विभिन्न ऋण योजनाओं के पात्रा व्यक्तियों को मिले बैंक ऋण

लंबित आवेदन पत्रों के धीमे निस्तारण पर जताया असंतोष
बीकानेर, 4 अप्रैल। जिला कलक्टर अनिल गुप्ता की अध्यक्षता में बुधवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिला स्तरीय समीक्षा समिति (डीएलआरसी) की बैठक आयोजित की गई।
गुप्ता ने सरकार द्वारा प्रायोजित विभिन्न ऋण योजनाओं की प्रगति समीक्षा करते हुए, इन योजनाओं के तहत विभिन्न बैंकों में लंबित आवेदन पत्रों के धीमे निस्तारण पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने निर्देश दिए कि निस्तारण में अनावश्यक देरी करने पर संबंधित बैंक अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की अभिशंषा की जाए। उन्होंने कहा कि बैंक अधिकारी बैठक में कार्य प्रगति की अद्यतन रिपोर्ट व तुलनात्मक आंकड़े लेकर उपस्थित हों, जिससे प्रगति की सही तस्वीर सामने आए। उन्होंने बैंकर्स द्वारा ‘एक्शन टेकन रिपोर्ट’ प्रस्तुत नहीं करने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि प्रशासन व बैंक अधिकारी समंवय के साथ कार्य करते हुए, जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत सभी पात्रा व्यक्तियों को बैंक ऋण दिलवाएं।
आरबीआई के एलडीओ जे.पी.जोइया ने बैठक में बिना सूचना के अनुपस्थित अधिकारियों की जानकारी, संबंधित बैंकांे के उच्चाधिकारियों को देने की बात कही। उन्होंने सभी बैंक शाखाओं में लोन रजिस्टर अद्यतन रखने व बैंकों में लंबित आवेदन पत्रों की सूची तत्काल प्रस्तुत करने हेतु प्रबंधकों को निर्देशित किया।
बैठक में बताया गया कि वित्तीय समावेशन योजना में 31 दिसम्बर 2017 तक 695 बीसी द्वारा 5.21 लाख खाते खोले गए हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत 485.01 करोड़ रुपये के, 19 हजार 200 नए केसीसी जारी किए गए हैं। अब तक कुल 1 लाख 50 हजार सक्रिय केसीसी खाते हैं। सोलर पम्पसेट योजना के तहत 135 पम्प के लिए वित्त पोषण दिया गया है। ई-शक्ति एसएचजी क्रेडिट लिंकेज के तहत 4 हजार 165 एसएचजी में से केवल 800 का क्रेडिट लिंक होने पर जिला कलक्टर ने असंतोष जताया।
बैठक में जिला उद्योग केन्द्र महाप्रबंधक आर.के. सेठिया, डीडीएम नाबार्ड भूपेन्द्र कुमावत, जिला अग्रणी प्रबंधक एन.के. गौड, एससी-एसटी निगम के एल.डी. पंवार, खादी के संभागीय अधिकारी शिशुपाल सिंह, आरसेटी निदेशक प्रभुदयाल सहित विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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