ओआरएस और जिंक की गोली पहुंचेगी घर-घर

गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा 28 मई 9 जून तक
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बीकानेर। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त तथा कुपोषण के कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने व जनजागरण के उद्देश्य से गहन दस्त नियंत्रण पखवाडा (आई.डी.सी.एफ.) 28 मई से 9 जून तक चलाया जायेगा। पखवाड़े के दौरान 5 वर्ष तक के बच्चों वाले सभी घरों में आशा सहयोगिनियों के मार्फत एक-एक ओआरएस का पैकेट पहुंचाया जायेगा। सभी चिकित्सा संस्थानों व आंगनबाडी केन्द्रों पर ओआरएस व जिंक काॅर्नर बनाकर घोल तैयार करने व उपयोग के तरीके का प्रदर्शन किया जाएगा। अभियान के तहत दस्त से पीड़ित 5 वर्ष तक के बच्चों को चिन्हित कर उन्हें ओआरएस का पैकेट एवं जिंक टेबलेट निःशुल्क उपलब्ध करवाई जायेगी। एनएचएम के तत्वावधान में 2014 से मानसून व ग्रीष्म ऋतु में गहन दस्त नियंत्रण पखवाडे का आयोजन किया जा रहा है। गत वर्ष 2017 में प्रदेशभर के 67.26 लाख बच्चों व उनके परिवारों को ओआरएस व जिंक की गोलियां उपलब्ध कराई गई थी। अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु गुरुवार को स्वास्थ्य भवन सभागार में जिला स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया।
आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता ने पखवाड़े के दौरान जनसमुदाय को स्वच्छता, पौष्टिक आहार, हाथ धोने के सही तरीके, चिकित्सा संस्थानों की ओपीडी/आईपीडी व आंगनबाडी केन्द्रों पर ओआरएस व जिंक काॅर्नर की स्थापना कर ओआरएस वितरण करने, अल्प पोषित बच्चों की पहचान एवं उपचार तथा दस्त रोकने संबधी बातों की जानकारियांे के बारे में जागरूक करने, शहरी क्षेत्र के स्लम एरिया में विशेष फोकस कर कार्य करने व ओआरएस व जिंक काॅर्नर पर आईईसी डिस्प्ले करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि दस्त एवं कुपोषण से होने वाली बीमारियों के प्रति आमजन में जनजागृति लाने के लिए जनप्रतिनिधियों, आशा, एएनएम, व आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के सहयोग से अपने-अपने क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार किया जावे। अभियान की सफलता के लिए पीएचईडी, शिक्षा व महिला एवं बाल विकास विभाग का सहयोग भी लिया जायेगा। कार्यशाला बीसीएमओ डॉ. अनिल वर्मा ने दस्त नियंत्रण पखवाड़े के पोस्टर का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर डॉ. मंजुलता शर्मा, बीसीएमओ डॉ. सुरेन्द्र चैधरी, एनयूएचएम सलाहकार नेहा शेखावत, डॉ. एम. अबरार पंवार, डॉ. सागरमल शर्मा, डॉ. वैभव पंवार, डॉ. राजेश धवल, डॉ. लोकेश गुप्ता, बीपीएम दिनेश रंगा, ऋषि कल्ला, हेतराम बेनीवाल, अल्ताफ अली, राकेश थालोड़ व फारूक कोहरी सहित बीएचएस, पीएचएम व चिकित्सा अधिकारी मौजूद थे।
भारत में प्रतिवर्ष दस्त से मर जाते हैं 5 वर्ष से कम उम्र के 1.2 लाख बच्चे
डॉ. गुप्ता ने बताया कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु में से 10 प्रतिशत यानिकी भारत में 1.2 लाख बच्चे व राजस्थान में 12 हजार से ज्यादा बच्चे प्रतिवर्ष दस्त की वजह से मर जाते हैं जो कि बहुत आसानी से रोका जा सकता है। ये मौतें अधिकतर गर्मी व मानसून के समय होती हैं इस लिए आई.डी.सी.एफ. यानिकी गहन दस्त नियंत्रण पखवाड़े को जून में मनाया जा रहा है। दस्त व निर्जलीकरण से होने वाली मृत्यु को ओआरएस व जिंक की गोली देकर साथ में पर्याप्त पोषण देकर रोका जा सकता है। साथ ही दस्त की रोकथाम के लिए साफ पानी पीना, समय-समय पर हाथों को साफ पानी व साबुन से धोना, स्वच्छता, टीकाकरण, स्तनपान व पोषण का अहम योगदान होता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी
बीकानेर

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