92 वर्षीय मुनिश्री राजकरणजी ने तिविहार संस्थारा का प्रत्याख्यान किया

गंगाशहर। बहुश्रुत मुनिश्री राजकरणजी ने 92 वर्ष की उम्र में दस दिनों की तपस्या के बाद चेतन अवस्था में तिविहार संथारा का प्रत्याख्यान किया। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष जैन लूणकरण छाजेड़ ने बताया कि आचार्यश्री महाश्रमणजी को जब मुनिश्री राजकरणजी की संथारा संलेखना करने की भावना से अवगत करवाया गया तो मंगलवार प्रातः तेरापंथ भवन में विराजित चरित्रात्माओं को संस्थारा संलेखना पचखाण करवाने की स्वीकृति प्रदान की। शासनश्री मुनिव्रत जी, मुनिश्री शान्तिकुमारजी, मुनिश्री देवेन्द्रकुमारजी, शासनश्री साध्वीश्री मधुरेखाजी, साध्वीश्री विशद्प्रज्ञाजी के सान्निध्य में एवं तेरापंथ सभा गंगाशहर के अध्यक्ष डॉ. पी.सी. तातेड़, मंत्री अमरचन्द सोनी, तेयुप मंत्री पवन छाजेड़, महिला मंडल मंत्री संजू लालाणी, अणुव्रत समिति अध्यक्ष राजेन्द्र बोथरा सहित सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की साक्षी में मुनिश्री मुनिव्रतजी ने आजीवन तिविहार ग्रहण न करने का त्याग तेरापंथ भवन में 11ः23 बजे करवाया। आचार्य तुलसी शान्ति प्रतिष्ठान के ट्रस्टी एवं मुनिश्री राजकरणजी स्वामी के पौत्र सूर्यप्रकाश सामसुखा, नारायणचन्द गुलगुलिया, पूर्व यूआईटी अध्यक्ष महावीर रांका, महापौर नारायण चौपड़ा, सुमेरमल दफ्तरी, जतनलाल दूगड़, विजय सामसुखा इत्यादि लोग उपस्थित हुए। संथारा लेने के समाचार सुनकर नैतिकता के शक्तिपीठ पर प्रवासरत शासनश्री मुनिश्री मणिलाल जी एवं सहवृत्ति संत कुशलकुमारजी भी तेरापंथ भवन पहुंचे एवं सेवा केन्द्र शान्ति निकेतन में विराजित साध्वियां भी तेरापंथ भवन पहंुच कर मुनिश्री राजकरणजी स्वामी के दर्शन करके क्षमतक्षामना किया।
संथारा लेने की खबर शहर में पहंुचते ही श्रद्धालुओं एवं दर्शनार्थियों का तांता तेरापंथ भवन में लग गया। महिला मंडल एवं तेरापंथ युवक परिषद ने मुनिश्री गिरिशकुमारजी एवं मुनिश्री विनीतकुमारजी की प्रेरणा से नवकार मंत्र का अखण्ड जप प्रारम्भ किया है।
केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, शहर भाजपा मोहन सुराणा, पार्षदगण नई लेन ओसवाल पंचायती के ट्रस्टी विनोद बोथरा इत्यादि गणमान्य व्यक्ति भी दर्शनार्थ पहंुचे। गंगाशहर, भीनासर, बीकानेर, उदासर इत्यादि क्षेत्रों से श्रद्धालु पहंुच रहे हैं, वही देश भर से संदेश प्राप्त हो रहे हैं।

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