लेबर रूम प्रबंधन व दक्षता को लेकर चिकित्सकों की कार्यशाला आयोजित

बीकानेर। लेबर रूम को तय प्रोटोकॉल अनुसार उच्च मानदंडों पर संचालित करने और सुरक्षित प्रसव के प्रबंधन को लेकर जिले के चिकित्साधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में प्रयास किया गया कि जहाँ नया जीवन जन्म लेता है वो स्थान पूर्णतया सुरक्षित और सुरम्य रहे। प्रसूता को न केवल सुरक्षित प्रसव की गारंटी मिले बल्कि आवश्यक होने पर समय रहते उच्चतर संस्थान पर रेफर कर पहुँचाने का प्रबंधन भी किया जाए। जिले के लेबर रूम के हाल जानने और सहयोगात्मक पर्यवेक्षण करने निदेशालय जयपुर से आए विशेषज्ञ दल में शामिल स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुशीला सहारण द्वारा कार्यशाला में लेबर रूम प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की गई। उन्होंने सुरक्षित प्रसव के लिए सरलीकृत पार्टोग्राफ, पीपीएच प्रबंधन, एक्लेम्प्सिया-प्रीएक्लेम्प्सिया प्रबंधन के नवीनतम प्रेक्टिसेज पर जानकारी साझा की। उन्होंने मामा नेटल की सहायता से पीवी एग्जामिनेशन व ड्रिल करके दिखाया।
राज्य सलाहकार अर्चना शर्मा ने सम्मानजनक मातृत्व देखभाल के प्रोटोकॉल व गर्भवतियों के प्रसव पूर्व, प्रसव के दौरान व प्रसव पश्चात् के अधिकारों पर चर्चा की। उन्होंने सभी डिलीवरी पॉइंट्स पर उपलब्ध संसाधनों, रख-रखाव, उपकरण प्रबंधन, प्रोटोकॉल व आई.ई.सी. की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने भ्रमण के दौरान मिली कतिपय कमियों को ठीक करने का रोड़ मेप रखा तो मंगलवार को देशनोक व जिला अस्पताल भ्रमण में मिली बेहतरीन व्यवस्थाओं व नवाचारों की जमकर मिसाल भी दी। सीएमएचओ डॉ. बी.एल. मीणा ने लेबर रूम व सुरक्षित प्रसव प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को कड़े मानदंडों पर कसने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर के मिलेनियम लक्ष्यों की प्राप्ति बिना दक्षता के संभव नहीं होगी। इस अवसर पर आरसीएचओ डॉ. रमेश गुप्ता, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. योगेन्द्र तनेजा, डीपीएम सुशील कुमार, एडीएनओ डॉ. मनुश्री सिंह, दक्षता मेंटर डॉ. आशुतोष उपाध्याय सहित समस्त बीसीएमओ, बीपीएम, पीएचसी-सीएचसी प्रभारी चिकित्साधिकारी उपस्थित रहे।

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