प्रभु व उसकी लीलाएं अनंत : किशोरीलाल महाराज

बीकानेर। श्रीमद्भागवत कथा आयोजन समिति के तत्वाधान में अग्रसेन भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन किशोरीलाल जी महाराज ने भीष्म स्तुति,कुंती स्तुति,कपिलो उपाख्यान,सती चरित्र और ध्रुव चरित्र की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि लोग अपने सही लक्ष्य और कर्तव्य को समझे। तन से संसार की सेवा करें व मन से ईश्वर के करीब रहे। जीवन में कभी कोई परेशानी आएं तो केवल हरिनाम से ही वह दूरी होगी। महाराज श्री ने कहा कि भागवत मनोरंजन के लिए नहीं है, स्वयं हरि का स्वरूप है। प्रभु अवतार लेते हैं, स्वयं सम्राट हैं यानी राजाओं के द्वारा पूजित हैं। प्रभु और प्रभु की लीला अनंत है।उन्होंने कहा कि केवल भक्त में ही इतनी शक्ति होती है कि वो चाहे तो भगवान और भागवत को एक साथ प्रकट करवा सकता है। उन्होंने कहा कि बुद्धिमान वही व्यक्ति है जो ज्ञान कि हर बात को ग्रहण करे और अपने जीवन मे अपनाएं। महापुरषों के प्रवचन पर अमल करने पर हमें परम सुख की प्रप्ति होती है साथ ही सत्य के मार्ग पर चलने की भी प्रप्ति होती है। कथा के दौरान कथा श्रवण करने पहुंचे पूर्व मंत्री डॉ बी डी कल्ला का हुलाशचंद अग्रवाल, राजेन्द,नरेन्द्र व अरूण अग्रवाल ने शॉल ओढ़ाकर व श्रीफल देकर स्वागत किया। इस मौके पर डॉ कल्ला ने महाराज का आशीर्वाद लिया। आयोजन से जुड़े ताराचंद अग्रवाल ने बताया कि कथा में आंनद आश्रम के रामपाल जी महाराज,शशिमोहन मून्दड़ा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इससे पूर्व सुबह रामदेव व हेमन्त अग्रवाल ने सपत्निक पूजा करवाई।

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