भाजपा और कांग्रेस ने शहर की एक भी सीट पर जैन को नही बनाया प्रत्याशी

जयपुर जैन समाज में आक्रोश, अब करेंगे दोनो दलों का पूर्ण बहिष्कार
जयपुर। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर शहर की आठ विधानसभा सीटों में से जैन समाज के उम्मीदवारों ने सांगानेर, मालवीय नगर, किशनपोल विधानसभा क्षेत्र से अपनी मजबूत दावेदारी भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख दलों में की थी, किंतु अब तक दोनों दलों द्वारा जारी सूची को देख संपूर्ण जयपुर जैन समाज में आक्रोश फैल गया है और अब दोनों दलों का पूर्ण बहिष्कार करने की घोषणा कर दी है। दरअसल जयपुर में सर्वाधिक संख्या में जैन समाज मालवीय नगर, सांगानेर और किशनपोल विधानसभा क्षेत्र रहता है। जैन समाज के अनुसार मालवीय नगर विधानसभा क्षेत्र में समाज (दिगंबर और श्वेतांबर) के लगभग 65 हजार से अधिक मतदाता है, सांगानेर में भी लगभग 50 से 55 हजार मतदाता है, किशनपोल में 30 से 35 हजार मतदाता है। संख्या को दृष्टिगत रखते हुए समाज के उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी रखी थी। किंतु भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने जैन समाज को केवल वोट डालने तक सीमित रख दिया है। लेकिन इस बार संपूर्ण जैन समाज एकजुट होकर दोनों दलों का पूर्ण बहिष्कार करेगा और सबक सिखाएगा।

अखिल भारतीय जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने मालवीय नगर, सांगानेर और किशनपोल विधानसभा क्षेत्र की सीट से एक भी जैन उम्मीदवार को महत्व नही दिया। हालाकि भाजपा ने अभी किशनपोल में अपना प्रत्याशी तय नहीं किया है, किंतु जिस प्रकार से दोनों दलों ने प्रत्याशी घोषित किए है उससे देखकर उम्मीद नहीं लगती है वह जैन प्रत्याशी घोषित करेगी, किशनपोल से अभी भाजपा के पूर्व जयपुर शहर अध्यक्ष संजय जैन और पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी मजबूत दावेदार है।

जैन के अनुसार भाजपा और कांग्रेस अब तक दो – दो सूची जारी कर चुके है किंतु जिस प्रकार जैन उम्मीदवारों की उपेक्षा की गई वह निंदनीय है जिसे देखकर सम्पूर्ण जैन समाज में भारी आक्रोश है। प्रदेश में राजधानी जयपुर, कोटा, उदयपुर, भीलवाड़ा, अजमेर, बांसवाड़ा, टोंक, पाली, बाड़मेर, जोधपुर इत्यादि शहर जैन बाहुल्य क्षेत्र है।इस आधार पर जैन समाज ने भाजपा और कांग्रेस से 20-20 जैन प्रत्याशियों को टिकट देने की मांग की थी, किंतु दोनो सूची में भाजपा ने 5 और कांग्रेस ने 4 ही उम्मीदवारों को टिकट दिया है और जयपुर में एक भी जैन प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया है। पूर्व में ही टिकटों को लेकर जैन समाज में हुई बैठकों और सभाओं में पहले ही जैन समाज घोषणा कर चुका था की अगर जैन समाज उसका प्रतिनिधित्व नही मिला तो इस बार ना केवल चुनावों का बहिष्कार होगा बल्कि हर मोर्चे पर भाजपा और कांग्रेस को सबक सिखाने का भी काम किया जायेगा।

अभिषेक जैन ने कहा की दोनो प्रमुख दलों ने जैन उम्मीदवारों को टिकट ना देकर ना केवल समाज की उपेक्षा की है बल्कि खुलेआम अपमान भी किया है और अब जैन समाज अपना अपमान बर्दास्त नही करेगा, ” जैसी करणी वैसी भरणी ” सिद्धांत को अपना कर मुंह तोड़ जवाब देगा।

विश्व जैन संगठन के अशोक जैन गुड़ा ने कहा कि राजधानी जयपुर में स्तिथि लगभग स्पष्ट हो चुकी है प्रमुख पार्टियों द्वारा कोई भी जैन उम्मीदवार नही है किंतु समाज पीछे नहीं हटेगा, समाज के विभिन्न संगठन पूर्व से ही तैयारी में जुट हुए अब जैन समाज स्वयं अपने उम्मीदवार मैदान में उतरेगा और सांगानेर व मालवीय नगर सहित विभिन्न सीटों पर निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। हमें पता है निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत नही सकते किंतु सभी प्रमुख दलों को जैन समाज की अहमियत का एहसास करवाकर रहेंगे। जैन समाज केवल वोटर नही है, समाज को अपना अधिकार भी चाहिए। इस बार जो भी हारेगा उसका कारण सिर्फ और सिर्फ जैन समाज होगा।

error: Content is protected !!