करप्शन में लिप्त और एक अधिकारी, निकला करोड़ों का आसामी

moneyउदयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की विशेष टीम ने शुक्रवार दोपहर राज्य सरकार के लोकल फंड ऑडिट डिपार्टमेंट (स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग) की संयुक्त निदेशक कुमुदनी चांवरिया के ऑफिस में आकस्मिक जांच की। टीम ने उनके ऑफिस में निजी कमरे से लिफाफों में रखे 75 हजार, पर्स से दो हजार रुपए और जमीन संबंधित दस्तावेज बरामद किए।

प्रतापनगर स्थित घर की तलाशी में पॉश कॉलोनियों में नौ भूखंडों के दस्तावेज व 23 लाख रुपए की एफडीआर मिली है। ये सभी दस्तावेज जब्त कर अधिकारी के बैंक लॉकर को सीज कर दिया है। यह कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रसन्न खमेसरा के निर्देशन में की गई।

ऑडिटर्स से वसूली करने की थी शिकायत
प्रसन्न खमेसरा ने बताया कि प्रतापनगर में एनबी नगर निवासी कुमुदनी पत्नी रामअवतार चांवरिया के बारे में शिकायत मिली थी कि वे संभाग के विभिन्न जिलों में लोकल फंड की ऑडिट करने वाले ऑडिटर्स से अवैध वसूली करती हैं। यह शिकायत ऑडिटर्स की हर माह होने वाली मासिक बैठक में सामने आई थी। शिकायत के आधार पर एसीबी की स्पेशल यूनिट ने आकस्मिक जांच की।

नौ प्लॉट के मिले दस्तावेज
डिप्टी राजीव जोशी के नेतृत्व में टीम ने एनबी नगर, प्रतापनगर स्थित घर की तलाशी के दौरान अधिकारियों को 23 लाख की एफडीआर, बोहरा गणेशजी, सज्जन नगर, एनबी नगर सहित नौ प्लॉट के दस्तावेज मिले। कुमुदनी चांवरिया का बैंक लॉकर है।

ऐसे की जाती है वसूली
सूत्रों के अनुसार ऑडिटर्स की टीम पंचायत समिति स्तर पर लागू विभिन्न योजनाओं की ऑडिट करती हैं। योजनाओं में होने वाली गड़बडिय़ों को छुपाने के लिए पंचायत समिति स्तर पर काम कर रहे कर्मचारी ऑडिटर्स को लाभांवित करते हैं। पंचायत समितियों से ऑडिटर्स को मिलने वाले इस लाभ का हिस्सा सीनियर ऑफिसर्स तक पहुंचाना पड़ता है। जितनी बड़ी और अच्छी पंचायत समिति होती है, वहां से आने वाले कमीशन की मात्रा भी उतनी ज्यादा होती है। भास्कर संवाददाता ने आरोपी कुमुदनी चांवरिया का पक्ष जानने के लिए उनसे फोन पर सम्पर्क किया, लेकिन फोन नहीं उठाने के कारण उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।

कागज में लपेट कर लिफाफों में रखे थे रुपए
एसीबी टीम ने जब कार्रवाई की तो ऑफिस में निजी रूम में रखी तिजोरी के ऊपर रखे गत्ते के डिब्बे पर कागज में लिपटे हुए लिफाफे मिले। इनमें कुल 75 हजार रुपए की राशि रखी हुई थी। इसके बाद जब पर्स की तलाशी ली तो उसमें से चांवरिया का नाम लिखे हुए लिफाफे में दो हजार रुपए थे।

इस कार्रवाई के दौरान कार्यालय में मौजूद अन्य कर्मचारी भी घबराए हुए थे। एसीबी अधिकारियों के कार्रवाई करने तक अन्य कर्मचारियों को भी वहां से नहीं जाने दिया गया। सभी कर्मचारी आशंकित थे कहीं उनसे पूछताछ न की जाए।

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