भागवत कथा में सती अनसूइया चरित्र का वर्णन हुआ

विधायक बिहारी बिश्नोई कथा में शामिल हुए

नोखा कस्बे के वार्ड नं चार के करणी माता मंदिर प्रांगण में चल रही भागवत कथा में रविवार को तीसरे दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक मोहन दास महाराज ने कहा कि पतिव्रता नारी की निष्ठा पर हमें कभी भी शक नही करना चाहिए सती अनुसुइया के सतीतत्व पर वर्णन करते हुए कहा कि आज संसार मे सती की परीक्षा के लिए जो प्रयास किये गए उनपर वे खरी उतरी ओर संसार मे आज उनका नाम आदर और सम्मान से लिया जाता है। माता सती की परीक्षा लेने आये भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश को अपना पुत्र बना लिया और अपने कार्य मे लग गयी त्रिदेव उनकी परीक्षा लेने आये थे लेकिन माता की तपस्या के कारण वे पुत्ररूप में बन गए।
अत्रि ऋषि के आगमन पर उनको व्रतांत सुनाया। व्यासपीठ से महाराज ने माता पार्वती, लक्ष्मी ओर सती सावित्री के चरित्र का वर्णन किया इस दौरान सभास्थल पर श्रदालु भाव विभोर होकर कथा का रसास्वादन करते दिखाई दिए। अभिमान जीवन मे कभी नही करना चाहिए। देव ऋषि नारद जी की महिमा का भी वर्णन किया गया।
विधायक बिहारी बिश्नोई ने कथा में बताया कि मां की महिमा का वर्णन हम किस रूप से करे मां हमे सृष्टि के सभी रूपों में मिलती है जब जब धर्म की हानि होगी भगवान अवतार लेते है भारत की सनातन संस्कृति में वेदों पुराणों ओर भागवत जी का सदियों से विशेष महत्व है हमारे पूर्वज धर्म कर्म और सत्य के मार्ग पर चले और हमे धर्मपरायण बनाया जीव की रक्षा करना, बड़ो का आदर सम्मान, संतो के विचार ग्रहण करना जिससे हमारी संस्कृति आगे बढ़ रही है। अभिमान करने, दान करने के बाद बखान करने और निंदा करने से बचना चाहिए। बेटियां हमारी
कथा मे पार्षद जगदीश भार्गव, आसकरण भट्टड़, भवँरलाल नेण,शिव सोनी, भँवर लखारा, धनराज लखारा, हुकमाराम हलवाई, भेरू सुथार, ओमप्रकाश भार्गव, भँवर भार्गव सहित अनेक धर्म प्रेमी महिला और पुरुष श्रदालु शामिल हुए।

error: Content is protected !!