‘तुलसी का जीवन ऊर्जा व शक्ति से ओत-प्रोत’

आचार्यश्री तुलसी का जन्मदिवस ’’अणव्रत दिवस’’ के रूप में मनाया
गंगाशहर। नवम् अधिशास्ता गणाधिपति गुरुदेव आचार्यश्री तुलसी का जन्म दिवस ‘‘अणुव्रत दिवस’’ के रूप में गंगाशहर स्थित तेरापंथ भवन में शासनश्री मुनिश्री मुनिव्रतजी के सान्निध्य में आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान द्वारा आयोजित किया गया। मुनिश्री मुनिव्रतजी ने गुरुदेव तुलसी को स्वयं का निर्माता बताते हुए कहा कि उन्होंने अपनेे जीवन काल में इतना कार्य किया है वो निश्चित रूप से महान् पुरुष थे। कार्यक्रम का विषय परिवर्तन करते हुए प्रेम बोथरा ने कहा कि उस महान, विशाल व्यक्तित्व को हम किसी उपमा में उपमित नहीं कर सकते। साध्वी शिक्षा हो या नारी उत्थान, समणी दीक्षा हो या मानवता का कल्याण उनके नेतृत्व में हर क्षेत्र का विकास हुआ है। वरिष्ठ उपासक अशोक सिंघवी ने अपने भाव अर्पित करते हुए कहा कि तुलसी का जीवन ऊर्जा व शक्ति से ओत-प्रोत था। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने कहा कि अणुव्रत दिवस के साथ ही आज ही के दिन गुरुदेव ने समणी श्रेणी का भी सुत्रपात किया था। उन्होंने कहा कि समण श्रेणी की वजह से विदेशों में भारतीय संस्कृति पल्लवित एवं पुष्पित हो रही है। उन्होंने कहा कि आचार्य तुलसी का व्यक्तित्व इतना महान था कि किसी भी पैमाने से मापा नहीं जा सकता। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के अध्यक्ष डॉ. पी.सी. तातेड़ ने कहा कि आचार्य तुलसी ने 11 वर्ष की उम्र में दीक्षा लेकर 22वें वर्ष में तेरापंथ के आचार्य नियुक्त हो गए। उन्होंने कहा कि इतिहास गवाह है कि अकबर हो या महाराजा गंगासिंह जिसने भी छोटी उम्र में सत्ता संभाली विकास के द्वार खोले और यही आचार्य तुलसी ने किया। कार्यक्रम के दौरान युवक रत्न राजेन्द्र सेठिया, अणुव्रत समिति से अनुमप सेठिया व महिला मण्डल ने गुरुदेव के प्रति अपने भावों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में तेरापंथी सभा के मंत्री अमरचन्द सोनी, सुन्दरलाल छाजेड़ सहित अनेक श्रावक-श्राविका समाज भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन प्रेम बोथरा ने किया। जैन लूणकरण छाजेड़ अध्यक्ष

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