राजस्थान में मोबाइल गेमिंग में जबर्दस्त उछाल : रिपोर्ट

जयपुर, जनवरी, 2022 : राजस्थान में 2021 में मोबाइल गेमर्स की संख्या में काफी उछाल दर्ज किया गया। ई-स्पोर्ट्स और स्किल गेमिंग प्लेटफार्म मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) द्वारा रिलीज की गई इंडिया मोबाइल गेमिंग रिपोर्ट 2021 (आईएमजीआर) के अनुसार श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, अलवर जोधपुर और अजमेर में मोबाइल गेमर्स की संख्या में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई।
एमपीएल की रिपोर्ट के अनुसार 2021 में भारत में मोबाइल गेमर्स के लिहाज से जयपुर दूसरा सबसे बड़ा शहर बन गया है। पुणे, लखनऊ और पटना जैसे शहरों में अब जयपुर भी शामिल हो गया है, जहां 2021 में बड़ी संख्या में लोगों ने मोबाइल गेम खेलने में दिलचस्पी दिखाई। इन शहरों के लोगों ने मोबाइल गेमर्स की बड़ी संख्या के मुकाबले में मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े शहरों को पीछे छोड़ दिया था। मोबाइल पर खेले गए गेम्स की संख्या के लिहाज से भी पिंक सिटी ने टॉप पोजिशन हासिल की।
श्रीगंगानगर में मोबाइल गेमर्स की संख्या में 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। राजस्थान के दूसरे शहरों, जैसे हनुमानगढ़, अजमेर, अलवर, जोधपुर और जयपुर में 2021 की तुलना में प्रभावशाली ग्रोथ देखी गई।
आईएमजीआर 2021 की रिपोर्ट के अनुसार कैरम, फ्रूट डार्ट, फ्रूट चॉप, क्रिकेट क्लैश, रनर नंबर 1 कुछ टॉप गेम्स में से एक है, जो राजस्थान में मोबाइल गेमर्स के बीच लोकप्रिय हुए।
राष्ट्रीय स्तर पर, शतरंज और पूल जैसे मोबाइल ई-स्पोर्ट्स गेम्स खेलने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई। 2021 में एमपीएल प्लेटफॉर्म पर अकेले 1.3 मिलियन ई-स्पोटर्स प्लेयर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन किया। इस प्लेटफॉर्म पर करीब 5 लाख गेम्स खेले गए थे। इस प्लेटफॉर्म पर लाइव व्यूअरशिप 17 मिलियन रेकॉर्ड की गई।
रिसर्च संबंधी कई रिपोर्ट्स में बताया गया कि किफायती स्मार्टफोन की बढ़ती उपलब्धता के साथ हाईस्पीड इंटरनेट ने छोटे शहरों और कस्बों में लोगों को मोबाइल पर गेम खेलने की ओर प्रेरित किया । दरअसल, गेमिंग के लिए मोबाइल बेस्ड प्लेटफॉर्म ने लोगों के लिए कौशल पर आधारित गेम्स और टूर्नामेंट्स तक पहुंचना आसान बना दिया।
कंसल्‍टेंसी फर्म ईवाई ने अपनी हाल की रिपोर्ट में उल्लेख किया कि ऑनलाइन गेमिंग के मामले में भारत में घरेलू बाजार 2019 में 906 मिलियन डॉलर का था, जिसके 2023 तक बढ़कर 2 बिलियन डॉलर से अधिक तक पहुंचने की संभावना है। इस क्षेत्र ने 22 फीसदी सीएजीआर का प्रतिनिधत्व किया। इसका मतलब है कि भारतीय मार्केट के तेजी से आगे बढ़ने की संभावना है। दुनिया भर में भारतीय मोबाइल गेमिंग के मार्केट में सार्थक योगदान देने की उम्मीद है।
ईवाई की रिपोर्ट में विस्तार से ये चर्चा की गई कि भारत में ऑनलाइन गेमर्स का मार्केट 2020 में 360 मिलियन से बढ़कर 2022 में 510 मिलियन तक पहुंचने की संभावना है। इसमें 85 फीसदी के मोबाइल गेमर्स होने का अनुमान लगाया गया है।

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