संरक्षा के लिये उत्तर पष्चिम रेलवे की प्रतिबद्धता

विगत 8 वर्षों में संरक्षा के लिये उठाये कदमों के फलस्वरूप दुर्घटनाओं में अपेक्षित कमी
उत्तर पष्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में मात्र 2 दुर्घटनाएं दर्ज की गई

रेलवे में संरक्षा को सदैव ही प्रथम स्थान पर रखा जाता है और संरक्षा को सुदृढ़ किये जाने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है, जिससे रेल संचालन को संरक्षित व सुगम बनाया जा सकें। रेलवे द्वारा नई तकनीक का उपयोग, सिगनल प्रणाली का अपग्रेडेषन, ट्रेक अनुरक्षण, ट्रेक नवीनीकरण, संरक्षा जागरूकता तथा मानवरहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिये विगत वर्षों में महत्वपूर्ण कदम उठाये गये है।
उत्तर पष्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन षषि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक श्री विजय शर्मा के नेतृत्व में उत्तर पष्चिम रेलवे पर संरक्षा को सर्वोपरि ध्येय मानकर कार्य किये जा रहे है। उत्तर पष्चिम रेलवे पर आधुनिकतम सिगनल प्रणाली की स्थापना के तहत वर्ष 2021-22 में 30 स्टेषनों पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली उपलब्ध करवाई गई तथा वर्तमान में उत्तर पष्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज पर स्थित 98ः से अधिक स्टेषनों पर आधुनिकतम सिगनल प्रणाली स्थापित की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त समपार फाटकों पर संरक्षा को सुदृढ़ करने के क्रम में उत्तर पष्चिम रेलवे पर कुल 532 समपार फाटक को इंटरलॉक किया जा चुका है।
इसके साथ ही उत्तर पष्चिम रेलवे पर 436 करोड की लागत से 1586 किलोमीटर रेलमार्ग पर कवच प्रणाली स्थापित करने के लिये सैद्वान्तिक मंजूरी प्रदान की गई है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर ‘कवच’ प्रणाली रेवाड़ी-पालनपुर वाया जयपुर, जयपुर-सवाई माधोपुर, उदयपुर-चित्तौड़गढ़, फुलेरा-जोधपुर-मारवाड़ एवं लूनी-भीलड़ी रेलखंड पर स्वीकृत की गई है। इस प्रणाली के स्थापित होने से रेल संचालन की संरक्षा में वृद्वि होगी।
मानवरहित समपार फाटकों पर होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने की कार्ययोजना के तहत उत्तर पष्चिम रेलवे के ब्रॉडगेज मार्ग पर सभी मानव रहित समपार फाटकों को समाप्त समाप्त कर दिया गया है। मानवरहित समपार फाटकों को मानवसहित करना, मानवरहित समपार फाटकों को सबवे ;ैनइूंलद्ध, सीमित ऊचाई के पुल ;स्भ्ैद्ध तथा सडक के ऊपरी पुल ;त्व्ठेद्ध बनाकर बन्द करने के कार्य किये गये। वर्ष 2014 से अब तक 61 रोड ओवर ब्रिज तथा 683 रोड अण्डर ब्रिज का निर्माण किया गय जिसके फलस्वरूप सडक उपयोगकर्ताओं की नासमझी से होने वाली दुर्घनाओं में अपेक्षित कमी आई है। रेल संचालन में ट्रेक अनुरक्षण संरक्षा का अहम घटक है जिस पर विगत वर्षों में विषेष बल दिया जा रहा है तथा इस मद के लिये बजट में समुचित बजट भी आवंटित किया जा रहा है। उत्तर पष्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 184 किलोमीटर मार्ग का ट्रेक नवीनीकरण किया गया। संरक्षा के लिये इस वर्ष प्रस्तुत बजट में 1100 करोड़ रूपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। संरक्षा के अहम मद ट्रैक नवीनीकरण के लिये 495 करोड़, रेलवे समपारांे पर रोड ओवर ब्रिज तथा रोड अण्डर ब्रिज के लिये 480 करोड़ रूपये का बजट में प्रावधान है।
संरक्षा को सुदृढ़ करने के प्रयासों के फलस्वरूप उत्तर पष्चिम रेलवे पर संरक्षा में अपेक्षित वृद्धि दर्ज की गई है साथ ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं। उत्तर पष्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में मात्र 2 दुर्घटनाएं दर्ज की गई है जो संरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्षाता है। उत्तर पष्चिम रेलवे पर संरक्षा के लिये किये जा रहे कार्यों को देखते हुये राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह 2021 में उत्तर पष्चिम रेलवे को संरक्षा षील्ड प्रदान कर सम्मानित किया गया था।
उत्तर पष्चिम रेलवे पर रेल संचालन में संरक्षा प्रमुख ध्येय है तथा रेलवे का प्रयास है कि संरक्षा कार्यांे में किसी भी प्रकार कमी नहीं आये और यात्रियों को सुरक्षित उनके गतंव्य तक पहुचाना प्राथमिकता में सम्मलित है।
जन सम्पर्क अधिकारी
उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर

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