समाजसेवा में उत्कृष्ट योगदान पर मूल सिंह सुजावत रत्न से सम्मानित
मूल सिंह को मिला सुजावत रत्न अलंकरण
शैक्षिक व सामाजिक गतिविधियों पर मूलसिंह को सुजावत रत्न अलंकृत
राजसमंद जिले के भीम तहसील के ईसर जी का खेड़ा गोदाजी का गांव निवासी मूल सिंह चौहान को शैक्षणिक व सामाजिक सेवा में बढ़चढ़कर भाग लेने, भामाशाह रूप में निरन्तर योगदान देने पर भीम आशापुरा माता मंदिर परिसर आयोजित रावत- राजपूत सामूहिक विवाह सम्मेलन के दौरान सर्वोच्च सुजावत रत्न उपाधि व अलंकरण से राजस्थान रावत- राजपूत महासभा प्रदेश अध्यक्ष हरिसिंह चौहान, सुजावत मंडला अध्यक्ष प्रेम सिंह चौहान, प्रदेश संयोजक गोपाल सिंह पीटीआई के द्वारा किया गया। इस अवसर पर पूर्व सरपंच अमर सिंह , डूंगाजी का गांव सरपंच भूपेंद्र सिंह, भीम सरपंच गिरधारी सिंह, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंद किशोर सिंह, चतर सिंह चौहान, महिला प्रदेशाध्यक्ष व मण्डावर सरपंच प्यारी कुमारी रावत, लक्ष्मण सिंह प्रिंस, दिनेश सिंह सुजावत, परमेश्वर सिंह सीरमा, गणपत सिंह मुग्धेश, राजेन्द्र सिंह समेत हजारों नर नारी समाजबंधु मौजूद थे।
मूल सिंह का परिचय
भीम के समीप ईसर जी का खेड़ा गोदाजी का गांव में 20 दिसंबर 1948 को जन्मे मूल सिंह बचपन से प्रतिभाशाली रहे। हायर सेकेंडरी के बाद बीएसटीसी करके शिक्षक बने। प्रथम सेवा 7 अगस्त 1972 को लूणी (जोधपुर ) रही। इसके बाद भीम के समीप कलालिया स्कूल से प्रधानाध्यापक पद से 31 दिसंबर 2008 को सेवानिवृत्त हुए। सेवाकाल के दौरान कई बार सम्मानित होते रहे हैं और शैक्षिक सेवा के साथ समाज सेवा में सक्रिय रहे और भामाशाह रूप जाने जाते है। सुजावत (रावत) समाज मंडला भीम के दो बार अध्यक्ष , चार बार कोषाध्यक्ष, दो बार मंत्री तथा वर्तमान में वरिष्ठ संरक्षक है।