आगामी जनवरी में पेयजल के लिये चलेगा अभियान

जयपुर। मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को आने वाली गर्मियों में आमजन को स्वच्छ जल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये प्रदेश में 01 जनवरी, 2013 से अभियान प्रारम्भ करने के निर्देश दिये हैं जिससे समय रहते सभी आवश्यक तैयारियां पूरी की जा सकें।
मुख्यमंत्राी आज यहां मुख्यमंत्राी कार्यालय में आयोजित जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की समीक्षात्मक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। श्री गहलोत ने अधिकारियों को बजट 2012-13, घोषणा-पत्रा तथा मुख्यमंत्राी की घोषणाओं में दिये गये निर्देशों के अनुरूप शेष रहे कार्यों को गति देने तथा निर्धारित समय में सम्पूर्ण कार्यवाही सुनिश्चित करने पर भी बल दिया।
श्री गहलोत ने कहा कि जलापूर्ति निरन्तर बनी रहे इसके लिये जलप्रदाय योजना के पुख्ता संधारण जैसे- बिजली, केमिकल, स्पेयर पार्ट्स, पम्प आदि के लिये धन की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु के हिसाब से आने वाले एक-दो माह में ही आवश्यक व्यवस्था कर ली जाये ताकि पेयजल का प्रबन्धन उच्च कोटि का बना रहे।
मुख्यमंत्राी ने निर्देश दिए कि गर्मी में जलापूर्ति की निरन्तरता बनाये रखने के लिये वृहद एवं क्षेत्राीय जलप्रदाय योजनाओं के लिये बिजली डेडिकेटेड फीडर स्थापित किये जायें जिससे पानी की आपूर्ति में बाधा ना आये।
उन्होंने पेयजल के पुख्ता प्रबंधन के लिये विभाग के फील्ड में पदस्थापित सहायक अभियंताओं को पर्यवेक्षण एवं निरीक्षण के लिये अविलम्ब वाहन उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। ये वाहन अभियान के बाद भी सहायक अभियंता आगे भी काम में लेते रहेंगे।
बैठक में बताया गया कि राज्य में 26 हजार से ज्यादा ऐसे आबादी के क्षेत्रा हैं जहां पानी की गुणवत्ता पीने योग्य नहीं है। इसके लिये जल शुद्धिकरण के लिये स्थानीय स्तर पर मांग के अनुसार आर॰ओ॰ प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया ताकि फ्लोराइड, स्लाइन, नाइट्रेट आदि का लोगों के स्वास्थ्य पर जो कुप्रभाव पड़ता है उससे वे बच सके। मुख्यमंत्राी ने इस कार्य के लिये विधायक कोष के अधीन कराये जाने वाले कार्य भी सूची में शामिल करने के निर्देश दिये। श्री गहलोत ने अधिकारियों से कहा कि वे इस समाजोपयोगी कार्यों में औद्योगिक एवं सामाजिक संस्थाओं का भी सहयोग ले।
बैठक में बताया गया कि वृहद पेयजल योजनाओं के पूर्ण होने से जनता को स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। बीसलपुर बांध से विभिन्न वृहद पेयजल योजनाओं के तहत जयपुर शहर, अजमेर शहर के साथ ही अजमेर व जयपुर जिले के विभिन्न शहरों एवं ग्रामों में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित हो चुकी है। बाड़मेर लिफ्ट परियोजना से बाड़मेर शहर,
इंदिरा गांधी नहर परियोजना से जैसलमेर शहर, आपणी योजना (इंदिरा गांधी नहर स्रोत) से जुड़े हनुमानगढ़ चूरू, झुंझुनूं जिले के गांवों में, चम्बल नदी से जुड़ने पर भरतपुर शहर तथा कोटा व झालावाड़ जिले के शहरों/ग्रामों जिनको चम्बल नदी से जोड़ा जा चुका है वहां पेयजल प्रबन्धन व्यवस्था सुनिश्चित हो चुकी है। इसके अलावा राजीव गांधी लिफ्ट परियोजना से पूरे जोधपुर शहर एवं इनके गांवों में स्वच्छ पेयजल वितरित किया जा रहा है तथा इनके सुदृढ़ीकरण हेतु विभिन्न वृहद परियोजनाएं प्रगति पर हैं।
बैठक में बताया गया कि 22 वृहद परियोजनाओं के 29 कार्य इस वित्तीय वर्ष के शुरूआत में चालू थे, इनमें से 22 कार्यों को इस वर्ष पूर्ण किया जा रहा है तथा 7 कार्यों को आगामी वित्तीय वर्ष में पूर्ण किया जायेगा। बजट 2012-13 में घोषित 34 परियोजनाओं के 42 कार्यों में 30 कार्य चालू हो चुके हैं तथा शेष 10 कार्य इस वित्तीय वर्ष में चालू कर दिये जायेंगे।
बैठक में अगली गर्मी से पहले पंचायत समितिवार ट्यूबवेल एवं हैण्डपम्प का वास्तविक आंकलन कर जनप्रतिनिधियों की मांग के अनुरूप व्यवस्था करने तथा जालौर में नर्मदा का पानी पेयजल आपूर्ति के लिये अतिशीघ्र प्रोजेक्ट की रूकावटें समाप्त होने की आवश्यकता पर भी चर्चा की गई।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्राी डॉ. जितेन्द्र सिंह ने जनता जल योजना के क्रियान्वयन में और अधिक सुधार की आवश्यकता प्रतिपादित की। प्रारम्भ में जन स्वास्स्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री पुरूषोत्तम अग्रवाल ने विभागीय उपलब्धियों एवं कार्यों पर आधारित प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में मुख्य सचिव श्री सी.के.मैथ्यू, प्रमुख शासन सचिव वित्त डॉ. गोविन्द शर्मा, प्रमुख शासन सचिव आयोजना श्री राकेश वर्मा, मुख्यमंत्राी के प्रमुख सचिव श्री श्रीमत पाण्डेय, मुख्यमंत्राी के सचिव श्री निरंजन आर्य एवं श्री रजत मिश्र तथा जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता भी उपस्थित थे।

