सातों संभागों में सिन्धु शोध पीठ खोलने के प्रयास किये जायेंगे

तीन दिवसीय अखिल भारतीय सिन्धी अकादमी सम्मेलन सम्पन

प्रो. वासुदेव देवनानी
उदयपुर, 22 जून (वि.)। राजस्थान के सातों संभागों में सिन्धी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु सिन्धु शोध पीठ की स्थापना के प्रयास राज्य सरकार के स्तर पर किये जायेंगे, उक्त विचार स्थानीय हिलटॉप होटल में झूलेलाल सेवा समिति के सहयोग से 20 से 22 जून तक आयोजित तीन दिवसीय अखिल भारतीय सिन्धी अकादमी सम्मेलन के समापन समारोह के मुख्य अतिथि पद से बोलते हुये शिक्षा राज्य मंत्री वासुदेव देवनानी ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कई प्रान्तों में मंत्री मण्डल में सिन्धी समाज के मंत्री प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन पूरे देश में मात्र एक राजस्थान ही हैं जहां राज्य मंत्री मण्डल में सिन्धी समाज के दो मंत्रियों को प्रतिनिधित्व के साथ राज्य सरकार द्वारा पहली बार अकादमी अध्यक्ष को राज्य मंत्री स्तर का दर्जा दिया गया है, यह सिन्धी समाज की एकता का परिचायक है एवं सिन्धी समाज के लिये गौरव का विषय है।
सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुये प्रेम प्रकाश आश्रम अजमेर के स्वामी ओम प्रकाश शास्त्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि माननीय श्री देवनानी जी प्रयासों से रेल मंत्रालय द्वारा जयपुर से ब्रान्दा जाने वाली अरावली एक्सप्रेस रेल का नाम अमरापुर अरावली एक्सप्रेस किया गया है, इसके लिये सिन्धी समाज उनका हार्दिक आभारी है।
अकादमी अध्यक्ष श्री हरीश राजानी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अखिल भारतीय सिन्धी अकादमी सम्मेलन पूर्ण रूप से सफल रहा, इसके लिये उदयपुर सिन्धी समाज एवं सभी अकादमियों से आये हुये प्रतिभागी धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने माननीय स्वायत्त शासन मंत्री श्रीचंद कृपलानी एवं शिक्षा राज्य मंत्री प्रो0वासुदेव देवनानी के प्रयासों की प्रशंसा करते हुये कहा कि उनके द्वारा दिये गये सहयोग से ही अकादमी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन कर पा रही है। उन्होंने अकादमी के बजट में वृद्धि, अकादमी अध्यक्ष को राज्य मंत्री स्तर का दर्जा एवं छात्रवृति/प्रोत्साहन राशि में तीन गुना वृद्धि के लिये माननीय मुख्य मंत्री वसुन्धरा राजे का भी हार्दिक आभार प्रकट किया।
अखिल भारतीय सिन्धी अकादमी सम्मेलन में छत्तीसगढ़ सिन्धी अकादमी के अध्यक्ष श्री अमित जीवन जिन्हें राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त है ने राजस्थान सिन्धी अकादमी द्वारा राज्यस्तरीय सिन्धी आइडल गायन प्रतियोगिता एवं अखिल भारतीय सिन्धी अकादमी सम्मेलन के सफल आयोजन के लिये अकादमी अध्यक्ष श्री हरीश राजानी एवं उदयपुर की पूज्य सिन्धी पंचायतों की भूरी-भूरी प्रशंसा की एवं उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सिन्धी अकादमी द्वारा 12 विषयों यथा राष्ट्रभक्ति, स्वास्थ, विज्ञान, राजनीति, कला एवं संस्कृति आदि विषयों पर 10 हजार लेखकों से लेख आमंत्रित कर उन्हें सम्मानित किये जाने की योजना पर कार्य किया है। उन्होंने भाषा को रोजगार से जोड़ने के प्रयासों पर बल दिये की आवश्यकता बताई।
राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् के निदेशक डा0 रवि टेकचंदानी ने कहा कि देश की सभी अकादमियों में से राजस्थान सिन्धी अकादमी सबसे अच्छा कार्य कर रही है। उन्होंने भाषा के विकास के लिये सबकी भागीदारी पर बल देते हुये कहा कि भाषा का विकास केवल अकादमियों की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिये साहित्यकारों एवं समाज को आगे आना होगा। उन्होंने अकादमियों का आवह्ान किया कि कम से कम वर्ष में पांच कार्यक्रम आपसी सामन्जस्य से करने के लिये राष्ट्रीय सिन्धी भाषा विकास परिषद् सेतु का कार्य करने के लिये तैयार है।
सम्मेलन में गुजरात सिन्धी साहित्य अकादमी के सहायक रजिस्ट्रार डा0जेठो लालवानी, मध्यप्रदेश सिन्धी साहित्य अकादमी के निदेशक श्री राजेन्द्र प्रेमचंदानी, समाजसेवी प्रभुदास पाहुजा, समाजसेवी श्री प्रतापराय चुघ आदि ने भी विचार व्यक्त किये। अकादमी सचिव ईश्वर लाल मोरवानी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अन्त में पलव एवं राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

(ईश्वर लाल मोरवानी)
सचिव

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