चार दिवसीय इंडिया स्टोन मार्ट-2013 का शुभारम्भ

जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को यहां सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में चार दिवसीय इंडिया स्टोन मार्ट-2013 इंटरनेशनल स्टोन इंडस्ट्री एक्जीबिशन का शुभारम्भ करते हुए कहा कि राज्य सरकार पत्थर उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में कोई कमी नहीं रखेगी और सरकार हमेशा पत्थर व्यवसायियों के साथ रहेगी। इस प्रदर्शनी में राजस्थान सहित चार राज्यों कर्नाटक, गुजरात, उड़ीसा एवं उत्तर प्रदेश तथा तुर्की, इटली, चीन एवं ईरान ने अपने नेशनल पैवेलियन लगाये हैं। इस प्रदर्शनी में लगभग 50 देशों के क्रेताओं के शामिल होने की संभावना है। मुख्यमंत्राी ने विभिन्न पैवेलियनों में एक घंटे से ज्यादा समय तक अवलोकन कर नई तकनीक के उपयोग से प्रदर्शित पत्थरों को रुचि से देखा। मुख्यमंत्राी ने कहा कि जयपुर में पिछले 12 वर्षों में इस प्रदर्शनी ने उद्योग एवं व्यापार जगत में विशेष ख्याति प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि उनके पिछले कार्यकाल के दौरान वर्ष, 2000 में भी राजस्थान के पत्थर उद्योग को विश्व के मानचित्रा पर प्रमुखता से उभारने के लिए इण्डिया स्टोनमार्ट का सफल आयोजन किया गया था। अब यह सबसे बड़ी लोकप्रिय अन्तर्राष्ट्रीय पत्थर उद्योग प्रदर्शनी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में स्टोन के साथ-साथ सिरेमिक और टैक्सटाइल सैक्टर में इस प्रकार की अन्तर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों का सफल आयोजन किया है जिसमें देश-विदेश के उद्योगपतियों ने गहरी रुचि दिखाई है। मुख्यमंत्राी ने कहा कि प्रदेश में सिरेमिक और ग्लास आधारित इंडस्ट्री में नये निवेश के लिये विशेष पैकेज की घोषणा की हुई है। इसके तहत निवेश करने वाले उद्योगों को व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने की तारीख से 31 मार्च, 2018 तक वेट समेत सभी तरह के करों में 75 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। इसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी, लैंड टैक्स और जमीन खरीद पर स्टाम्प ड्यूटी में पूरी छूट मिलेगी।
श्री गहलोत ने बताया कि राजस्थान देश का एकमात्रा राज्य है, जहां विभिन्न प्रकार के पत्थर
उपलब्ध हैं। प्रदेश में मार्बल, सैण्डस्टोन, ग्रेनाईट, कोटा स्टोन एवं स्लेट पत्थर के प्रचुर भण्डार हैं। यही
नहीं राजस्थान घरेलू एवं अन्तर्राष्ट्रीय मांग की पूर्ति करने वाला प्रमुख प्रदेश है। राजस्थान मार्बल एवं
सैण्डस्टोन के उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है तथा इनके उत्पादों की 90 प्रतिशत से ज्यादा मांग की
पूर्ति राजस्थान द्वारा की जाती है। पिछले सालों में राज्य के ग्रेनाइट उद्योग ने उल्लेखनीय प्रगति की है।
जालोर ने देश ही नहीं बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इस क्षेत्रा में खास पहचान बनाई है। मुख्यमंत्राी ने कहा कि जयपुर स्थित सेन्टर फॉर डवलपमेंट स्टोन (सी-डोस) कैम्पस में स्टोन्स  की विभिन्न प्रकार की जांच के लिये आधुनिक प्रयोेगशाला स्थापित की गई हैै। आने वाले वक्त में यहां कई अन्य प्रकार के टेस्ट की सुविधाएं मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि सीडॉस के प्रयासों से भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने आई.टी.आई. में पहली बार पत्थर उद्योग से सम्बन्धी माईनिंग मशीन, माईनिंग प्रोसेसिंग मशीन, एवं एक्सकेवेटर ऑपरेटर के तीन टेक्नीकल कोर्स मंजूर किये हैं। आने वाले समय में कुछ अन्य कोर्स भी शामिल करने के प्रयास जारी हैं। श्री गहलोत ने बताया कि जयपुर में स्टोर रिसर्च चेयर का गठन हो चुका है तथा जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय (जेएनवीयू), जोधपुर में पीठ के गठन की कार्यवाही अन्तिम चरण में है। उन्होंने बताया कि रीको द्वारा पत्थर बाहुल्य इलाकों में इंडस्ट्रीयल एरिया विकसित करने से इस उद्योग को विशेष बढ़ावा मिला है। पत्थर उद्योग वाले अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पत्थर उद्योग पर वेट सबसे कम है। प्रदेश में निवेशकों की सुविधा के लिए हमारी सरकार ने सिंगल विण्डो एक्ट लागू किया। इसके अच्छे परिणाम सामने आये हैं। मुख्यमंत्राी ने इस मौके पर आर्किटेक्ट राजीव एवं तल्लुलाह डिसिल्वा (गोवा) मनीष बन्कर (पुणे), लियो जोज और राइनी लिजो त्रिसुर (केरल) तथा राहुल सेन, (नई दिल्ली) को ऑल इण्डिया आर्किटेक्चरल एवार्ड-2012 देकर सम्मानित किया तथा प्रदर्शनी पर आधारित निर्देशिका का विमोचन किया। उद्योग मंत्राी श्री राजेन्द्र पारीक ने कहा कि ऐसी प्रदर्शनियों के आयोजन से देश-विदेश के पत्थर व्यवसायों में नवीन तकनीक का आदान-प्रदान होता है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में औद्योगिक निवेश का वातावरण है और यह पहला राज्य है जहां उद्यमियों के लिए लैण्ड बैंक की सुविधा उपलब्ध है। भारत में तुर्की के राजदूत डॉ. बुरात अक्चापार (ठनतंज ।ाबंचंत) ने मुख्यमंत्राी श्री अशोक गहलोत को इंटरनेशनल स्टोन इंडस्ट्री एक्जीबिशन का आयोजन करने की जो परम्परा बनाई है इसके लिए उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे देश-विदेश के पत्थर व्यवसायियों को एक प्लेटफार्म पर आने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि भारत और तुर्की के रिश्ते मधुर हैं और हम व्यवसाय और पर्यटन के क्षेत्रा में इन रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के इच्छुक हैं। प्रारम्भ में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुनिल अरोड़ा ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि यह सातवां स्टोन मार्ट है जो राजस्थान के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। अन्त में रीको के प्रबंध निदेशक श्री नवीन महाजन ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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