राजस्थानी : संवैधानिक अर दूजी राजभासा री मांग

जै राजस्थानी जै राजस्थान
बरस 1980 में पैली बार राजस्थानी राज री दूजी राजभासा बणै इण बात रौ कानून मुजब
खुलासौ कीन्हौ घणा ई रौला रपटा पण छेकड साच नीं आंच
इण तरै संवैधानिक अर दूजी
राजभासा री मांग अर अहिंसात्मक आंदोलन राजस्थानी
युवा लेखक संघ अर प्रज्ञालय रै
दायित्व पैटे अजेस लग चालै
पण 1980 रै पछै अर पैला भी आप आपरै तरीके सूं इण लैखे
काम हुया कद कियां हुया सगला नै ठाह है। आंदोलन किण हाथां अर किण तरै रामतयां बणावण री
बात हुयी हियै कांगसी फेरयां सब
ठाह पडै
अबार जद नुंजुवान राजस्थानी मांय एम नेट पी एच डी आद करया आपरै ताण आपरै धन बल
मन अर सांची हूंस सूं दिन रात
अबार खासतोर पर दूजी राजभासा री बात करै इण सागै
संवैधानिक री बात भी राखै
पण असल रोटी रोजी री पढाई चपरासी सूं आर ए एस री नौकरी
आद राजभासा ताण ही मिलैला
अर राजभासा री मांग हिन्दी रै
खिलाफ नीं है। असल राजभासा
अर राष्ट्र भासा दोन्यू सागै प्रदेस
में सागै चालै इण एक नीं मौकला दाखला है। पण अबार घणा खुदोखुद आंदोलन रा फर्जी आगीवाण इयां नुजूवांना नै
राजभासा बात मत करौ कैवे कैवे कांई एक तरीके सूं कीं बीजी बात कैवे ऐ बे है जिका आंदोलन बेकार मानता बस लिखौ मान्यता मिल जायेगी आ हिन्दी कैवता भगवन इयां नै बणाया राखै पण टाबरां नै ना रोकौ थांरौ बीजो एजेंडो है तो भासा रै नांव माथै पूरौ ना करौ बियां भी 1992पछै
कूण कूण रा किण तरै रा एजेंडा पूरा हुया मोटे में आप सूं अछाना नीं है।
दोन्यू तरै री मानता री बात दोन्यू
पार्टी सूं करौ सा फर्जी सूं सावचेत रैवो

जै राजस्थान जै राजस्थानी

– ✍️ कमल रंगा

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