राजसमन्द : समस्याओं का होने लगा त्वरित समाधान

जयपुर, राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी व जनसुनवाई का अधिकार तथा सुगम समाधान से राजसमन्द जिले में आमजन की विभिन्न समस्याओं का त्वरित गति से समाधान होने लगा है। अब लोगों को अपनी समस्याओं को लेकर इधर उधर नहीं भटकना पड़ता है तथा उन्हें जिला मुख्यालय तक भी नहींं आना पड़ता है। इससे लोगों को राहत महसूस हो रही है।
जिला कलक्टर डॉ. प्रीतम बी. यशवन्त नियमित जनसुनवाई करके लोगों की समस्याओं को गंभीरता से लेकर उनका निश्चित अवधि में समाधान सुनिश्चित करवाते हंै वहीं जन अभाव अभियोग एवं सतर्कता समिति की बैठक के माध्यम से भी समस्याओं का समाधान हो रहा है।
राज्य में 14 नवम्बर 2011 से लागू किये गये लोक सेवाओं के प्रदान की गांरटी अधिनियम के बाद से अब तक जिले में विभिन्न विभागों से प्राप्त एक लाख 64 हजार 81 समस्याओं में से एक लाख 63 हजार 285 का निस्तारण कर दिया गया है तथा शेष 796 प्रकरण भी समायावधि में निस्तारित हो जाएंगे। इनमें से राजस्व विभाग के 41 हजार प्रकरणों में से 40 हजार 949 प्रकरणों का, ऊर्जा विभाग के 43 हजार 726 प्रकरणों में से 43 हजार 348 प्रकरणों का, चिकित्सा विभाग के 24 हजार 575 प्रकरणों में से 24 हजार 532 प्रकरणों का, यातायात विभाग के 28 हजार 209 प्रकरणों में से सभी प्रकरणों का, वित्त एवं पेंशन संबंधी 3 हजार 659 में से 3 हजार 626 प्रकरणों का, स्वायत शासन विभाग के 4 हजार 838 में से 4 हजार 769 प्रकरणों का, राजस्थान पथ परिवहन निगम के सभी 138 प्रकरणों का, खाद्य विभाग के सभी 503 प्रकरणों का, सार्वजनिक निर्माण विभाग के सभी 206 प्रकरणों का, सामाजिक न्याय विभाग के 4 हजार 541 में से 4 हजार 531 प्रकरणों का, जलसंसाधन विभाग के 388 में से 374 का, पुलिस विभाग के 6 हजार 720 में से 6 हजार 562 का, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के 5 हजार 574 में से 5 हजार 538 का निस्तारण हो चुका है।
राजसमन्द जिला मुख्यालय तथा सभी उपखण्ड मुख्यालय पर कार्यरत सुगम समाधान प्रकोष्ठ निरन्तर कार्य कर रहा है। इन प्रकोष्ठों में अब तक दर्ज 3 हजार 122 प्रकरणों में से 2 हजार 903 का निस्तारण कर 93 प्रतिशत उपलब्धि अर्जित की गई है।
जनसुनवाई का अधिकार अधिनियम के तहत जिले में दर्ज कुल 38 प्रकरणों में सभी का निस्तारण किया जा चुका है। इनमें से जिला परिषद के 4, अतिरिक्त कलक्टर का एक, उपखण्ड अधिकारी नाथद्वारा के 2, तहसीलदार आमेट का एक, विकास अधिकारी भीम के 18, आयुक्त नगरपरिषद के 4 तथा आयुक्त नगरपालिका नाथद्वारा के यहंा 3 प्रकरण दर्ज किए गए थे।

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