भाविप प्रताप वादविवाद स्पर्धा में सिंघवी प्रथम, निर्मला द्वितीय

उदयपुर। भारत विकास परिषद प्रताप ने रविवार को विज्ञान समिति सभागार में प्रांत स्तरीय वादविवाद प्रतियोगिता आयोजित की। प्रतियोगिता का विषय स्वधर्म और स्वभाषा में शिक्षा से ही भारत वैश्विक महाशक्ति बन सकता है, था। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर भाविप आजाद उदयपुर शाखा के खुबीलाल सिंघवी, द्वितीय स्थान प्रताप शाखा की श्रीमती निर्मला जैन एवं तृतीय स्थान पर प्रतापगढ़ शाखा के श्री जगन्नाथ जी सोलंकी रहे।
खुबीलाल सिंघवी नें कहा कि स्वभाषा और स्वधर्म से ही भारत अपना पुराना गौरव प्रप्त कर सकता है। श्रीमती निर्मला जैन ने कहा कि पाश्चात्य प्रभुत्व का सामना करने के लिए हमें स्वभाषा और स्वधर्म में शिक्षा को अपनाना होगा। जगन्नाथ सिंह सोलंकी नें कहा कि हम आस्था और सम्प्रदायवाद को आधार पर विश्व शक्ति नहीं बन सकते हैं। समारोह की अध्यक्षता कर रहे संरक्षक डॉ. सत्यनारायण माहेश्वरी ने कहा कि लंदन की वाणी, वाशिंगटन के धन और मास्को के विचारों को अपनाने के कारण ही देश का अपेक्षित गति से विकास नहीं हो पाया है। कायरता और परवशता कोई गुण नहीं है। स्वभाषा और स्वधर्म की उपेक्षा की देश को भारी कीमत चुकानी पड़ रही है।
प्रतियोगिता के निर्णायक एडवोकेट जीवन सिंह दलाल एवं शोध छात्र अंशमान चटर्जी थे। विशिष्ट अतिथी प्रांतीय महासचिव जयराज आचार्य, अध्यक्ष कमलेश धुप्पड़, सचिव पिंकी माण्डावत, चेतन लुणदिया, नरेन्द्र पोरवाल ने भी विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रारम्भ में मंचासीन अतिथियों ने स्वामी विवेकानंद एवं भारत माता के चित्रों पर माल्यापर्ण किया। संचालन भगिनी सुशीला मेहता, कांता धुप्पड़ एवं ललित प्रसाद माहेश्वरी नें किया। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर रहे प्रतिभागियों को क्रमश: 2000, 1500 एवं 1000 रुपए का नकद पुरस्कार एवं विवेकानंद साहित्य भेंट किया गया। अन्य सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र एवं विवेकानंद जीवनी प्रदान की गई। प्रतियोगिता में 10 शाखाओं ने भाग लिया।

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