अनाथ बच्चों को मिला संबल
जयपुर। प्रदेश में आम आदमी की सरकार में जनता की आवाज बुलन्द हो रही है और इसी के चलते आमजन की पीड़ा की सुनवाई के साथ ही शासन और प्रशासन के बारे में उसके फीडबैक को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे ही एक आम आदमी द्वारा दिये गये फीडबैक से कोटा जिले की सांगोद पंचायत समिति के ग्राम पंचायत मोरूकलां में रह रहे दो अनाथ बालकों को पालनहार योजना से जीवन जीने का सम्बल मिला है।
हुआ यूं कि मुख्यमंत्राी कार्यालय में राज्य सरकार के फ्लेगशिप कार्यक्रमों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन तथा आमजन को योजनाओं से मिल रहे लाभ के बारे में ग्राम पंचायत स्तर से लिये जा रहे फीडबैक के तहत 11 दिसम्बर, 2012 को जब ई-ग्राम सूची में शामिल आम नागरिक श्री मोहनसिंह कण्डेरा ने स्वर्गीय बाबूलाल एवं उसकी धर्मपत्नी कालीबाई की मृत्यु के पश्चात् उनके दो बच्चों को राजकीय सहायता नहीं मिलने की बात बताई। इस पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिये गये और विकास अधिकारी, सांगोद द्वारा अविलम्ब दोनों अनाथ बच्चों को जिनकी उम्र 10 एवं लगभग 6 साल की है को पालनहार योजनान्तर्गत प्रतिमाह 675-675 रुपये सहायता राशि की स्वीकृति जारी कर दी गई।
योजनान्तर्गत दोनों बच्चों को वस्त्रा, आवास एवं अन्य आपूर्ति के लिये एक मुश्त 2 हजार रुपये की राशि भी स्वीकृत की गई। ये दोनों बच्चे माता-पिता की मृत्यु के पश्चात् अपनी बुआ श्रीमती सोनबाई के साथ मोरूकलां के वार्ड सं. 10 में रह रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत हर व्यक्ति के दुःख-दर्द में शामिल होने का न केवल प्रयास करते हैं अपितु छोटी से छोटी समस्याओं एवं शिकायतों को सुनकर अविलम्ब उनके निराकरण के निर्देश अधिकारियों को देते हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्राी कार्यालय से लिये जा रहे फीडबैक के तहत आने वाली शिकायतों और समस्याओं पर पैनी नजर रखी जा रही है। इन प्रयासों से प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में रह रहे लोगों को समस्याओं के निराकरण के प्रति उम्मीद जगी है।

प्रदेश में रिफाइनरी स्थापना के संबंध में चर्चा की
जयपुर। मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत ने बुधवार को मुख्यमंत्राी कार्यालय में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेश में रिफाइनरी स्थापना के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्राी ने बैठक में राज्य सरकार की ओर से घोषित पैकेज व सुविधाओं के तहत रिफाइनरी जल्द से जल्द स्थापित हो इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
बैठक में बाड़मेर क्षेत्रा में रिफाइनरी के साथ-साथ पॉलिमर प्लास्टिक यूनिट लगाने की सम्भावनाओं पर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने बताया कि इससे प्रदेश में 38 हजार करोड़ रुपये का निवेश आयेगा तथा हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। इस यूनिट की उत्पादन क्षमता 6 लाख मैट्रिक टन होगी। इसके साथ ही प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्रा में नई सम्भावनाओं पर भी चर्चा की गई।
बैठक में उद्योग मंत्राी श्री राजेन्द्र पारीक, मुख्य सचिव श्री सी. के. मैथ्यू, भारत सरकार के पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री सुधीर भार्गव, मुख्यमंत्राी के प्रमुख सचिव श्री श्रीमत पाण्डे, प्रमुख शासन सचिव (वित्त) डॉ. गोविन्द शर्मा, मुख्यमंत्राी के सचिव (प्रथम) श्री निरंजन आर्य एवं मुख्यमंत्राी के सचिव (द्वितीय) श्री रजत मिश्र भी उपस्थित थे।

error: Content is protected !!