एमजीएसयू के केंद्रीय पुस्तकालय ने करवाई राष्ट्रीय वेबीनार

सूचनाओं की मार्केटिंग लाइब्रेरी साइंस में महत्वपूर्ण अवयव : प्रो. उमेश चंद्र शर्मा

एमजीएसयू केंद्रीय पुस्तकालय द्वारा इमर्जिंग ट्रेंड्स ऑफ लाइब्रेरी एंड इंफॉर्मेशन साइंस विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित की गई जिसमें बोलते हुए डॉ बी आर अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के प्रोफेसर उमेश चंद शर्मा ने कहा कि सूचनाओं की मार्केटिंग लाइब्रेरी साइंस में महत्वपूर्ण अवयव साबित होती है। पहले शिलालेख, दानपत्रों आदि पर सूचनाओं का दस्तावेजीकरण किया जाता था जिन्हें आज भी शोध कार्य में प्राथमिक स्रोत के रूप में काम में लिया जाता है, फिर पांडुलिपि आई और आज वह दौर है जब हम डिजिटलाइजेशन के युग में पदार्पण कर चुके हैं, किंतु अफसोस की बात यह है कि केवल 10% लोग लाइब्रेरियों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें सुधार की महती आवश्यकता है।
स्वागत भाषण आइक्यूएसी के डायरेक्टर प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल द्वारा पढ़ा गया और कहा गया कि इस तरह के विषय आज के दौर में महत्वपूर्ण तब हो जाते हैं जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इस तरह के विविध विषयों के महत्व और विकास को प्रतिपादित किया जाता है। आयोजन सचिव पुस्तकालय अध्यक्ष महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय उमेश शर्मा द्वारा अतिथियों का परिचय पढ़ा गया।
एक दिवसीय राष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी की संयोजक, इतिहास विभाग की डॉ मेघना शर्मा ने कहा कि आज यह भ्रांति है कि लाइब्रेरी साइंस विषय में कोई भविष्य नहीं है किंतु यदि दस्तावेजीकरण के परिप्रेक्ष्य में पुस्तकालयों को देखा जाए तो उनका आंकलन, अभिलेखागारों के ही भांति उच्च कोटि के संस्थानों में किया जाता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के लाइब्रेरी साइंस विषय के प्रोफेसर के पी सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि रिसर्च और लर्निंग में लाइब्रेरी की बहुत अहम भूमिका है, उन्होंने बात को आगे बढ़ाते यह भी कहा कि नैक जैसी संस्थाओं की सिफारिशें संस्थानों के पुस्तकालयों की स्थिति पर बहुत हद तक निर्भर करती है। उन्होंने दस्तावेजीकरण के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपनी बात रखी।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार सिंह ने कहा कि लाइब्रेरी साइंस का भविष्य उज्जवल है जरूरत है डॉक्युमेंट्स को सहेजने के महत्वपूर्ण कार्य को सजगता से संचालित करने की।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन अनिल चौधरी द्वारा दिया गया। अमरेश कुमार सिंह ने तकनीकी कोऑर्डिनेटर की भूमिका का निर्वाह किया।

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