देव एजुकेशन इस हौसले को सलाम करता है

नाम – अशरफ , पिता का नाम – दिलशाद हुसैन
मुरादाबाद , यु.पी.

अशरफ के पिता की पंक्चर बनाने की दूकान है , आज से ग्यारह साल पहले हर रोज की तरह अशरफ जो की उस वक़्त महज दस साल का था , दूकान पर पिता की मदद करने में जुटा था |
तभी हवा के दबाव से एक ट्रक के पहिये का रिम गोली की तेजी से अशरफ की तरफ छिटक कर उड़ता हुआ आया | मासूम अशरफ ने खुद को बचाने के लिए दोनों हाथ ऊपर किये , और वो रिम उसके दोनों हाथो को काटता हुआ दूर जा गिरा | उस दुर्घटना ने अशरफ को मजबूर कर दिया की वो दुसरो के भरोसे अपनी जिंदगी बिताये | लेकिन हार न मानने वाले अशरफ ने न सिर्फ अपनी बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी की बल्कि आज अशरफ साइकिल , मोटरसाइकिल , कार सब कुछ चला लेता है और अपने रोजमर्रा के काम भी खुद ही करता है |
बकौल अशरफ ,
सोचा आखिर कब तक दुसरो के भरोसे रहता इसलिए सोचा अपनी लड़ाई खुद लड़ूँ क्योकि इससे बुरा तो और कुछ हो ही नहीं सकता था जो अल्लाह ने मेरे साथ पहले ही कर दिया था | लेकिन उसी अल्लाह का करम है की मै आज सलामत हूँ |
देव एजुकेशन के उम्मीद कार्यक्रम के माध्यम से हमने अशरफ को बैचलर इन फार्मेसी में एडमिशन दिलाया , और उसके पढ़ाई के पुरे खर्च की जिम्मेदारी भी देव एजुकेशन ने अपने जिम्मे लिया है | अशरफ जब तक चाहे पढ़ सकता है उसकी पढाई की फ़ीस देव एजुकेशन देगी |
हम सब जो जिंदगी में आने वाली छोटी छोटी परेशानियों से घबरा जाते है , उन सब के सामने अशरफ एक मजबूत चट्टान की तरह खड़ा है |
आप सब दोस्तों से निवेदन है की अगर अशरफ की कहानी आपको प्रभावित करती है तो इसे शेयर जरूर करे | जिससे की समाज के हर वर्ग को अपने परशानियों से लड़ने का हौसला मिल सके |

निशुल्क हेल्प्लायन 1800 102 9097

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