राजस्थानी का पाठ्यक्रम तैयार करें, जिसमें प्रशासनिक शब्दावली भी हो

राजस्थानी भाषा विश्व में समृद्धतम भाषाओं में से एक – डॉ कल्ला
बीकानेर, 21 फरवरी। ऊर्जा व जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बुलाकी दास कल्ला ने कहा कि राजस्थानी भाषा पूरे विश्व में प्रचलित सभी भाषाओं में सबसे समृद्ध भाषा है। यह एकमात्र ऐसी भाषा है जिसमें एक ही व्यक्ति को उसके नाम से रिश्तों के हिसाब से संबोधन किया जा सकता है, ऐसा किसी अन्य भाषा में देखने को नहीं मिलता है।
डॉ कल्ला गुरुवार को महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय राजस्थानी विभाग में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा जितनी समृद्ध है उतना ही राजस्थानी भाषा का शब्दकोश भी। इसमें सम्बंधों के लिए जितने शब्द है इतने शब्द भी शायद किसी अन्य भाषा में होते होंगे। उन्होंने कहा कि राजस्थानी साहित्यकारों और विद्वानों को चाहिए कि राजस्थानी का पाठ्यक्रम तैयार करें, जिसमें प्रशासनिक शब्दावली भी हो। उन्होंने बताया कि राजस्थान में राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले इसके लिए आज से 10 वर्ष पूर्व राजस्थान विधानसभा में जब कांग्रेस की सरकार थी, तब सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित करवाकर संसद को भेज दिया गया था और वह विधायक आज भी दिल्ली में विचाराधीन है। इसकी मान्यता के सम्बंध में जो भी प्रशासनिक निर्णय लेना है वह लेकर राजस्थानी भाषा को मान्यता प्रदान की जा सकती है ज़रुरत केवल इच्छा शक्ति की है अगर दिल्ली में सरकार यह निश्चय कर ले, कि उन्हें राजस्थानी भाषा को मान्यता प्रदान करनी है तो मुश्किल से यह एक ही दिन का काम है। ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय में इंदिरा गांधी नहर परियोजना का मीठा जल उपलब्ध करवाने के लिए जल्द ही एक कार्य योजना के तहत कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। जलदाय विभाग द्वारा पूर्व में विश्वविद्यालय को एक प्रोजेक्ट बना कर दिया था, जिसके तहत विश्वविद्यालय को 5 करोड़ 70 लाख रूपए जमा करवाने थे, मगर अब नए प्रोजक्ट के अनुसार विश्व विद्यालय को केवल 1 करोड़ 70 लाख रूपए ही जमा कराने होंगे तथा और इसके साथ ही विश्व की सबसे बड़ी मानव निर्मित इंदिरा गांधी नहर परियोजना का पानी विश्वविद्यालय परिसर तक पहुंच जाएगा और यहां आने वाले छात्र-छात्राओं तथा स्टाफ को गंगा का मीठा जल मिल जाएगा, यहां रावी व्यास और सतलज का मीठा जल मिल सकेगा।

