बीकानेर, 17 जून। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने मानसून से पहले जलभराव वाले स्थानों को चिन्हित करते हुए आवश्यक प्रबंध करने के अधिकारियों को निर्देश दिए है। उन्होंने नगर निगम, नगर विकास न्यास, सार्वजनिक निर्माण विभाग, जिला रसद अधिकारी, नागरिक सुरक्षा, सिंचाई, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को जलभराव की स्थिति में आवश्यक संसाधन तैयार रखने के निर्देश दिए हैं।
गौतम ने सिंचाई विभाग को बाढ़ नियन्त्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए है। साथ ही बाढ़ या जलभराव की सम्भावना में जिले के संवेदनशील एवं संकटग्रस्त क्षेत्रों का सामना करने के लिए कार्य योजना बनायेंगे। उपलब्ध वायरलैस सैटों को कार्यशील रखेंगे तथा नावों, रक्षा पेटियों, रस्सों, मशालों, टार्चों की व्यवस्था की व्यवस्था करने के संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं।
जिला कलक्टर ने जिले में उपलब्ध संसाधनों को चिन्हित करने, गैर सरकारी संगठनों की पहचान कर उनके पास उपलबध संसाधन, सामग्री का सुनिश्चितीकरण कर आपदा की स्थिति में उनका उपयोग करने की व्यवस्था करायेंगे। उन्होंने वर्षाकाल के दौरान संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए तालाबों आदि पर निरन्तर भ्रमण करने के भी निर्देश दिए। इसके लिए तकनीकी रूप से दक्ष कर्मचारियों की सूची बनाकर रखी जाए । उन्होंने कहा कि नावें, रस्से तथा अन्य उपकरण आदि की बाढ़ संभावित क्षेत्रों में उपलब्धता सुनिश्चित की जावे।
जिला कलक्टर ने जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को निचले क्षेत्रों से पानी निकालने हेतु पम्प सैटों की व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा जहां ज्यादा बाढ आने की संभावना है वहां व्यापक मात्रा में पम्प सैटों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पेयजल की व्यवस्था व पेयजल स्त्रोतों के क्लोरीफिकेशन की समुचित व्यवस्था की जावे, ताकि दूषित पेयजल जनित बीमारिया फैलने की संभावना न रहें।
उन्होंने उचित मूल्य की दुकानों पर गेहूॅं, केरोसीन, अन्य खाद्य सामग्री के भण्डारण, उसके वितरण की व्यवस्था व वितरण के स्थान का उल्लेख आदि सूचनाओं की पारदर्शिता के साथ-साथ उनकी उपलबधता की व्यवस्था के लिए जिला रसद अधिकारी को आवश्यक निर्देश दिये तथा बाढ़ की स्थिति में स्वैच्छिक संगठन भी पीडित व्यक्तियों के पास समय रहते पहुंचे, यह सुनिश्चित किया जावे।
जिला कलक्टर ने स्थानीय निकाय विभाग को शहर की सड़कों की मरम्मत एवं नालों की सफाई की व्यवस्था होनी चाहिए। निचले स्तर से प्रभावित व्यक्तियों, बस्तियों को ऊंचे क्षेत्रों में अस्थायी रूप से रहने हेतु वहां स्थित धर्मशाला, सार्वजनिक स्थल आदि को चिन्हित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जावे। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि बाढ़, वर्षा के एकत्रित पानी को निकालने के लिए पम्प सैटों का प्रबन्ध करना, मृत पशुओं, मलवा, कचना आदि को हटाने एवं सुरक्षात्मक स्वास्थ्य उपाय, जैसे- मलेरियारोधी उपाय, कटे हुए फलों और सब्जियों को खुले में विक्रय पर प्रतिबन्ध आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
जिला कलक्टर ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को बाढ़ की स्थिति में जीवन रक्षक दवाइयां, बाढ़ के समय आवश्यकतानुसार मोबाईल चिकित्सा दल के गठन की व्यवस्था के निर्देश दिए। बाढ़ के दौरान तथा उसके उपरान्त फैलने वाली बीमारियों जैसे- हैजा, पीलिया, मलेरिया, त्वचा, सम्बन्धी बीमारियां, फूड पाॅइजनिंग आदि के इलाज हेतु पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध रखी जावें। दूषित जल से बचाव व क्लोरिन की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए।
