एसकेआरएयूः ‘मोबाइल रेस्पाॅन्सिव’ और ‘फार्मर फ्रेंडली’ बनेगी विश्वविद्यालय की वेबसाइट

कुलपति प्रो. सिंह ने ली बैठक, त्वरित कार्यवाही के दिए निर्देश
बीकानेर, 12 फरवरी। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की वेबसाइट को ‘मोबाइल रेस्पॉन्सिव’ और ‘फार्मर फ्रेंडली’ बनाया जाएगा। साथ ही सभी संबद्ध महाविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्रों की वेबसाइट्स भी नियमित अपडेट की जाएंगी। बुधवार को कुलपति प्रो. आर.पी. सिंह की अध्यक्षता में इससे संबंधित बैठक आयोजित हुई। कुलपति ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में किसानों और कृषि विद्यार्थियों को त्वरित अपडेट मिलें, इसे ध्यान रखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा यह पहल की जा रही है। नई वेबसाइट हिंदी और अंग्रेजी में दोनों भाषाओं में होगी। इस पर विभिन्न महत्वपूर्ण और विश्वविद्यालय की समस्त वेबसाइट्स के लिंक भी होंगे। उन्होंने अपडेशन कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। इस दौरान डॉ. विमला डुकवाल ने गृह विज्ञान महाविद्यालय, डॉ. अरविंद झांझडिया ने कृषि महाविद्यालय और डॉ. अदिति माथुर ने आईएबीएम की वेबसाइट का प्रेजेंटेशन किया। बैठक में कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आई.पी.सिंह, प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. एस. के. शर्मा, अनुसन्धान निदेशक डॉ. पी. एस. शेखावत, विशेषाधिकारी प्रो. राजेश शर्मा मौजूद रहे। सिमका प्रभारी इंजी. लढ्ढा ने नई वेबसाइट के प्रारूप के बारे में जानकारी दी।
शिक्षण का वीकली शेड्यूल हो अपडेट
कुलपति ने कहा कि राज्यपाल एवं कुलाधिपति के निर्देशानुसार समस्त महाविद्यालयों की वेबसाइट्स पर सप्ताह के दौरान पढ़ाए जाने वाले शेड्यूल को अपडेट किया जाए। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर को धूम्रपान एवं प्लास्टिक मुक्त बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के इन निर्देशों का सख्ती से पालन हो। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाए। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म के माध्यम से किए जा रहे प्रचार-प्रसार के बारे में बताया।
कृषि अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन
कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने बुधवार को बीछवाल स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र का अवलोकन किया तथा विभिन्न अनुसंधान परियोजनाओं के तहत चल रहे परीक्षणों की प्रगति जानी। उन्होंने कहा कि इन परीक्षणों का किसानों को प्रत्यक्ष लाभ हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. एस. आर. यादव ने अनुसंधान प्रयोगों के बारे में बताया। इस दौरान अनुसंधान निदेशक डाॅ. पी. एस. शेखावत सहित अन्य कृषि वैज्ञानिक मौजूद रहे।

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