नंदी गौशाला घोषणा है घोषणाओं का क्या, ग्वाल संत ने जताया क्षोभ

बीकानेर 19 जुलाई 2018 । देशनोक में गौ गुरु गोविंद पूर्णिमा महोत्सव के तहत गौ कथा करने पहुंचे पदयात्री ग्वाल संत ने क्षोभ प्रकट किया कि. निराश्रित पशुओं को लेकर राजनीतिक दल आंदोलन के नाम पर लोगों की भावनाओं से खेलते हैं हालांकि ऐसे आंदोलनों की प्रभाव से सरकार ने नंदी गौशाला संबंधी घोषणा की लेकिन घोषणाओं को जब तक मूर्त रूप नहीं मिलता तब तक घोषणाओं का क्या औचित्य। ग्वाल संत ने एक सवाल के जवाब में कहा उनके गौ संरक्षण को लेकर 31 वर्ष के संकल्प के साथ 6 वर्ष से निकली पदयात्रा के लिए किसी भी राजनीतिक दल ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया और ना ही वह स्वयं ऐसा चाहते हैं कि राजनीतिक सहयोग मिलें लेकिन राजनीति से जुड़े लोगों का यह कर्तव्य है कि भारतीय संस्कृति के मूल में रही गौ माता को उसका उचित दर्जा फिर से दिलवाने के प्रयासों में सहयोग करें बल्कि अपनी ओर से पहल करके घर घर गाय की भारतीय पुरातन परंपरा को पुनर्जीवित करें।

-✍️ मोहन थानवी

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