कुमार पाल गौतम ने पुलिस विभाग को होमगार्ड एवं आर.ए.सी. की प्रशिक्षित व अन्य कम्पनियां तैयार रखने के निर्देश दिए और कहा कि पर्याप्त मात्रा में तैराक एवं नावों की व्यवस्था तथा गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित की जावे। पर्याप्त जीवन रक्षक यंत्रों जैसे जैकेट, रस्से, टार्च, संचार तंत्र, कानून व्यवस्था इत्यादि की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यदि बचाव यंत्र किराये पर मिलते हों तो उनकी दरें, निविदा आमंत्रित कर पूर्व से ही प्राथमिकता से निर्धारित कर लें और उनको पाबन्द कर दें, ताकि बाढ़ से सम्भावित स्थानों पर उनका उपयोग तत्परता से किया जा सके। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार गोताखोरों को प्रशिक्षण दिया जावे।
जिला कलक्टर ने विद्युत वितरण निगम को बाढ़ की स्थिति में विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने हेतु आवश्यक उपकरण पोल, कण्डक्टर आदि की व्यवस्था के निर्देश दिए। ढ़ीले तारों को कसा जाये व कनेक्शनों को दुरूस्त किया जाए।
उन्होंने पशुपालन विभाग को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चारे, पशु आहार की व्यवस्था सुनिश्चित करने एवं मृत पशुओं का सुरक्षित निस्तारण करने का स्थान तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने सार्वजनिक निर्माण विभाग को ऐसे सार्वजनिक भवनों, जो वर्षाकाल में गिर सकते हैं की पहचान करने के निर्देश दिए। उन्होंने इनकी मरम्मत करवाने तथा अनुपयुक्त पाये जाने पर उनको गिराने के निर्देश दिए। सड़क मार्ग से गुजरने वाले नालों, रपट आदि पर होकर वर्षा का पानी बह रहा हो, तो उन स्थानों को चिन्हित कर दोनों ओर साईनबोर्ड लगाकर यातायात प्रतिबन्धित करने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिए कि शहर में ऐसे भवन जो जीर्णशीर्ण अवस्था में हों और बरसात के दौरान इनके गिरने की संभावना हो, तो नियमानुसार कार्यवाही करे।
————-
जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना
टोल फ्री नम्बर 1077 पर दी जा सकती है सूचना
बीकानेर,17 जून। जिले में मानसून में संभावित अतिवृष्टि व बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है।
जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने बताया कि नियंत्रण कक्ष माह सितम्बर तक संचालित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि यह चैबीस घंटे कार्यरत रहेगा। जलभराव की स्थिति में नियंत्रण कक्ष के टोल फ्री नमम्बर 1077 और दूरभाष संख्या 0151-2226031 पर सम्पर्क किया जा सकता है। नियंत्रण कक्ष के प्रभारी अधिकारी अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन ) ए.एच.गौरी को बनाया गया है,जिनके मोबाइल नम्बर 9413386786 तथा सहायक प्रभारी अधिकारी उपखण्ड अधिकारी बीकानेर को बनाया गया है जिनके मोबाइल नम्बर 9414630961 है।
————-
मानसून के दौरान करोसिन स्टाॅक आरक्षित रखने के निर्देश
बीकानेर,17 जून। जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने एक आदेश जारी कर मानसून के दौरान जिले में बाढ़ व अतिवृष्टि की स्थिति में प्रभावित उपभोक्ताओं के लिए नीला केरोसीन तेल का स्टाॅक आरक्षित करने के निर्देश दिए है। आदेश में उन्होंने जिले के समस्त नीले केरोसीन थोक विक्रेताओं से कहा कि प्रत्येक थोक विक्रेता अपने आवंटित केरोसीन कोटे में से 1000 लीटर केरोसीन 30 सितम्बर तक आरक्षित रखेंगें।
————-