वस्तु एवं सेवाकर से बढ़ेगा भ्रष्टाचार-किरण

नई दिल्ली। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव व विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि वस्तु एवं सेवाकर के बहाने केन्द्र सरकार राज्यों के अधिकारों का अतिक्रमण कर रही है। इससे जटिलताएं बढ़ेंगी एवं भ्रष्टाचार में वृद्धि होगी। किरण ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वस्तु एवं सेवा कर से करभार कम होने के सरकारी दावे थोथे हैं। वस्तु एवं सेवा कर के केन्द्र एवं राज्य स्तर पर दोहरी प्रशासनिक व्यवस्था एवं दोहरे कर के कारण यह व्यवस्था व्यापारियों एवं उद्योगों को कोई राहत नहीं देगी।
किरण ने कहा मात्र 7-8 वर्ष पूर्व सभी राज्यों में वेट कर लागू किया गाय। इतनी जल्दी नई कर व्यवस्था के कोई सुसंगत कारण नहीं है। आवश्यकता भ्रष्टाचार के कारण होने वाली कर चोरी को रोकने की है। नई कर व्यवस्था से केवल कर सलाहाकारों एवं भ्रष्ट अधिकारियों की चांदी होगी। किरण ने पृथक कर न्यायालय स्थापित करने की भी मांग की। सभी प्रकार के कर विवादों का क्षेत्राधिकार जिला एवं तहसील स्तर पर स्थापित होने वाले कर न्यायालयों का होना चाहिए। इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा। कर विवादों में विभागीय अधिकारियों को सुनवाई कर निर्णय देनें की वर्तमान व्यवस्था कर क्षेत्र में भारी भ्रष्टाचार का प्रमुख कारण है। प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर में भी विभागीय अपीलों की वर्तमान व्यवस्था को ही बनाया रखा गया है।
किरण ने कहा कि केन्द्र सरकार राज्यों की स्वायतता के संवैधानिक प्रावधानों की सतत अवहेलना कर रही है। राज्यों की स्थिति नए कर प्रावधानों के कारण नगरपालिकाओं के समान हो जाएगी। राज्य की विशेष परिस्थितियों एवं क्षेत्रिय आवश्कताओं के अनुरूप सरकारें कर ढांचें में परिवर्तन नहीं कर पाएगी। विकासशील राज्यों में निवेश के अवसर घट जाएंगे। केन्द्र सरकार राज्य सरकारों को होने वाले घाटे की क्षति पुर्ति में राजनीतिक आधार पर भेदभाव करके देश में लोकतंत्र को दुर्बल बना सकती है।
खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश
किरण ने खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को अत्मघाती बताया। इससे लाखों व्यक्ति बेरोजगार हो जाएंगे। विदेशी कम्पनियों का एकाधिकार उपभोक्ताओं एवं छोटे उद्यमियों को शोषण का शिकार बनाएगा। खुदरा व्यापार में विदेशी कम्पनियों की भारी वित्तीय शक्ति के कारण देशी व्यापारी एवं कम्पनियां व्यापार से बाहर हो जाएंगी। शीतल पेय के क्षेत्र में हम देख चुके हैं कि किस प्रकार वर्षों से जमी हुई देशा कम्पनियों का अधिग्रहण किया गया अथवा उन्हें व्यापार से बाहर किया गया।
किरण ने कहा कि सरकार विदेशी निवेश को किसानों के लिए लाभप्रद बता कर उन्हें भ्रमित कर रही है। जिन देशों में विदेशी निवेश की अनुमति दी गई, उनका अनुभव विपरीत ही है। सरकार खुदरा व्यापार में प्रशासनिक जटिलताओं को कम कर के एवं आधुनिक तकनीक के लिए प्रोत्साहन देकर व्यापारी एवं उपभोक्ता दोनों का ही हित साधन कर सकती है।
किरण ने कहा कि बड़ी विदेशी कम्पनियां उपभोक्ताओं को भ्रमित विज्ञापनों से अनावश्यक खरीदी के लालयित करके उन्हें कर्जभार में दबा सकती है। इससे हमारा सामाजिक ढांचा बिखर सकता है। खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश के विरुद्ध देश के जनमानस में एकता है। सरकार को जनभावनाओं की अनदेखी करके इसे लागु नहीं करना चाहिए।
खाद्य सुरक्षा
किरण ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के बहानें केन्द्र सरकार देश में खुदरा व्यापार की रीढ़ तोड़ रही है। भारी जुर्माने के प्रावधान, लाइसेंस राज की वापसी एवं अधिकारियों को असीमित अधिकार के कारण भ्रष्टाचार एवं छोटे व्यापारियों का शोषण होगा। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम से सरकार देश में अमेरिकी हितों की सुरक्षा कर रही है। इस अधिनियम में भारी सुधार की आवश्यकता है। यह अधिनियम विदेशी कम्पनियों एवं नोकरशाहों के लिए ही बनाया गया लगता है। सरकार को छोटे व्यापारियों से वार्ता करके उनकी चिताओं का निवारण करना चाहिए।

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