सुप्रसिद्ध शायर अमीनुद्दीन शौक़ जामी का इंतेक़ाल

बीकानेर 13 सितंबर । सुप्रसिद्ध शायर अमीनुद्दीन शौक़ जामी का पी0 बी0 एम0 अस्पताल में इंतेक़ाल (निधन) हो गया । वे 64 वर्ष के थे । जामी अपने पीछे पत्नी, पुत्रो, पुत्रियों, नाती, पोतो सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए है । कुल की फातेहा शनिवार को दोपहर जोहर की नमाज़ के बाद होगी ।
शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद हाजी अमीनुद्दीन शौक जामी को शीतला गेट के बाहर दमामियान कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक किया गया । मोहल्ला दमामियान से रवाना हुए शौक़ जामी के जनाजे में नगर निगम के पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद, साजिद सुलेमानी, हाफिज़ फरमान अली,सय्यद कालू शाह जी, मौलाना नोशाद अहमद क़ादरी, नुरुल हसन मदनी, लेखक अशफ़ाक़ क़ादरी, शायर ज़ाकिर अदीब, कासिम बीकानेरी, पत्रकार नासिर ज़ैदी, फिल्मकार मंज़ूर अली चंदवानी, गजल गायक रफीक सागर, तबलानवाज उस्ताद गुलाम हुसैन, श्रमिक नेता ज़ाकिर नागोरी, शिक्षक नेता लालचंद हटीला सहित विभिन्न मस्जिदों के इमाम, गणमान्य शामिल थे । जनाजे की नमाज़ हाफ़िज़ नईमुद्दीन ने पढ़ाई । मदरसा दबिस्ताने जामी के सचिव अलीमुद्दीन जामी ने बताया कि कुल की फातेहा शनिवार को दोपहर जोहर की नमाज़ के बाद होगी । शौक जामी के निधन पर शायर गुलाम मोहियद्दीन माहिर, नदीम अहमद नदीम ने अपनी संवेदनाएं व्यक्त की ।
लेखक अशफ़ाक़ कादरी ने बताया कि 7 दिसम्बर 1954 में बीकानेर में जन्मे शायर अमीनुद्दीन शौक़ जामी ने अपने पिता हाफिज गुलाम रसूल शाद जामी एवं चाचा मुंशी हुसैनुद्दीन फ़ौक़ जामी से प्रेरणा हासिल कर उर्दू शायरी का आगाज़ किया । शौक़ जामी ने उर्दू, हिंदी, राजस्थानी में गज़ले, कविताएं, गीत, नात, मनकबत का सृजन कर बीकानेर सहित अनेक शहरों में अपने कलाम से धूम मचाई । उनकी रचनाओं का संग्रह प्रकाशित होने वाला है ।

(अशफ़ाक़ क़ादरी)
मोबाइल 9413190309

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