कला एवं संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्द्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता में – डाॅ.कल्ला

जयपुर, 31 मार्च (वि.) आज़ादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर राज्य की कला, साहित्य, संस्कृति तथा भाषायी संरक्षण-संवर्द्धन, प्रोत्साहन एवं प्रोन्नयन हेतु कला एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से राज्य की विभिन्न भाषा एवं कला अकादमियों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों तथा विभिन्न संस्थाओं को कला एवं संस्कृति मंत्री डाॅ.बी.डी.कल्ला के कर-कमलों द्वारा ’संस्कृति संवर्द्धन सम्मान’ से झालाना संस्थानिक क्षेत्र स्थित अकादमी संकुल सभागार में सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कला एवं संस्कृति मंत्री डाॅ.बी.डी.कल्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि राज्य की कला एवं संस्कृति के विकास एवं प्रोत्साहन हेतु राज्य सरकार संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रमों के आयोजन में भी राजस्थान का कला एवं संस्कृति विभाग अग्रणीय स्थान पर बना हुआ है। उन्होंने संस्कृति संवर्द्धन सम्मान के औचित्य पर प्रकाश डालते हुये कहा कि राज्य की कला एवं संस्कृति के संरक्षण-संवर्द्धन, प्रोत्साहन एवं प्रोन्नयन में उल्लेखनीय योगदान देने वाली संस्थाओं एवं साहित्यकार-कलाकारों को सम्मान मिलना ही चाहिये। कार्यक्रम अध्यक्ष कला एवं संस्कृति विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ एवं संयुक्त शासन सचिव पंकज ओझा ने भी अपने विचार प्रकट किये।
सिन्धी भाषा, साहित्य, कला एवं संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दिशा में अमूल्य योगदान के लिये जयपुर की सिन्धु वेलफेयर सोसायटी, सिन्धु संस्कृति प्रसार संस्था, प्रेम प्रकाश मण्डल, अमरापुर आश्रम, जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार लक्ष्मण भंभानी, सुरेश सिन्धु, पूजा चांदवानी, नन्दिनी पंजवानी, अजमेर के घनश्याम ठारवानी ’भगत’, बीकानेर के सुरेश हिन्दुस्तानी एवं कोटा के किशन रतनानी को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में राज्य की भाषाई एवं कला अकादमियों के सचिव, निदेशक, साहित्यकार, कलाकार एवं पत्रकार आदि बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के अति.निदेशक गोविन्द पारीक ने किया।

सचिव

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