मध्य प्रदेश नहीं देगा राजस्थान को पानी

मध्य प्रदेश और राजस्थान के बीच जल बंटवारे को लेकर चल रहा विवाद बढ़ता ही जा रहा है। अब गांधी सागर के पानी को लेकर खींचतान हो गई है। मध्य प्रदेश ने गांधी सागर से 4 हजार क्यूसेक पानी से अधिक पानी की निकासी से इंकार कर दिया है। मध्य प्रदेश के इस फैसले से राजस्थान के कोटा क्षेत्र में किसानों के लिए खेतों की सिंचाई पर संकट पैदा हो गया है।

राजस्थान सरकार के अनुसार मध्य प्रदेश के गांधी सागर से पानी बढ़ाने से इनकार कर देने से जब दाई और बाई मुख्य नहर को दो-चार दिन से अधिक नहीं चलाया जा सकता। हालांकि जल संसाधन विभाग कोटा खण्ड के मुख्य अभियंता ने मध्य प्रदेश के अधिकारियों को फिर पत्र लिखकर गांधी सागर से अतिरिक्त पानी देने की मांग की है। वर्तमान में मध्य प्रदेश की ओर से गांधीसागर से मात्र 4000 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है, जबकि बाई मुख्य नहर में 1300 क्यूसेक और दाई मुख्य नहर में 5700 क्यूसेक पानी चल रहा है। दाई मुख्य नहर के 5700 क्यूसेक पानी में से 2800 क्यूसेक पानी मध्यप्रदेश को दिया जा रहा है। बैराज की दाई और बाई मुख्य नहरों में गांधी सागर के 4000 क्यूसेक पानी के अलावा अतिरिक्त पानी राणाप्रताप सागर से लिया जा रहा है, लेकिन जलसंसाधन विभाग और सीएडी के अब राणाप्रताप सागर का जल स्तर 1144.90 फीट पहुंच गया है, इससे अधिक पानी की निकासी पर पन बिजलीघर और पेयजल की व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। अब गांधीसागर से पानी नहीं बढ़ाए जाने की स्थिति में राणाप्रताप सागर से पानी नहीं छोड़ा जा सकता।

गौरतलब है कि दो दिन पहले ही एक महत्वपूर्ण बैठक में मप्र के प्रमुख जल संसाधन सचिव राधेश्याम जुलानिया ने राजस्थान के कमांड एरिया डेवलपमेंट के प्रमुख सचिव संजय दीक्षित के विवाद हो गया था। जुलानिया ने दीक्षित को मध्य प्रदेश में नहीं घुसने देने की धमकी दी थी।

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