जातिवाद समाप्त क्यों नहीं हो रहा विषय पर संवाद

दो दशक एक नजर फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन
बीकानेर गौरव सम्मान- श्री गौरीशंकर व्यास को

अजित फाउण्डेशन वार्षिक उत्सव के दौरान संवाद श्रृंखला के अन्तर्गत ‘‘जातिवाद समाप्त क्यों नहीं हो रहा’’ विषय पर प्रो. सतीश देशपाण्डे का व्याख्यान आयोजित हुआ। उन्होंने इस ज्वलंत विषय पर अपने उद्बोधन देते हुए कहा कि जाति एक नदी की तरह है इसके दो छोर होते है। इस पर हमें सकारात्मक नजरिये से देखना होगा। उन्होंने कहा कि जाति क्यों नहीं जाती इसके पीछे कई सवाल है। जिसके तीन मुख्य जवाब दिए जा सकते है। पहला जवाब यह है कि जाति से जुड़े तरह-तरह के स्वार्थ है दूसरा यह कि जाति बहुत जटिल एवं व्यापक संस्थान है तथा तीसरा जवाब जाति को हम सही ढंग से समझ नहीं पा रहे है। जाति को आंशिक दृष्टि से ही देखा जा रहा हैं सही मायनों में यह एक परस्पर संबंध है न कि कोई तत्व।
योग्यता की बजाय जाति को देखना अतिदृश्यता है तथा योग्यता देखकर जाति न देखना अदृश्यता है। इन दोनो आयमों के अलगाव और उच्च-नीच से जो संबंध बनता है वहीं जाति कहलाती है। ऐसे हालात में कुछ समुदाय आरक्षण के लिए जातिवाद से जुड़ाव रखना पसन्द करते है। चुनावी व्याकरण से भी जाति प्रभावित होती है। दो विभिन्न समुदायों में अपासी संवाद नहीं होने से ही जातिवाद की समस्या हल नहीं हो पा रही है। जाति को लेकर सबसे पहले 1930 के दशक में एक विशेष मोड आया। जब पूना एक्ट के तहत बिट्रिश सरकार ने दलित तथा आदिवासी वर्गों के लिए अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्र घोषित कर दिए। दूसरा चरण 26 जनवरी 1950 में आया जब भारतीय नागरिक विशुद्ध नागरिक कहलाया। संविधान में आरक्षण की व्यवस्था लागू हुई जिसका विरोध कुछ समय बाद आरम्भ हो गया। इसके बाद सन् 1990 के मंडल विस्फोट से यह तथ्य सामने आया कि द्विज अथवा स्वर्ण जाति एक छोटा सा अल्पसंख्यक समुदाय ही है। इस तथ्य के उजागर होते ही राजनीति में बदलाव आना शुरू हो गया। तब से आज का दौर अनिश्चित जाति व्यवस्था का हो गया है जिसकी जटिलताएं दिनो-दिन और भी जटिल होती जा रही है।
कार्यक्रम के अगले चरण में शिक्षाविद् एवं समाजशास्त्री श्री गौरीशंकर व्यास को बीकानेर गौरव सम्मान से विभूषित किया गया। श्री व्यास ने इस अवसर पर कहा कि यह पुरस्कार मुझे नहीं बिनानी कन्या महाविद्यालय को देना चाहिए। कॉलेज निर्माण की यात्रा से लेकर अब तक की गतिविधियों पर प्रकाश डाला तथा बिनानी कन्या महाविद्यालय को महिला शिक्षा में अग्रणी बनाने का उद्देश्य प्रकट किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का परिणाम ही मेरी संतुष्टि का आधार है।
प्रातः 10ः30 बजे अजित फाउण्डेशन की उपाध्यक्षा श्रीमती लक्ष्मी देवी व्यास ने ‘‘दो दशक: एक नजर’’ फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन अपने कर कमलो से किया। इस अवसर पर श्रीमती व्यास ने कहा कि प्रदर्शनी में चस्पा किए गए फोटो 24 वर्षों की गतिविधियों की यात्रा करवाते है।

संजय श्रीमाली
अजित फाउण्डेशन
बीकानेर

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