बूंदी में छतरी का पुनर्निमाण राजस्थान के युवाओं की जीत : राठौड़

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव एवं युवा नेता आजाद सिंह राठौड़ ने बताया कि बूंदी में राव सूरजमल जी की प्राचीन छतरी को तोड़ने के पश्चात राजस्थान भर से उठी विरोध की आवाज के दबाव में सरकार ने छतरी का पुनः उसी स्थान पर बनाने का निर्णय करना पड़ा। यह राजस्थान के युवाओं की बड़ी जीत है कि सरकार को उनकी मांगो के आगे झुकना पड़ा। साथ ही साथ उन्होंने प्राचीन धरोहरों, इमारतों को संरक्षित करने के लिए सरकार से पॉलिसी बनाने और उसे लागू करने की मांग की है। राठौड़ ने बताया कि प्राचीन धरोहरें हमारी पहचान है, जो सांस्कृतिक, धार्मिक रूप से हमारे लिए महत्वपूर्ण है। ये हमारे इतिहास और संस्कृति का हिस्सा है इसलिए सरकार एक नीति बनाकर इन्हें सहेजने की पहल करें। प्रदेश में ऐसी कई इमारतें है जो ना तो सरकारी दस्तावेजों में दर्ज है ना स्थानीय लोग संरक्षित रख पा रहे हैं, कई धरोहरें जर्जर अवस्था में है तो कुछ पर लोगों ने अतिक्रमण कर दिया है। ऐसे में यदि सरकार नीति बनाकर संरक्षित करेगी तो यह ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण पहल होगी।

राठौड़ ने बताया कि भाजपा सरकार प्राचीन धरोहरों की पहचान मिटाने का काम रही है। पिछले दिनों बूंदी नरेश सूरजमल हाड़ा की छतरी तोड़ी गई जो सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती है। बूंदी छतरी की तरह हालात ना बने, इसलिए एक नीति की जरूरत है जिससे कोई भी सरकार ऐसा कदम ना उठा पाएं। इसके लिए एक नीति बनाकर धरोहरों को संरक्षित करना का प्रयास किया जाना चाहिए। प्रदेश के हर जिले में ऐसे कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल है जिनका संरक्षण नहीं हो पा रहा है इसलिए सरकार को नीति लागू कर संरक्षण का प्रयास करना चाहिए।

– देवेंद्र जोशी ( कार्यालय श्री आज़ाद सिंह राठौड़, बाड़मेर )

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