उदयपुर (लोकेश मेनारिया)
उदयपुर जिले में सातवीं आर्थिक गणना के क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन जिला परिषद सभागार में किया गया इस कार्यशाला में आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वे विभाग, उद्योग विभाग एवं सीएससी के अधिकारियों ने भाग लिया मुख्य आयोजना अधिकारी एवं जिला स्तरीय सदस्य सचिव पुनीत शर्मा ने सातवीं आर्थिक गणना के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि यह गणना भारत की भौगोलिक सीमा के भीतर सभी प्रतिष्ठानों की पूरी गणना प्रदान करती है जिसमें असंगठित क्षेत्र शामिल है जिनका रोजगार सर्जन के मामले में भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत बड़ा योगदान है आर्थिक जनगणना के दौरान एकत्र की गई जानकारी सामाजिक आर्थिक विकास योजना के लिए उपयोगी है राज्य और जिला स्तर पर यह भौगोलिक फैलाव एवं आर्थिक गतिविधियों के स्वामित्व समूहों और लगे हुए व्यक्तियों के समूह में एक मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान करती है शर्मा ने बताया कि उदयपुर जिले में इस आर्थिक गणना में आर्थिक गतिविधियों में संलिप्त औद्योगिक इकाइयों की गणना के साथ-साथ उधम की स्थिति, संकार्य, प्रकृति ,स्वामित्व, वित्त प्रबंधन एवं रोजगार आदि से संबंधित सूचना संकलित की जाएगी शर्मा ने कहा कि सूचना का संग्रहण सही करना है एवं गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखना है जानकारी लेने की सही प्रक्रिया को अपनाएं किसी भी काम की शुरुआत कठिन होती है सही फोकस करें प्रश्नों का सीक्वेंस फिक्स होना चाहिए काम करने की भूमिका बनाकर बुक शुरुआत करें तो सही होगा एन एस एस ओ अधिकारी नवीन डूंगरवाल ने गणना में उपयोग किया जाने वाले तथ्यों से अवगत करवाया अशोक कल्याणी ने मोबाइल एप के संबंध में विस्तृत चर्चा की सीएससी के जिला प्रबंधक अशोक पनवा एवं सितंबर सिंह चौहान ने मोबाइल ऐप के माध्यम से डाटा संग्रहण की डेमो एंट्री करवा कर प्रायोगिक जानकारी दी इस कार्यशाला में करीब 280 सीएससी संचालकों ने भाग लिया अशोक ने बताया कि प्रगणक बनने हेतु न्यूनतम योग्यता सेकेंडरी उत्तीर्ण होना है