प्रधानमंत्राी रोजगार सृजन कार्यक्रम अन्तर्गत 218.44 लाख रूपये की ऋण राशि की अभिशंषा

बीकानेर, 27 फरवरी। जिला कलक्टर अनिल गुप्ता की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्टेªट सभागार में जिला स्तरीय टास्क फोर्स कमेटी की बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रधानमंत्राी रोजगार सृजन कार्यक्रम अन्तर्गत जिला उद्योग केन्द्र, खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग एवं राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड को शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से ऑनलाइन प्राप्त 38 आवेदन पत्रों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया।
जिला उद्योग केन्द्र महाप्रबन्धक आर के सेठिया ने बताया कि बैठक के दौरान कुल 32 आवेदन पत्रों पर 218.44 लाख रूपये की ऋण राशि की अभिशंषा की गई तथा 6 आवेदन पत्रा विभिन्न कारणों से निरस्त किए गए। इसके तहत जिला उद्योग केन्द्र को प्राप्त 173.94 लाख रूपये की ऋण राशि के 25 आवेदन पत्रों, राजस्थान खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड को प्राप्त 35.50 लाख रूपये की ऋण राशि के 5 आवेदन पत्रों तथा खादी तथा ग्रामोद्योग आयोग के 9 लाख रूपये की ऋण राशि के 2 आवेदन पत्रों का चयन किया गया।
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केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान द्वारा दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण प्रारम्भ
बीकानेर, 27 फरवरी। बीछवाल स्थित केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान द्वारा दो दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम मंगलवार को प्रारम्भ हुुआ। प्रशिक्षण का उद्घाटन करते हुए सस्थान के निदेशक प्रो. पी. एल. सरोज ने कृषकों को शुष्क क्षेत्रा में उगाई जाने वाली बागवानी फल व सब्जियों को उगाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि कम पानी में पैदा होने वाले फलों में बेर, आंवला, अनार, खजूर, गोंदा आदि तथा सब्जियों में केर, सांगरी, काचरी, काकडि़या जैसी सब्जियों के उन्नत बीजों अथवा पौधों का चयन कर समुचित वैज्ञानिक प्रबन्धन के द्वारा अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने पानी के समुचित प्रबन्धन की उपयोगिता को समझाया।
उपनिदेशक कृषि एवं पदेन निदेशक आत्मा के बी. आर. कड़वा ने कहा कि इस संस्थान ने शुष्क बागवानी की बहुत सी उन्नत तकनीक विकसित की हैं जो इन दिनों किसानों के मध्य लोकप्रिय होती जा रही हैं। उन्होंने किसानों से इस संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों को सीख कर अधिक लाभ लेने की अपील की। प्रशिक्षण में दो तकनीकी सत्रों के तहत वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत उत्पादन तकनीक की जानकारी दी। फसल उत्पादन विभाग के अध्यक्ष डॉ. बी. डी. शर्मा ने शुष्क बागवानी के अन्तर्गत उगाए जाने वाले फलवृक्षों के पोषण प्रबन्धन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किसी भी पौधे के पूर्ण विकास में 16 पोषक तत्वों की भागीदारी होती है। अच्छे उत्पादन के लिए इस सभी पोषक तत्वों की सही मात्रा एवं सही समय पर देना जरूरी है। फसल सुधार विभाग के अध्यक्ष डॉ. धुरेन्द्र सिंह ने अपने व्याख्यान में गर्म शुष्क क्षेत्रा में उगाए जाने वाले फलों की उन्नत और नवोन्वेषी कृषि तकनीक की जानकारी दी। उन्होंने जैव तकनीकी पर आधारित ऊतक संवर्धित पौधे लगाने की सलाह दी। संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मुकेश कुमार जाटव ने किसानों को कम लागत के अधिक उत्पादन के लिये अपनायी जाने वाली तकनीकियों की जानकारी दी। उन्होंने मिट्टी जांच में अपनाने वाली सावधानियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पोषक तत्वों की कमी की पूर्ति के लिये किसानों को आवश्यक वैज्ञानिक उपाय सुझाए। कीट वैज्ञानिक डॉ. श्रवण एम. हलधर ने सब्जियों व फल वृक्षों में लगने वाले प्रमुख कीट और व्याधि और इनके प्रकोप को दूर करने के लिये कम खर्चीले उपाय भी बताये। इस अवसर पर सहायक निदेशक आत्मा अमर सिंह भी उपस्थित थे। प्रशिक्षण के संयोजक डॉ. शिव राम मीना ने किसानों का स्वागत किया और उद्धाटन समारोह के अंत में सहायक निदेशक आत्मा मोहन लाल गोदारा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उपनिदेशक कृषि एवं पदेन निदेशक आत्मा, के विभागीय सहयोग से किये जा रहे इस प्रशिक्षण में जिले के आसपास के क्षेत्रों के 30 किसान भाग ले रहे हैं।
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बुधवार को प्रोफेसर डॉ मोहम्मद सलीम देखेंगे कार्यभार
बीकानेर, 27 जनवरी। पीबीएम अस्पताल व सम्बद्ध चिकित्सालय समूह के अधीक्षक पी के बेरवाल के बुधवार को जयपुर प्रवास के चलते सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ मोहम्मद सलीम उनके स्थान पर कार्यभार देखेंगे।

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