जयपुर। 13 जिलों की 70 ग्राम पंचायतो में जेंडर सम्बन्धित मुद्दों पर सक्तिकरण के लिए गत 3 वर्ष से चल रही परियोजना के अनुभव एवं चुनौतियों पर चर्चा के दौरान उभरकर आया कि संस्थाओं के जन-जागरूकता कार्यक्रमों से ग्रामीणों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव संभव। पार्टिसिपेटरी रिसर्च इन एशिया (प्रिया) द्वारा यू.एन.एफ.पी.ए के सहयोग से ग्राम पंचायतों मे कार्यरत सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने किसान भवन में आयोजित कार्यषाला में बताया कि लक्ष्य आधारित रणनीति के तहत प्रषिक्षण , जन जागरूकता अभियान एवं आवष्यक प्रचार प्रसार सामग्री के सही संप्रेषण से बदलाव की प्रक्रिया में तेजी आती है। पंचायतों द्वारा स्वास्थ्य विषेषकर मातृ स्वास्थ्य के मुद्दों को प्रषिक्षण के माध्यम से प्राथमिकता देने से आषा, ए.एन.एम , वीलेज हैल्थ कमेटी को प्रमुख भूमिका निभाने में मदद मिली है। प्रिया नईदिल्ली के निदेषक मनोजराय ने कहा कि अधिकतर ग्रामस्तर की समस्याओं का समयावधि के भीतर समाधान कराने में सहयोग से अपेक्षित परिणाम शीध्र मिलते है। इसके लिए पंचायत की बैठक एवं ग्रामस्तर पर गठित कमेटियों की बैठकों में इन मुद्दों को उठाना चाहिये।
यू.एन.एफ.पी.ए के राज्य समन्वयक सुनील थॉमस जैकब ने कहा कि सभी संस्थाओं द्वारा किये गये अच्छे कार्यो की पुर्नरावृति के लिए नये क्षेत्रों में सहयोग मिलेगा।उन्होंने बताया कि इस परियोजना की सीख एवं अनुभवों को राज्य सरकार के साथ साझा किया जायेगा।
प्रिया के राज्य समन्वयक डा. संतोष कुमार कौषल , प्रिया दिल्ली की कार्यक्रम अधिकारीनिषुकौल ने भी प्रतिनिधियों को गॉव का प्रोफाइल एवं स्वास्थ्य सूचकांक सम्बन्धी आकडें एकत्रित करके ग्राम योजना को सषक्त करने में सहयोग देने के बारे में विस्तार से बताया।
– कल्याण सिंह कौठारी