गरीब मजदूर भुखमरी का सामना कर रहे हैं

गरीब मजदूर भुखमरी का सामना कर रहे हैं सरकारी सुविधाएं गरीबों तक नहीं पहुंची कमठा मजदूर यूनियन बाड़मेर के अध्यक्ष लक्ष्मण बडेरा ने प्रेस बयान जारी कर बताया कि बाड़मेर जिले में गरीब मजदूर अब भुखमरी के कगार पर खड़े हैं 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के बाद 24 मार्च को लगे लॉक डाउन के कारण काम धंधा सब चौपट हो गया दिहाड़ी मजदूर कमठा मजदूर कारीगर स्ट्रीट वेंडर रेहडी पटरी गाडोलिया लोहार घुमंतू परिवार जोगी कालबेलिया सभी प्रकार के गरीब मजदूरो के पास खाने को अब साधन नहीं है लक्ष्मण बडेरा ने अफसोस जताते हुए कहा कि एक तरफ सरकार ने गरीबों को भूखे नहीं रखने का वादा किया था और दूसरी तरफ गरीबों को घर में बंद कर उनके घर तक सुविधाएं भी नहीं पहुंचाई इस कारण गरीबों के घर सहायता के स्थान पर भूखमरी पहुंच गई है इस कारण बच्चे बूढ़े सभी परेशान है लक्ष्मण बडेरा ने कहा कि शहर के अंदर नगर परिषद बाड़मेर ने अपने पार्षदों के माध्यम से कुछ लोगों तक 5 किलो अनाज के साथ आधा किलो तेल और नमक मिर्च पहुंचाए थे जो पिछले 8 दिनों के अंदर तीन-चार दिन तक ही रोटी पका सकते थे वो भी सीमित लोगो तक लेकिन पिछले 8 दिन में एक रुपए की मजदूर को आय नहीं हुई गरीब लोग दूध बच्चों को नहीं पिला सके चाय शक्कर खरीदने व हरी सब्जी खरीदने तक का पैसा नही हैं और तो और गरीब मजदूरों को राज्य सरकार ने ₹1000 खाते में जमा करने के लिए जो कहा था वह भी नहीं कराये इससे भी उनको जो सहारा मिलने की उम्मीद थी उस पर भी पानी फिर गया उसके बाद में सरकार ने यह कहा था कि हम 3 महीने का राशन देंगे लेकिन अभी तक तो राशन देने की व्यवस्था नहीं की गई मजदूर नेता ने बताया केवल गेहूं देने से काम नहीं चलेगा सारी व्यवस्था करने के लिए सरकार जिम्मेदार है और सरकार को यह सारी व्यवस्था अपनी जिम्मेदारी के साथ में करनी चाहिए लक्ष्मण बडेरा ने अफसोस जताते हुए कहा कि बीमारी से तो बच सकते हैं लेकिन भुखमरी से गरीब मजदूर मोत का शिकार हो सकते है लापरवाही के कारण यह कलंक बाड़मेर जिले के ऊपर लग सकता है जिला कलेक्टर बाड़मेर को व्हाट्सएप मैसेज के जरिए और मुख्य सचिव को भेजे व्हाट्सएप मैसेज के जरिए इस आशंका से नकारा नहीं जा सकता कि भुखमरी की वजह से बाड़मेर में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ सकती है इसलिए गरीब मजदूर निर्माण श्रमिक कार्डधारी और कालबेलिया और कच्ची बस्ती में रहने वाले लोगों तक बिना भेदभाव के सहायता पहुंचाई जावे गरीब मजदूर भुखमरी का सामना कर रहे सरकारी सुविधाएं घरो तक नहीं पहुची मजदूर नेता लक्ष्मण बड़ेरा ने बताया कि बाड़मेर जिले की 17 ग्राम पंचायतों मैं हजारों की संख्या में गरीब मजदूर घुमंतू कालबेलिया निर्माण श्रमिक मौजूद हैं लाक डाउन के कारण बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं घर में अनाज नहीं है राशन नहीं है सरकार के 17 विकास अधिकारियों ने अभी तक किसी भी मजदूर के घर सहायता सामग्री नहीं पहुंचाई सरकार के अफसर ऊंचे ऊंचे दावे कर जनता को भरमा रहे है यह सोचने वाली बात है जिन अधिकारियों को जनता की वास्तविक हालत का अध्ययन कर तत्काल सहायता पहुंचाने के आदेश थे वह अधिकारी कोरोना बीमारी से अपने बचाव के लिए सोशल डिस्टेंस का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि वह अधिकारी बीमारी से बच सकें जनता को भूखे रहने से बचाने का कोई इंतजाम अभी तक नहीं किया गया है इसलिए लोक डाउन का जनता पालन करेगी अगर भूखमरी से जनता अगर घर से निकलती है तो उसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी

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