्बर। जिले में अवैध आरा मशीन नियंत्रण हेतु गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक जिला कलक्टर अनिल गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्टे्रट सभागार में आयोजित की गई।

जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि अवैध कटान व अवैध परिवहन पर अंकुश लगाने के लिए गश्ती दल द्वारा निरन्तर गश्त कर नजर रखी जाए। उपवन संरक्षक डॉ. आसुसिंह ने बताया कि अवैध आरा मशीनों की जानकारी प्राप्त होते ही इन्हें तुरन्त जब्त करने की कार्यवाही विभाग द्वारा की जाती है। अप्रेल 2017 से अब तक संभाग में अवैध कटान के सम्बन्ध में लगभग 60 लाख रूपये जुर्माना वसूल किया गया है। उन्होंने बताया कि आरा मशीन लाइसेंस नवीनीकरण के संबंध में राज्य स्तर पर कमेटी गठित की गई है।

बैठक में सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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अंत्येष्टि अनुदान योजना हेतु स्क्रीनिंग समिति की बैठक आयोजित

लावारिस या निराश्रित व्यक्ति की अंत्येष्टि क्रिया करवाने वाली स्वयंसेवी संस्था को होगा 5 हजार रूपये का भुगतान

बीकानेर, 27 दिसम्बर। अंत्येष्टि अनुदान योजना के संबंध में जिला कलक्टर अनिल गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को कलक्टर कक्ष में जिला स्तरीय स्क्रीनिंग समिति की बैठक आयोजित की गई।

जिला कलक्टर ने बताया कि योजना के तहत राज्य के क्षेत्राधिकार में किसी भी उम्र, जाति, वर्ग के लावारिस या निराश्रित व्यक्ति की साधारण रूप से अथवा दुर्घटना में मृृत्यु होने पर उसकी अंत्येष्टि क्रिया करवाने वाली स्वयंसेवी संस्था को आवश्यक सामान व व्यवस्था हेतु 5 हजार रूपये का भुगतान किया जाएगा। लावारिस मृृतक व्यक्ति का धर्म, पुलिस तहरीर में अंकित विवरण के आधार पर ही माना जाकर, उसका अंतिम संस्कार उसके अनुसार ही किया जाएगा।

बैठक के दौरान सर्व समाज कल्याण व विकास समिति, बीकानेर और सावित्री बाई फूले महिला बाल विकास सेवा समिति, राजासर भाटियान का इस योजना के तहत चयन किया गया। जिला कलक्टर ने कहा कि इस पुनीत कार्य को करने हेतु अधिकाधिक स्वयंसेवी संस्थाओं को प्रेरित किया जाए। उन्होंने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) डॉ. लालचंद को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी इस योजना का प्रचार-प्रसार किया जाए। ग्रामीण क्षेत्रों के थानों में योजना से संबंधित नियमों की प्रति भिजवा दी जाए व इन क्षेत्रों में ऎसी संस्थाओं की सूची तैयार कर ली जाए।

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक एल डी पंवार ने बताया कि स्क्रीनिंग समिति द्वारा जिले में, सोसायटी एक्ट में पंजीकृृत स्वयंसेवी संस्थाओं का नियमानुसार पैनल तैयार किया जाएगा। जिले में, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जिला अधिकारी पर योजना के कार्यान्वयन का संपूर्ण दायित्व है। विभाग को जिला स्तरीय स्क्रीनिंग समिति द्वारा चयनित स्वयंसेवी संस्था से नियमानुसार आवेदन प्राप्त होने पर प्रत्येक प्रकरण में 5 हजार रूपये का भुगतान कोषालय के माध्यम से स्वयंसेवी संस्था के खाते में किया जाएगा, नकद भुगतान देय नहीं होगा। योजना के संबंध में आवश्यक जानकारी कार्यालय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से प्राप्त की जा सकती है।

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