निराशापूर्ण सरकार का निराशापूर्ण बजट – राठौड़

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आज़ाद सिंह राठौड़ ने केंद्र सरकार द्वारा पेश वित्तीय बजट को निराशापूर्ण बजट करार दिया है। उन्होंने कहा कि एक बार बजट ने जनता को निराश किया है। उन्होंने कहा कि ये बजट पूरी तरह से अनुभवहीनता और मिस मैनेजमेंट ऑफ फंड दर्शा रहा है। भारत सरकार ने एक ऐसा बजट पेश किया है जिसमें व्यापारियों, किसानों, युवाओं, मध्यमवर्गीय जनता व ग़रीब के लिये मात्र छलावों भरा सपना मात्र है। बजट चीजों को तुरंत ठीक करने के लिए एक बूस्टर खुराक नहीं था, बल्कि अगले पांच वर्षों में अर्थव्यवस्था कैसे आकार लेगी, इस पर एक दृष्टि थी , तुरंत राहत का कोई उपाय नजर नहीं आ रहा सरकार के पास।

राठौड़ ने बताया कि सबसे अधिक निराशा मध्यमवर्ग में इस बजट को लेकर देखी जा रही है। बजट में आयकर सीमा को नहीं बढ़ाया गया ,देश के माध्यम वर्ग को कर में राहत नही मिल रही और महंगाई दिन भर दिन बढ़ती जा रही है, आम आदमी कैसे अपना जीवन यापन करेगा ऐसे में बजट में न तो महंगाई कम करने के कोई प्रयास किए गए न ही आयकर सीमा में छूट दी गई। सरकार ने किसान के लिए सम्मान निधि बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की , पहले दी जाने वाली राशि भी पर्याप्त नहीं है , योजनाओं के बड़े ऐलान है बस क्रियान्वयन खोखला ही नजर आ रहा है ।

राठौड़ ने बताया कि सिलिंडर व पेट्रोलियम पदार्थों के दाम न घटने से महिला वर्ग को निराशा हुई है, उनके लिए राहत जैसा कुछ नजर नहीं आ रहा इस बजट से। दवाओं पर जीएसटी कम करनी चाहिए, क्योंकि हर व्यक्ति महंगी दवा का उपयोग नहीं कर पा रहा है, बजट में इसका जिक्र नही है । राजकोषीय घाटा 5.8% है , कोई खास कमी नहीं आई इसमें, बढ़ता घाटा देश को ऋणी बना रहा है ,जिसका भुगतान आम जनता को करना पड़ेगा ।

उन्होंने बताया कि सरकार ने एक बार फिर से ग्रामीण इलाक़ों और ग्रामीणों को निराश किया है। ग्रामीण इलाको में रोजगार को लेके कोई विशेष योजना नही है। सामान्य सरकारी स्कूल और कॉलेज को डिजिटल करना , आधुनिक तकनीक से जोड़ने का या प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण का कोई प्रावधान नही है इस बजट में। अंतरिम बजट में कल्याणकारी खर्च में उल्लेखनीय वृद्धि नहीं देखी गई है। असंगठित क्षेत्र के मजदूर वर्ग को कोई लाभ नहीं मिला इस बजट से , बुजुर्ग को दी जाने वाली पेंशन भी बहुत कम है उसमें बढ़ोतरी होनी चाहिये थी। कुल मिलाकर यह एक निराशापूर्ण सरकार का निराशापूर्ण बजट है।

– देवेंद्र जोशी ( कार्यालय श्री आज़ाद सिंह राठौड़, बाड़मेर )

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