अन्नपूर्णा रसोई योजना रह गई नाम की

खाना वितरण में भारी अनियमितताएं
आयुक्त ने किया निरीक्षण, लगाई फटकार

बाड़मेर
राज्य सरकार द्वारा गरीबों को सस्ती दर पर खाना उपलब्ध कराने की अन्नपूर्णा रसोई योजना अब बस नाम की रह गई है। इस योजना के अंतर्गत गरीबों को बासी खाना परोसा जा रहा है तथा खाना वितरण में भारी अनियमितताएं बरती जा रही है। जिसके चलते लोगों को न तो पौष्टिक खाना मिल रहा है और न हीं इनका वितरण सही तरीके से हो रहा है। इससे पूर्व भी इस योजना के अंतर्गत कई गड़बढिया उजागार हो चुकी है लेकिन परिणाम आज भी वहीं ढ़ाक के तीन पात है। बुधवार को नगर परिषद आयुक्त अनिल झिंगोनिया ने ऐसी ही एक टेक्सी का निरीक्षण किया जिसमें अन्नपूर्णा रसोई योजना के तहत खाना वितरण किया जा रहा था। निरीक्षण में खाना वितरण में भारी अनियमितताएं पाई गई तथा खाना भी दोयम दर्जे का निकला। जिस पर आयुक्त झिंगोनिया ने रसोई यान के स्टाफ को जमकर फटकार लगाई तथा व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए।
पार्षद ने की शिकायत-इन्द्रा कॉलोनी वार्ड नम्बर 31 की पार्षद राजूदेवी मेघवाल ने शिकायत की थी कि अन्नपूर्णा रसोई यान उनके वार्ड में दिन में तीन बार आती है और यान स्टाफ टैक्सी को एक जगह खडी कर के एक ही घर में 40-50 प्लेटे खाने की दे देते है। वहीं इस खाने को बाद में कचरे में डाल दिया जाता है या पशुओं को डाल दिया जाता है। जिसके चलते खाने के नाम पर लाखों रूपये व्यर्थ बहाया जा रहा है।
निरीक्षण में निकली गड़बड़िया-आयुक्त अनिल झिंगोनिया ने बुधवार को अन्नपूर्णा रसोई यान का निरीक्षण किया तो उसमें भारी अनियमिततांए उजागर हुई। निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने जब गरीबां को परोसे जाने वाला खाना चखा तो बहुत ही घटिया क्वालिटी का निकला। वहीं खाना वितरण में भी गड़बढ़िया देखने को मिली। जिस पर आयुक्त ने रसोई यान संचालन कर रहे स्टाफ को जमकर फटकार लगाई। आयुक्त झिंगोनिया ने कहा कि खाना वितरण में अनियमितताएं इस कदर है कि मानों यह सब अपना टारगेट पूरा करने में लगे हुए है।
गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़-राज्य सरकार द्वारा गरीबों, श्रमिकों, मजदूरां व ऐसे लोंगों जिनके पास खाने के लिए पैसे बहुत कम है उनके लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना का शुभारम्भ किया गया था। जिसके तहत पांच रूपये में नाश्ता व आठ रूपये में पौष्टिक खाना अन्नपूर्णा रसोई यान के माध्यम से लांगो को वितरित किया जा रहा है। लेकिन यह योजना अब सिर्फ नाम की रह गई है। इस योजना में बासी खाना व अनियमित वितरण के द्वारा गरीबों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है तथा सरकारी कायदें नियमों की धज्जियां उडाई जा रही है। बाड़मेर में इससे पहले भी इस योजना के अंतर्गत गड़बढ़िया सामने आई थी। कभी तो इनकी दाल बासी हो जाती है तो कभी इनके खाने में जीव जंतु निकल आते है।
नतीजे कुछ भी नहीं-कुछ महिनें पहले राजकीय चिकित्सालय के बाहर खडी अन्नपूर्णा रसोई यान की दाल में मरी हुई छिपकली पाई गई थी। जिस पर काफी बवाल हुआ था। वहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा भी खाने बनाने की जगह का निरीक्षण भी किया गया था, वहां पर भी भारी गड़बढिया देखने को मिली थी। न तो जगह साफ और न हीं खाना। इसके बावजूद भी न तो कोई कार्रवाई हुई और न हीं खाने की गुणवता सुधरी।
इनका कहना है-अन्नपूर्णा रसोई योजना का निरीक्षण किया गया था जिसमें खाने की गुणवता ठीक नहीं थी और खाने वितरण में भी अनियमितताएं पाई गई। इसकी रिपोर्ट बनाकर आगे कार्रवाई के लिए भेजी जाएगी।
अनिल झिंगोनिया, आयुक्त नगर परिषद, बाड़मेर।

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