कांग्रेस ने लिया बिछड़ों को जोड़ने का संकल्प

जयपुर कांग्रेस चिंतन शिविर के अंतिम दिन अपने परम्परागत अल्पसंख्यक वोट बैंक को जोड़े रखने कीयाद आई। तीन दिन के चिंतन-मनन के बाद रविवार को जारी ‘जयपुर घोषणा-पत्र’ में कांग्रेस ने साफ तौर पर स्वीकारा कि वर्तमान में अल्पसंख्यकों के अधिकार अभी भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।

कांग्रेस ने केन्द्र सरकार से कानून की समानता एवं कानून के तहत समान सुरक्षा के साथ अल्पसंख्यकों के अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रयास करने की भी मांग की। सच्चर कमेटी की सिफारिशें प्रासंगिक है और प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए सरकार का मार्गदर्शन कर सकते है। पंचमढ़ी और शिमला चिंतन शिविर के अंतिम दिन जारी घोषणा-पत्र में कांग्रेस ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव और इस वर्ष कई प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ने का संकल्प दोहराया।

कांग्रेसी नेताओं ने अपने जनाधार को मजबूत करने, अपने नैसर्गिक समर्थकों की पहचान और जो वर्ग कांग्रेस से दूर हो गए उन्हें फिर से जोड़ने, मध्यम वर्ग पर विशेष ध्यान देने का संकल्प लिया। कांग्रेस ने आर्थिक प्रगति में गरीब एवं मध्यम वर्ग पर ध्यान केन्द्रीत करने, यूपीए सरकार की उपलब्धियों के बल पर जनता के बीच जाने का भी संकल्प लिया। कांग्रेसी दिग्गजों ने सामाजिक न्याय एवं आर्थिक प्रगति के सिद्धांतों के प्रति अपने संकल्प को दोहराते हुए धर्मनिरपेक्ष एवं प्रगतिशील शक्तियों को एकजुट करने करने का भी आह्वान किया। वामपंथी उग्रवाद विद्रोह,आक्रमकता से पीडि़त क्षेत्रों में कांग्रेस ने राजनीतिक संगठन को फिर से पुनर्जीवित करके शांति सुनिश्चित करने का संकल्प भी लिया। इसके साथ ही वर्ष 2020 तक से देश को भूख एवं कुपोषण को खत्म करने, महंगाई रोकने के लिए उत्पादन और सेवाओं में बढ़ोतरी,उत्पादकता में सुधार, अनावश्यक खर्चो में कटौती की भी बात कही गई। घोषणा-पत्र में पंचायती राज संस्थाओं, शहरी स्थानीय निकायों को सशक्त बनाने और प्रतिवर्ष दस मिलियन रोजगार सृजित करने एवं युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने, कृषि विकास की दर चार प्रतिशत से अधिक बढ़ाने एवं कृषि शोध के लाभों को किसानों तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई गई। औद्योगिक कोरिडोर परियोजनाओं के क्रियान्वयन, ग्रामीण क्षेत्रों को सड़क से जोड़ने, बिजली उत्पादन पर ध्यान देने के साथ ही महिलाओं के लिए सशक्तिकरण और समानता के प्रति कटिबद्धता दोहराते हुए महिलाओं के लिए अलग से परिवहन व्यवस्था की बात भी घोषणा-पत्र में कही गई।

पंचायतों एवं नगरपालिकाओं में महिलाओं और बच्चों के लिए 30 प्रतिशत फंड निर्धारित करने, लोकसभा एवं विधानसभा में महिलाओं के लिए एक-तिहाई सीटें आरक्षित करने,18 से 60 वर्ष की उम्र की निराश्रय, परित्याक्ता और विधवा महिलाओं को पेंशन का संकल्प भी जयपुर में कांग्रेस ने लिया।

कांग्रेस ने दक्षिण एशिया में भारत के नेतृत्व को पुर्नस्थापित करने की जरूरत बताते हुए कहा कि शांतिपूर्ण, स्थिर एवं आर्थिक रूप से सम्पन्न दक्षिण एशिया हमारी विदेश नीति का आधार बने इसके प्रयास होंगे।

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