छगन मोहता की स्मृति में खोलें शोध संस्थान
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय को गांधी अध्ययन केंद्र भी प्रारंभ करना चाहिए। साथ ही विश्वविद्यालय आने वाले सत्र से विश्वविद्यालय में बीकानेर के ख्यातनाम दर्शन शास्त्री छगन मोहता की स्मृति में एक शोध संस्थान खोले। मोहता राष्ट्रीय स्तर के विचारक और चिंतक रहे हैं उनके नाम से यह संस्थान खुलने से हम सब बीकानेरवासी भी अपने आप को गौरवान्वित महसूस करेंगे। इन दोनों केंद्रों के प्रारंभ होने से विश्वविद्यालय में आने वाले लोग राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और छगन मोहता के साहित्य को और नजदीक से पढ़ सकेंगे और शोध कर सकेंगे।
विश्वविद्यालय के राजस्थानी विभाग द्वारा आयोजित समारोह में डॉ नंदकिशोर आचार्य ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले यह हमारी मांग है, और लोकतांत्रिक सरकार को हमारी बात माननी होगी। लंबे समय तक सरकार जनता की बात की अवहेलना करें, यह संभव नहीं होता है। ऐसे में सरकार का कर्तव्य है कि वह राजस्थानी भाषा को मान्यता दें। उन्होंने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले इसके लिए प्रथम दौर में हमें ऐसी तैयारी करनी होगी कि बच्चों को जो शिक्षा मिलती है उसमें भी राजस्थानी भाषा का प्रयोग हो।
डॉ आचार्य ने कहा कि हम पर जीवन में कई ऋण होते हैं, उनमें एक ऋषि ऋण भी होता है। हम सब को चाहिए कि इस ऋषि ऋण से भी हम मुक्त हो जाएं, इसके लिए हमें गोयनका की तरह शिक्षा के विकास के लिए अपनी ओर से जितना आर्थिक सहयोग हो सके, करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ज्ञान का केंद्र बने, इसके लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा। विश्वविद्यालय को ज्ञान केंद्र के रूप में स्थापित करने में सरकार के साथ-साथ समाज के अन्य सक्षम लोगों को अपना-अपना दायित्व निभाना होगा। डॉ आचार्य ने कहा कि विश्वविद्यालय में और शोध के कार्य हों सकें ,इसके लिए भामाशाहों को जोड़कर और रिसर्च कार्य प्रारम्भ करवा, हम अपने ऋषि ऋण से उऋण हो सकते हैं।
इस अवसर पर भामाशाह प्रहलाद राय गोयनका ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले, इसके लिए सबसे पहले यह जरूरी है कि हम लोग अपनी बातचीत मारवाड़ी भाषा में ही करें। सामाजिक -सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन राजस्थानी भाषा में आदि हो तो इसके बेहतर प्ररिणाम जल्दी मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय अगर राजस्थानी भाषा में कोई डिग्री प्रारंभ करता है तो उसमें सकारात्मक सहयोग दिया जाएगा। हमें अपनी संस्कृति को बचाना है तो हमें राजस्थानी भाषा को भी बचना होगा। गोयनका ने ऊर्जा जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री से कहा कि कोलकाता स्थित राजस्थान सूचना केंद्र को सुधार कर इसे और अधिक विकसित किया जाए ताकि पश्चिम बंगाल में रहने वाले राजस्थानी लोग सूचना केंद्र में आकर राजस्थान में होने वाले विभिन्न विकास कार्यों की जानकारी ले सकें और राजस्थानी भाषा से रूबरू होते रहे। समारोह के विशिष्ट अतिथि राजीव हर्ष ने कहा कि राजस्थानी भाषा को मान्यता मिले तथा यह शिक्षा में भी अपना स्थान बना ले, इसके लिए हम सबको मिलकर इसे और समृद्ध करना होगा। साथ ही विज्ञान और गणित जैसे विषयों को राजस्थानी भाषा में लिखना होगा।
महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय के उप कुलपति बिठ्ठल बिस्सा ने विश्वविद्यालय का परिचय देते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के अधीन 462 महाविद्यालय है तथा प्रतिवर्ष करीब 4 लाख छात्र परीक्षा में बैठते हैं। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक गुणवत्ता की अभिवृद्धि हुई है। यहां पीने के पानी की समस्या है। साथ ही और शोध अनुभाग स्थापित हो जाए तो विश्वविद्यालय को एक नूतन पहचान मिल सकती है। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भागीरथ सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय अगले सत्र से 5 वर्षीय विधि स्नातक का कोर्स प्रारंभ करेगा। विश्वविद्यालय द्वारा परीक्षा समय पर आयोजित की जा रही है तथा हमारा परिणाम भी हमारा परीक्षा परिणाम भी पूर्ण गुणवत्ता के साथ घोषित होता है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव राजेंद्र डूडी ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ मेघना शर्मा ने किया। इस अवसर पर डॉ श्री लाल मेहता, सरल विशारद, डॉ प्रशांत बिस्सा, अनंत जोशी सुमित कोचर, ब्रिज रतन जोशी, डा नमामि शंकर आचार्य तथा कमल रंगा सहित राजस्थानी भाषा के साहित्यकार और शोध छात्र उपस्थित थे।
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डॉ कल्ला ने लिया एमजीएसयू में निर्माण कार्यों का जायजा
बीकानेर, 21 फरवरी। ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ.बी.डी.कल्ला ने गुरुवार को महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में चल रहे विकास कार्यों का जायजा लिया तथा कार्यकारी एजेन्सी को पूर्ण गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय में कार्यों को पूर्ण करने के निर्देश दिए। निर्माण कार्यों का शिलान्यास कुछ दिन पूर्व राज्यपाल ने राज भवन में किया था।
डॉ.कल्ला ने कहा कि निर्माण कार्यों का रोड मैप बना हुआ होना चाहिए, जिससे पता चल सके कि कितने दिनों में कार्य पूर्ण होगा। निर्माण कार्यों की साप्ताहिक समीक्षा व मॉनिटरिंग के दौरान यदि कार्य में गति धीमी नजर आए तो उसमें तेजी लाई जाए। निर्माण कार्यों में बीकानेर की स्थापत्य कला की झलक दृष्टि गोचर होनी चाहिए।
ऊर्जा एवं जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री ने कहा कि निर्माण कार्य पूर्ण मानदंड के अनुसार होने चाहिए। निर्माण कार्यों में विश्वविद्यालय के सौन्दर्यकरण का भी ध्यान रखा जाए। डॉ. कल्ला ने कहा कि स्वीकृत कार्यों के पूर्ण होने के बाद विश्वविद्यालय में ऐसा क्षेत्र विकसित होगा, इसमें नए पाठयक्रम संचालित किए जा सकेंगे। डॉ.कल्ला ने कहा कि निर्माण कार्यों के दौरान श्रमिकों व विद्यार्थियों की सुरक्षा के पूर्ण प्रबंध होने चाहिए। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वीसी प्रो भागीरथ सिंह, उप कुल सचिव बिट्ठल बिस्सा, सम्पदा अधिकारी कुलदीप सहित अनेक अधिकारी मौजूद थे।

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