चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत 8 को

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बीकानेर के द्वारा दिनांक 08.09.2018 (शनिवार) को चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की जानी। इस संबंध में माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् मोहम्मद रफीक, कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा वीड़ियों कॅान्फ्रेेसिंग के माध्यम से समस्त न्यायिक अधिकारीगण को आगामी लोक अदालत को सफल बनाने हेतु दिशा निर्देश प्रदान किये।
जिसमें जिला मुख्यालय, बीकानेर एवम् प्रत्येक ताल्लुका नोखा/श्रीडूंगरगढ/कोलायत/लूणकरणसर/खाजूवाला मुख्यालय पर सभी प्रकृति के विवादों के निस्तारण व प्रि-लिटिगेशन और लम्बित प्रकरणों को समाहित करते हुए शमनीय दाण्डिक अपराध, अंतर्गत धारा 138, परक्राम्य विलेख अधिनियम, बैक रिकवरी मामले, एमएसीटी मामले, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण मामले, बिजली व पानी के बिल (चोरी के अलावा), मजदूरी, भत्ते और पेंशन भत्तों से संबंधित सेवा मामले, राजस्व मामले, अन्य सिविल मामले किराया, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा दावे एवं विनिर्दिष्ट पालना दावे) आदि का अधिकाधिक रूप से निस्तारण लोक अदालत के माध्यम से किया जाना।
श्रीमान् अध्यक्ष राजेन्द्र कुमार पारीक, जिला एवम् सेशन न्यायाधीश महोदय (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण) बीकानेर द्वारा यह बताया कि वर्तमान समय में वैकल्पिक विवाद निस्तारण का एक महत्वपूर्ण माध्यम लोक अदालत है लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को बिना किसी खर्चे के त्वरित न्याय मिलता है तथा पक्षकारों के समय, श्रम व धन की बचत होती है एवं लोक अदालत में पारित निर्णय की अपील नहीं होती है।

(राहुल चौधरी)
(अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजि.)
पूर्णकालिक सचिव
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण
बीकानेर

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