जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्रीय रेल मंत्री पवन बंसल द्वारा मंगलवार को संसद में प्रस्तुत किए गए वर्ष 2013-14 के रेल बजट का स्वागत करते हुए कहा कि रेल मंत्री ने प्रदेश के हितों का विशेष ध्यान रखते हुए ऐसी कई घोषणाएं की हैं जिनसे राज्य मंत्री रेल तंत्र को मजबूती मिलेगी और प्रदेश में विकास के नए आयाम स्थापित होने का मार्ग प्रशस्त होगा। गहलोत ने भीलवाड़ा में राज्य सरकार तथा बीएचईएल के सहयोग से मेमू कोच फैक्ट्री, बीकानेर में माल डिब्बों की आवधिक ऑवरहॉलिंग के लिए वर्कशॉप में बदलाव, जयपुर में रेल नीर बॉटलिंग प्लांट लगाने एवं जयपुर स्टेशन में एक्जीक्यूटिव लाउंज की स्थापना, रेल संबंधी ट्रेड़ों में युवाओं को दक्ष बनाने के लिए अलवर को राष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम से जोड़ने के साथ ही राज्य को नई गाडियां, रेलगाड़ियों के विस्तार, रेल लाइनों के दोहरीकरण, रेल पथ के विद्युतीकरण सहित कुछ क्षेत्रों को आमान परिवर्तन योजना की सौगात देने पर आभार प्रकट किया है।
गहलोत ने कहा कि पिछले दिनों उन्होंने नई दिल्ली में रेल मंत्राी से मुलाकात कर रेल बजट में राज्य
के हितों का विशेष ख्याल रखने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्राी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि रेल मंत्राी ने हमारे अनुरोध पर राज्य में रेल तंत्राको सुदृढ़ बनाने की दिशा में कई घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री ने वर्ष 2013-14 में जैसलमेर-सानू नई रेल लाइन, मावली-बड़ी सादड़ी खंड का आमान
परिवर्तन, अलवर-बांदीकुई का दोहरीकरण करवाने, दिल्ली-अहमदाबाद वाया जयपुर-फुलेरा रेल पथ का
विद्युतीकरण, अजमेर-कोटा (नसीराबाद-जलीन्द्री), दिल्ली-सोहना-झिरका-अलवर, पुष्कर-मेड़ता नई
लाइनों की घोषणा पर रेल मंत्राी का आभार प्रकट किया है। इसके साथ ही नई लाइनांे के सर्वेक्षण में
लूणकरणसर- सरदारशहर, मूड़ासा-मेघराज-बांसवाड़ा, पीपाड रोड़-भोपालगढ़-आसोपा-संखवास-
मंूडवा-नागौर को नई रेल लाइनों के सर्वेक्षण में शामिल करने के साथ ही दोहरीकरण के सर्वेक्षण में
बठिंडा-अबोर-श्रीगंगानगर, चित्तौडगढ़-महू, सूरतगढ़-बठिंडा के साथ ही राज्य को नई एक्सप्रेस गाड़ियों,
पैसेंजर गाड़ियों सहित अनेक गाड़ियों के विस्तार का तोहफा देने पर प्रसन्नता व्यक्त की है।
गहलोत ने कहा है कि नए रेल बजट से देश में रेल विस्तार के कार्यों को और अधिक गति मिलेगी।
यात्रियों को इसका फायदा मिलेगा और राज्यों के विकास को भी बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि रेल मंत्राी ने रेल तंत्रा के आर्थिक रूप से सुदृढ़ीकरण की इच्छाशक्ति के साथ यात्राी सुविधाओं को बढ़ाने, दुर्घटनाओं में कमी लाने, कंप्यूटरीकरण, ई-टिकिटिंग, आरक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता, बुजुर्ग यात्रियों की सुविधाओं में इजाफे के साथ ही महिला यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया है।