25 अप्रैल 2021 को, 1.4 लाख से अधिक एक्टिव कोविड-19 केस के साथ, राजस्थान देश में कोरोना वायरस की नई लहर से जूझ रहा है। इस संकट के बीच, राजस्थान के करौली जिले में गज्जूपुरा पंचायत के 28 वर्षीय युवा सरपंच हरि मोहन महावर अपने खास एजेंडे के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किशोरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने की दिशा में शिद्दत से काम कर रहे हैं।
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया द्वारा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और बिहार में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 और उसके बाद हुए लॉकडाउन ने किशोरों को हताशा, अनिश्चितता और भावनात्मक कमज़ोरी की भावनाओं के बीच छोड़ दिया है। बाहर निकलने, दोस्तों से मेल मुलाक़ात करने जैसी गतिविधियों एवं स्कूल बंद हो जाने से किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
इस बारे में हरि मोहन कहते हैं, “ कोविड-19 की पहली लहर के दौरान, स्वास्थ्य सेवाएं महामारी प्रबंधन की ओर केंद्रित हो गयी हैं । हमें फिर से उसी बिंदु पर नहीं पहुंचना चाहिए, जहां समाज का सबसे कमजोर व्यक्ति अहम और जरूरी सुविधाओं से वंचित रह जाए। पिछले लॉकडाउन के दौरान, किशोरों को गांवों में हाईजीन प्रॉडक्ट्स (सेनेटरी नैपकिन आदि) और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बनाने में मुश्किलों से जूझना पड़ा, परन्तु इस बार हमें बेहतर तरीके से तैयार रहने की जरूरत है।”
सरपंच हरि मोहन ये मानते हैं कि किशोरों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उनके यौन प्रजनन स्वस्थ्य और मासिक धर्म से जुड़ी गलत अवधारणाओं को बदलने की आवश्यकता है। वह कहते हैं, “एक सरपंच के तौर पर, मैं अपने समुदाय में मासिक धर्म और स्वच्छता संबंधी मिथकों और पूर्वाग्रहों को तोड़ने की कोशिश कर रहा हूं। किशोरियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए यह बेहद अहम है। हमें किशोरों के बीच यौन और प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर बातचीत को सामान्य बनाने की जरूरत है क्योंकि कम उम्र में विवाह और अवांछित गर्भधारण का सामना करने वाली किशोरियों की संख्या में वृद्धि काफी चिंताजनक है।”
हरि मोहन समझते हैं कि इस महत्वपूर्ण समय के दौरान किशोरों का सहयोग करना कितना महत्वपूर्ण है, , इसके मद्देनजर वह अपनी पंचायत में किशोरों के लिए सूचना नेटवर्क तैयार करने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं। वे कहते हैं, “किशोरों को अपने माता-पिता या शिक्षकों के साथ अपनी शंकाओं और चिंताओं को साझा करना मुश्किल लगता है। मैंने स्थानीय सरकारी स्कूल के एक शिक्षक, विनोद के साथ ही गाँव के बुजुर्गों और समुदाय के नेताओं से पंचायत में युवा संसाधन केंद्र शुरू करने के विचार पर चर्चा करने के लिए संपर्क किया। इस बात को लेकर हम सभी सहमत थे कि किशोरों और युवाओं को सूचना और सेवाएं उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है, जिससे कि वे अपने लिए बेहतर विकल्प चुन सकें।”
खवाड़ा गांव के पुनर्निर्मित आंगनवाड़ी भवन में स्थानीय समुदाय के योगदान और पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया तथा इसके फील्ड पार्टनर अलवर मेवात इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड डेवलपमेंट के सहयोग से एक सुपर साथी केंद्र स्थापित किया गया, है। हरि मोहन के सहयोगी, स्थानीय सरकारी स्कूल के शिक्षक विनोद इसकी निगरानी और संचालन को देखते हैं। इस केंद्र को क्षेत्र के युवाओं और किशोरों से उत्साहजनक प्रतिक्रियाएं मिली हैं।
हरि मोहन इसको लेकर रोमांचित हैं कि उनके सामूहिक प्रयासों को सफलता मिल रही है। उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से तैयार सुपर साथी केंद्र अब किशोरों और युवाओं को सटीक जानकारी और सेवाएं मुहैया करा सकेगा और उनके समग्र विकास में योगदान देगा।”
पॉपुलेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सीनियर स्टेट प्रोग्राम मैनेजर दिव्या संथानम कहती हैं , “हम सरपंच हरि मोहन महावर की समुदाय को उन मुद्दों से जोड़ने की पहल का स्वागत करते हैं, जिनके बारे में पारंपरिक रूप से कभी चर्चा नहीं होती। इस पहल ने न केवल परिवार इकाइयों के भीतर खुले संवाद के लिए एक स्थान बनाया है, बल्कि सुपर सथी केंद्र की स्थापना भी की है, जो अब किशोरों के स्वास्थ्य और उनके हित से संबंधित जानकारी के प्रवाह को सहज बनाएगा। कोविड-19 महामारी सभी के लिए कठिन समय है, लेकिन किशोर और युवा विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं । सुपर साथी केंद्र किशोर और युवाओं को सही जानकारी मुहैया कराकर इस शून्य को भरने की दिशा में एक जरूरी कदम है।”
किशोरों के स्वास्थ्य और उनके हित की दिशा में काम करने के लिए कम्युनिटी लीडर्स के एक साथ आने से, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि किशोर और युवा अपनी आकांक्षाओं को पूरा करने में सक्षम हों।