हिन्दी दिवस पर अमराई संस्था द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय ऑनलाइन काव्यगोष्ठी आयोजित

जयपुर । राजभाषा दिवस को हिन्दी दिवस के रूप मनाने के लिए अमराई संस्था द्वारा ऑनलाइन काव्यगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें भारत के विभिन्न प्रान्तों के अतिरिक्त अमरीका से भी अलग- अलग स्थानों से साहित्यकारों ने भाग लिया। जयपुर के विनय कुमार अंकुश की सरस्वती वंदना से आरंभ हुई काव्य गोष्ठी में डॉ रत्ना शर्मा ने हिन्दी भाषा को भारत की पहचान बताती घनाक्षरी से काव्यसत्र शुरू किया। इसके बाद कुरूक्षेत्र से जुड़ी रमा महाना, जयपुर से विवेक श्रीवास्तव ने स्कूलों में हिन्दी बोलने पर फ़ाइन, बच्चों के स्कूलों में द्वारा ‘हिन्दी डे’ के रूप में इसे मनाए जाने पर रचनाएं सुनाईं। अमरीका से जुड़ी वरिष्ठ साहित्यकार नीलू विज ने अमरीका में उनके द्वारा हिन्दी प्रचार – प्रसार कार्यक्रमों व उनके प्रयासों की जानकारी के साथ रचना प्रस्तुत की जिसे सभी ने सराहा। गोष्ठी में नेहानूपुर (आरा, बिहार), विकास सोलंकी ( खगड़िया, बिहार) व जयपुर से ज्योत्सना सक्सेना, पवनेश्वरी वर्मा ‘पवन’, निरुपमा चतुर्वेदी, इंद्र कुमार भंसाली, विनय कुमार शर्मा ‘अंकुश’ और साकार फ़लक ने हिन्दी दिवस पर एवं काव्य की विभिन्न विधाओं में रचनाएं सुनाकर सभी को आनंदित किया। संयोजक व संचालन करते हुए साकार श्रीवास्तव ने बताया कि अमरीका में विश्व हिन्दी ज्योति संस्थान से मनीष श्रीवास्तव व मानसी ने भी हिन्दी के प्रसार में प्रशंसनीय योगदान किया है वे कौस्तुभ हिन्दी पत्रिका भी निकालते हैं। इन दोनों ने भी अपनी दोहे और कविताओं से गोष्ठी की गरिमा बढ़ाई। अंत में सभी साहित्यकारों ने इस बात पर बल दिया कि हिन्दी को मात्र भाषा नहीं मातृ भाषा और राष्ट्र भाषा का सम्मान मिले। आम बोलचाल में अंग्रेज़ी के स्थान पर हिन्दी में कार्य करने के लिए अधिक प्रोत्साहित किया जाए। दक्षिणी राज्यों में हिन्दी प्रसार के लिए आवश्यक है कि हम भी वहॉं की भाषाएं सीखने का प्रयास करें। यह गोष्ठी गूगल मीट के माध्यम से सम्पन्न हुई।

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