थार में तेल उत्पादन के नौ वर्ष पूर्ण

बाड़मेर तेल उत्पादन का दसवें वर्ष में प्रवेश

वर्ष भर होंगे विभिन्न आयोजन

बाड़मेर, 28 अगस्त। कच्चे तेल की शून्य से शिखर की गौरवपूर्ण यात्रा को रिकॉर्ड समय में पूरा करने वाले बाड़मेर के तेल क्षेत्रों से उत्पादन के नौ वर्ष बुधवार को पूर्ण होंगे। राजस्थान के पहले उत्पादक तेल क्षेत्र ने देश के अग्रणी ब्लॉक के रूप में अपनी पहचान कायम कर राजस्थान को विश्व तेल मानचित्र पर स्थापित कर दिया है। क्रूड ऑयल उत्पादन के दसवें वर्ष में प्रवेश से शुरू होने वाले आयोजन पूरे साल भर विभिन्न स्तरों पर आयोजित किये जायेंगे।

बाड़मेर-सांचौर बेसिन में तेल और गैस भंडारों की खोज और उत्पादन के साथ ही स्थानीय लोगों की सहभागिता के कारण बाड़मेर राष्ट्रीय स्तर पर त्वरित विकास का प्रतीक बन चुका है। देश के घरेलू उत्पादन में सर्वाधिक योगदान देने वाले क्षेत्रों में सम्मिलित होने के अलावा प्रति व्यक्ति आय जैसे मानकों पर भी ये जिला अब अग्रणी है। बाड़मेर के तेल क्षेत्रों में जो सफलता हासिल हुई है, उसने राजस्थान को दुनिया के तेल और गैस मानचित्र पर एक दमकते सितारे के रूप में स्थापित किया है।

बाड़मेर के तेल भंडारों ने कई रिकॉर्ड कायम करवाए हैं। इनमें सबसे तेज़ गति से प्रोजेक्ट कार्यों के द्वारा ‘खोज से उत्पादन’, विश्व की सबसे लम्बी सतत ऊष्मीय तेल पाइपलाइन को रिकॉर्ड समय में बिछाने का रिकॉर्ड भी शामिल है। गत नौ वर्षों के दौरान हाइली मोबाइल रिग, वेल पेड़ तकनीक, हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग और सबसे बड़े ‘उन्नत तेल प्राप्ति’ (ईओआर) का रिकॉर्ड भी बाड़मेर के तेल क्षेत्रों के नाम है।

थार रेगिस्तान के इतिहास ने सुनहरी करवट 2005 में तब ली थी जब भारत के सबसे बड़े ज़मीनी तेल भंडार को बाड़मेर में खोजा गया। इस तेल खोज का नाम मंगला किया गया। अब तक बाड़मेर-सांचोर बेसिन में 38 तेल और गैस खोजें हो चुकी हैं। 29 अगस्त 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने वॉल्व घुमाकर थार से तेल के प्रथम बैरल उत्पादन की शुभ शुरुआत की। वर्तमान में बाड़मेर के तेल क्षेत्रों से रोज़ाना एक लाख साठ हज़ार बैरल से अधिक का तेल उत्पादन किया जा रहा है। केयर्न द्वारा बाड़मेर बेसिन में अब तक 9 अरब डॉलर से अधिक का निवेश हुआ है। राज्य को इस उत्पादन से साढ़े पांच अरब डॉलर से ज़्यादा राजस्व के रूप में प्राप्त हुए हैं। निवेश किया गया धन स्थानीय उद्यमियों और कामगारों को एक नयी पहचान दिलवा चुका है।

यह यात्रा अब अगले चरण में पहुँच चुकी है। वेदान्ता -केयर्न ने नयी ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) के तहत ऑयल व गैस एरिया की पहली नीलामी में प्रस्तावित सभी 55 क्षेत्रों के लिए बोली लगाई है। इन बोलियों में अव्वल रही केयर्न ने राजस्थान में 10 ब्लॉक के लिए बोली लगाई है। इनमें से सात ब्लॉक्स बाड़मेर में और तीन जैसलमेर में स्थित हैं।यह कदम इस बात का संकेत है कि केयर्न, थार में तेल-गैस की संभावनाओं को लेकर बहुत उत्साही है और यहाँ भारी निवेश को तत्पर है। अगले दौर की अन्वेषण और उत्पादन गतिविधियों के चलते आर्थिक विकास के नए अवसर सामने आएंगे।

लगातार अकाल, कृषि और पशुपालन के अलावा जीविका अथवा आय के नगण्य विकल्प और सीमित ढांचागत विकास के कारण थार क्षेत्र में जीवन निर्वाह अपने आप में एक चुनौती माना जाता था। लेकिन अब तस्वीर ये एकदम बदल चुकी है। तेल और गैस की खोज और उत्पादन से जुडी गतिविधियों ने बाड़मेर को तेल नगरी के रूप में पहचान दी है। तेल क्षेत्र में सर्वाधिक स्थानीय रोज़गार सृजन हुआ है।

error: Content is protected !!