बीकानेर, 2 जनवरी। भूदान आवंटी किसानों को खातेदारी अधिकार दिए जाने के लिए मंगलवार को छत्तरगढ़ के तहसील परिसर में शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल तथा राजस्थान भूदान बोर्ड के अध्यक्ष रामनारायण नागवा ने 198 किसानों को खातेदारी वितरित कर नववर्ष की सौगात दी।
किसानों को संबोधित करते हुए नागवा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे की संवेदनशील पहल से क्षेत्र के काश्तकारों की दशकों पुरानी समस्या का समाधान हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा भविष्य में भी किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य किया जाएगा। उन्होंने भूदान बोर्ड की भूमियों के विवाद को लेकर अधिकारियों से चर्चा की तथा उनके निस्ताण का भरोसा दिलाया।
संसदीय सचिव डॉ. विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि क्षेत्र के किसानों की समस्याओं का निस्तारण करवाना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा इसके लिए वे सदैव प्रयासरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों को खातेदारी दिए जाने से किसानों के चेहरों पर मुस्कान लौटी है। उन्हाेंने कहा कि शेष काश्तकारों के प्रकरणों का निस्तारण भी अतिशीघ्र करवाया जाएगा।
इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी राजेश नायक, तहसीलदार सुरेश राव, वृताधिकारी पुलिस इस्माइल खान, सहीराम दुसाद, जालमसिंह भाटी, राकेश सिंह सहोत्रा, प्रशांत सिहाग सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं ग्रामीण मौजूद थे।
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यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष भवानी शंकर शर्मा को श्रद्धासुमन अर्पित
बीकानेर, 2 जनवरी। पूर्व महापौर तथा नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष भवानी शंकर शर्मा की स्मृति में मंगलवार को नगर विकास न्यास की ओर से श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस दौरान भवानी शंकर शर्मा के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की गई तथा दो मिनट मौन रखते हुए उनकी आत्मा की शांति की कामना की गई।
नगर विकास न्यास के अध्यक्ष महावीर रांका ने कहा कि ‘भवानी भाई’ ने न्यास अध्यक्ष के पद पर रहते हुए जो कार्य किए, उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। वे सादगी व शालीनता की प्रतिमूर्ति थे। उनका निधन बीकानेर के लिए अपूरणीय क्षति है। न्यास सचिव आरके जायसवाल ने कहा कि भवानी शंकर शर्मा ने कई पदों को सुशोभित किया तथा अपने कार्यकाल के दौरान जनहित के अनेक कार्य किए। यूआइटी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमता बेजोड़ थी। वे सभी को साथ लेकर चलते थे।
श्रद्धांजलि सभा के दौरान लेखाधिकारी तुलसीराम चौधरी, दुर्गाशंकर आचार्य, राजेन्द्र व्यास, सुरेश लोहिया, श्रीरतन व्यास तथा सुनील गुजर सहित अनेक कार्मिकों ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।