‘विवेकहीन’ सरकार ने किया प्रदेश में शिक्षा का बंटाधार-देवनानी

-शिक्षा से जुडे मुद्धों पर पूर्व शिक्षा मंत्री देवनानी ने दी तीखी प्रतिक्रिया।
-कांग्रेस सरकार का नहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान।
-सत्र प्रारंभ परंतु लाखों बच्चों को नहीं मिली स्कूल ड्रेस।
-हिन्दी मीडियम स्कूलों को बंद कर इंग्लिश मीडियम करने पर लाखों विद्यार्थी उतरे सडकों पर।

प्रो. वासुदेव देवनानी
जयपुर, 6 जुलाई।
प्रदेश शिक्षा से जुडे विभिन्न मुद्धों पर पूर्व शिक्षा मंत्री एवं अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। देवनानी ने कहा कि राज्य के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले ऐसी कांग्रेस सरकार की न दिशा और न ही दृष्टि है। उसने अपने विवेकशून्य नीति और निर्णयों के चलते शिक्षा का बंटाधार कर छोडा है। सिलसिला यही चलता रहा तो गत साढे तीन साल पहले तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मामले में अग्रणी माने जाने वाले राजस्थान का शिक्षा के मायने में ‘रसातल; पर जाना तय है।
देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021 के बजट भाषण में थोथी वाहवाही लूटने के लिए पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने की घोषणा की जिसके तहत करीब साढे 64 हजार सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं तक के 71 लाख बच्चों को सिली-सिलाई यूनिफॉर्म निशुल्क देने का था। जोश-जोश में सरकार ने 6 सौ रूपए में दो ड्रेस देना तय भी किया। संबंधित टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हुई लेकिन फर्मों ने 6 सौ रूपए में दो ड्रेस देने से इनकार कर दिया। फर्मों के मना करने पर सरकार ने एक फर्म को दो ड्रेस का कपड़ा 425 रुपए में उपलब्ध कराने आदेश और सिलाई की राशि 175 रुपए संबंधित स्कूल की एसएमसी के खाते में देने का मन बनाया लेकिन इसके भी परिणाम ढाक के तीन पात ही रहे। निशुल्क यूनिफॉर्म उपलब्ध कराने को लेकर पिछले सत्र में सरकार ने सभी बच्चों के बैंक खातों की जानकारी भी जुटाई, लेकिन सत्र प्रारंभ होने के बाद भी अभी तक न खातों में पैसा आया और न ही बच्चों को यूनिफॉर्म मिल सकी है।
देवनानी ने कहा कि कांग्रेस गत तीन सालों से एक के बाद एक हिन्दी मीडियम स्कूलों को बंद कर उन्हीं भवनों में अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने को आमादा है। विद्यार्थियों के भारी विरोध के बाद भी सरकार हिन्दी मीडियम स्कूल बंद कर अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने की जिद पर अडी है। सरकार ने हालही में अजमेर सहित सभी जिलों में हिन्दी मीडियम स्कूलों को बंद कर उनके स्थान पर अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने संबंधित सूची जारी की है। ऐसा होने से 20 प्रतिशत बालक तो अंग्रेजी माध्यम की स्कूल में समायोजित हो जाएंगे लेकिन शेष 80 प्रतिशत बालकों पर संकट खडा हो गया है जिसके चलते सरकार के अविवेकहीन निर्णय के चलते लाखों विद्यार्थी सडकों पर उतर आए है। 80 प्रतिशत विद्यार्थियों को अध्ययन हेतू दूर-दूर और दर-दर पर घूमने को मजबूर होना पड रहा है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में बालिका प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए बोर्ड कक्षाओं में 75 प्रतिशत अंक पाने वाली बालिकाओं को गार्गी पुरस्कार देने का निर्णय हुआ था। गार्गी पुरस्कार को लेकर प्रदेश की बालिकाओं में काफी उत्सुकता रहती थी लेकिन राज्य सरकार द्वारा हालही में 75 प्रतिशत की बजाए 90 प्रतिशत अंक लाने वाली बालिकाओं को यह पुरस्कार देने का निर्णय कर बालिका शिक्षा प्रोत्साहन की राह में रोडा बन गया है। देवनानी ने राज्य सरकार से बच्चों को स्कूल ड्रेस उपलब्ध कराने, हिन्दी मीडियम को अंग्रेजी मीडियम में बदले की बजाए अलग से अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलने एवं गार्गी पुरस्कार के लिए योग्यता 90 की बजाए 75 प्रतिशत ही करने की मांग की है।

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