सरकार दलित अत्याचारों की अनदेखी ना करे- बडेरा

सरकार दलित अत्याचारों की अनदेखी ना करे यह बात दलित नेता भारत बन्द संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लिखे पत्र में कही बडेरा ने लिखा कि 02 अप्रैल भारत बन्द के दौरान बाड़मेर के अम्बेडकर सर्किल पर दलित विरोधी सामन्ती तत्व लाठियां लेकर सैकड़ो की संख्या में हमला करने की नीयत से खड़े थे जिनके पास स्थानीय पुलिस साथ खड़ी थी लाठियों से लैंस सामन्ती तत्व अनुसूचित जाति व जन जाति के लोगों पर हमला करके ओमप्रकाश को घायल कर दिया जिसको हॉस्पीटल ले जाने पर जोधपुर रेफर कर दिया इसी तरह गोरधन राम पर हमला कर घायल कर दिया तथा रैली व बन्द समर्थको पर खुले आम पत्थर व कांच की बोतले फेंककर चोटिल कर रहे थे इन सामन्ती तत्वों को स्थानीय पुलिस सहयोग कर रही थी मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में भारत बन्द संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने बताया कि बाड़मेर पहुच रहे दलित समुदाय के लोगों को सामन्ती तत्वों व पुलिस वालों ने मिलकर दौड़ा दौड़ा कर पीटा और दलित लोग सर्किल के पास स्थित पहाड़ो पर चढ़कर अपनी जान बचाई तथा एडवोकेट सुरताराम मेघवाल को पुलिस व सामन्ती तत्व मिलकर दौड़ा दौड़ाकर पीटा मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि स्थानीय पुलिस हमलावरों के साथ में मिलकर बन्द समर्थक दलितों को बेरहमी से यातना दे रहे थे

मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि 02 अप्रैल को पुलिस ने बेकसूर लोगो को थाने में ले जाकर अमानवीय यातनाऐ दी परिजनों को मिलने नही दिया तथा तीन जनों के हाथ पैर पुलिस ने तोड़कर घायल करके पुलिस लाइन में छिपा दिया पुलिस ने अपने गुनाह को छिपाने के लिये सरकारी डॉक्टरो को पुलिस लाइन में बुलाकर घायल जटिया समाज के अध्यक्ष उमाशंकर वगैरा को दिखाया डॉक्टरो की सलाह पर पुलिस ने घायल लोगों को अस्तपताल में भर्ती कराकर अवैध निगरानी में रखकर परिजनों से मिलने तक नही दिया

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बडेरा ने बताया कि पुलिस व सामन्तो का दलित समुदाय इस अत्याचार का विरोध करना चाहते थे मगर पुलिस व सामन्तो के अत्याचारों पर दलित वर्ग की आवाज दबाने के लिये बाड़मेर जिला कलेक्टर एम नकाते ने 02 अप्रैल की दोपहर बाद बाड़मेर में धारा 144 लगाकर लोगों को एकत्रित होने व अपनी आवाज सरकार तक पहुचाने पर रोक लगाकर बाड़मेर कलेक्टर एम नकाते ने पुलिस व अत्याचारीसामन्तो के अत्याचारों को सहयोग दिया

बडेरा ने बताया कि पुलिस ने दलितों की सबक सिखाने के लिए दलितों के विरूद्ध फर्जी व झूठे मुकदमे श्रखलाबन्द दर्ज करके पुलिस बड़ी तादाद में दलित आन्दोलन कारियों की बेवजह जाति पूछकर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और एक महीने से अधिक समय तक दलित लोग जेलों में रहे जिससे दलितों की सरकार से नाराजगी बढ़ी है

भारत बन्द संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि दलितों की चार गाड़िया जलाकर भारी नुक्सान करने वालों के विरुद्ध स्थानीय पुलिस ने दलित गाड़ी मालिको को बुलाकर मुकदमा दर्ज करने की बजाय पुलिस ने गाड़ी जलाने वाले अपराधियों को बचाने के लिये पुलिस ने स्वयं अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सैकड़ो सामन्ती आरोपियों को बचा लिया था पुलिस हिरासत में हाथ पैर तोड़ने वाले पुलिस अधिकारियों को बचाने के लिये पीड़ित परिवारों के घर वालो के मन में खोफ पैदा कर अस्तपताल में गैर क़ानूनी रूप से पुलिस निगरानी में रखा

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बडेरा ने बताया कि 02 अप्रैल से 13 अप्रैल तक जिला कलेक्टर ने धारा 144 लगाकर दलित वर्ग की आवाज को बन्द कर सरकार के विरुद्ध नफरत का माहौल उत्पन्न किया दलित लोगो को पुलिस ने फर्जी व झूठे मुकदमे में फंसाकर गैर क़ानूनी गिरफ्तारियां करके यातनाये देकर मानव अधिकारों का उल्लघंन किया

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में बन्द संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने बताया कि पुलिस बदले की भावना व सारी कार्यवाही एक तरफ़ा करके सरकार के खिलाफ जनता में नफरत का माहौल सोची समझी रणनीती के तहत षड्यन्त्र है दलितों पर पुलिस के सामने हमला करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नही करके पुलिस ने आमजन में विश्वास खो दिया है बन्द संयोजक लक्ष्मण बडेरा ने मुख्यमंत्री को आगाह किया कि दलितों पर अत्याचार करने वालो के विरुद्ध कार्यवाही नही की तो बाड़मेर में सरकार के विरुद्ध बड़े पैमाने पर विशाल आन्दोलन होगा दलित जातियों के संगठनों की आन्दोलन हेतु सूचियाँ तैयार हो चुकी है सरकार समय रहते अपेक्षित कार्यवाही करे

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