मुख्यमंत्री ने योजना आयोग को बताई उपलब्धियां

Ashok-Gehlot_0जयपुर, मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने नई दिल्ली में बुधवार को योजना भवन में राज्य की वार्षिक योजना को अंतिम रूप देने के लिए आयोजित बैठक में योजना आयोग को राज्य की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में राजस्थान तीसरे स्थान पर है और बेरोजगारी की दर भी राष्ट्रीय औसत 38 प्रति हजार के मुकाबले केवल 17 प्रति हजार ही है।
बैठक में मुख्य सचिव श्री सी.के. मैथ्यू ने पॉवर पांइट प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि नियोजन आधारित कौशल उन्नयन (स्कील डॅवलपमेंट) के लिये राज्य में अलग से ÓÓराजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगमÓÓ की स्थापना की गई है। निगम द्वारा 38 निजी व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदाताओं के माध्यम से 667 कौशल विकास केन्द्र स्थापित किये जा रहे हैं। उन्होंने प्रस्तुतीकरण द्वारा राज्य के हर क्षेत्र में हुई उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार योजनाÓ एवं ‘मुख्यमंत्री शहरी रोजगार योजनाÓ के तहत 3 लाख युवाओं को रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार कृषि एवं पशुपालन के लिये राज्य में 225 करोड़ रुपये की राशि से 5 हजार डिग्गियों तथा 10 हजार फार्म पोण्ड्स का निर्माण कराया जायेगा। इसी प्रकार ÓÓमुख्यमंत्री पशुधन नि:शुल्क दवा योजनाÓÓ के तहत 3 हजार 900 पशु चिकित्सा केन्द्रों से दवाईयों का नि:शुल्क वितरण किये जाने की योजना है और राज्य में ÓÓराजस्थान वेटनरी सर्विस कॉरपोरेशनÓÓ की स्थापना की जायेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना के तहत दूध की आपूर्ति करने वाले पशुपालकों को 2 रुपये प्रति लीटर की दर से अनुदान और ‘काश्तकारों को समय पर ऋण चुकाने पर ब्याज मुक्ति योजनाÓ शुरू की जाएगी। वर्ष 2012-13 के लिये 1 लाख रुपये तक के फसली ऋणों को समय पर चुकाने पर ब्याज माफी की गयी। इस सीमा को अब बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार रुपये किया जा रहा है।
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि नीमराना में ÓÓजापानी जोनÓÓ की तर्ज पर गिलोट में ÓÓकोरियन-जोनÓÓ के विकास हेतु एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित किये गये हैं। इसी प्रकार उदयपुर के औद्योगिक क्षेत्र कलड़वास में ÓÓफार्मास्यूटिकल जोनÓÓ विकसित किया जायेगा। इसी प्रकार टपूकड़ा के निकट सलारपुर औद्योगिक क्षेत्र में ÓÓइलेक्ट्रोनिक मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टरÓÓ विकसित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि निवेशकों की सुविधा के लिये राज्य में ÓÓस्पेशल इन्वेसटमेंट रीजन एक्टÓÓ बनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य में बड़े उद्योगों की स्थापना एवं निवेश के लिये किये गये प्रयासों के फलस्वरूप होण्डा, आयशर, सेन्ट गोबेन, जे.सी.बी., लाफार्ज, केडिला, हीरो मोटर कॉर्प आदि कम्पनियॉं राजस्थान में निवेश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि ÓÓएकल खिड़की अधिनियमÓÓ के तहत गठित राज्य स्तरीय सर्वाधिकार प्राप्त समिति की 10 बैठकों में 52,918 करोड़ रुपये के 38 प्रस्ताव अनुशंषित किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने बैठक में योजना आयोग को बताया कि ÓÓऑनलाईन इलैक्ट्रोनिक सिंगल विण्डोÓÓ क्लीयरेन्स व्यवस्था के माध्यम से अभी तक 24 हजार 504 करोड़ रुपये के कुल 398 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुये हैं, जिनमें से 6 हजार 134 करोड़ रूपये के 118 प्रस्ताव स्वीकृत किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहित करने एवं औद्योगिक क्षेत्र में विस्तार की मांग को दृष्टिगत रखते हुए आगामी वर्ष 10 नये औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जायेगी। उन्होंने बताया कि कतिनों एवं बुनकरों के उत्पादों के विपणन एवं खादी की बिक्री बढ़ाने के लिये संभागीय मुख्यालयों पर ÓÓहैण्डलूम एवं खादी प्लाजाÓÓ की स्थापना की जायेगी।
सूचना एवं प्रौद्योगिकी
बैठक में बताया गया कि जयपुर में 50 स्थानों पर ÓÓवाई-फाई हॉट स्पॉटÓÓ विकसित किये जायेंगे और विभिन्न विभागों की कम से कम एक सेवा, मोबाइल के माध्यम से उपलब्ध करवाई जायेगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में गत् चार वर्षों में ऊर्जा की अधिष्ठापित क्षमता 6 हजार 540 मेगावाट से बढ़कर 11 हजार 168 मेगावाट हुई है। यह बढ़ोत्तरी राज्य क्षेत्र में 1 हजार 70 मेगावाट ,निजी क्षेत्र में 1 हजार 21 मेगावाट, पवन ऊर्जा 1 हजार 728 मेगावाट,बॉयोमास, ऊर्जा 60 मेगावाट, सौर ऊर्जा 247 मेगावाट और केन्द्रीय परियाजनाओं में आवंटन से 502 मेगावाट की हुई है। अगले वर्ष के अन्त तक, पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोतों से 3415 मेगावाट, पवन ऊर्जा से 400 मेगावाट तथा सौर ऊर्जा से 749 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता स्थापित हो जायेगी।
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि 31 मार्च, 2011 तक राज्य में 95 प्रतिशत गांवों का विद्युतीकरण किया जा चुका है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर 92.1 प्रतिशत तथा उत्तरी क्षेत्र के राज्यों का यह प्रतिशत 93.0 ही है। उन्होंने बताया कि घरों में ÓÓसोलर एनर्जी सिस्टमÓÓ की स्थापना हेतु केन्द्र सरकार द्वारा दिये जा रहे 30 प्रतिशत अनुदान के अतिरिक्त 20 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जोधपुर, जयपुर व अजमेर को ‘रूफ-टॉप पॉवर जेनरेशन स्कीमÓ लागू कर सौर ऊर्जा शहरों के रूप में विकसित किया जायेगा।
पेयजल एवं जल संसाधन
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राज्य के कुल 248 ब्लॉकों में से केवल 31 ब्लॉक ही सुरक्षित जल श्रेणी में आते हैं फिर भी राज्य में भू जल का दोहन 135 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि समस्याग्रस्त गांवों व कस्बों में पेयजल हेतु 18 नई परियोजनाओं के अन्तर्गत इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं क्लस्टर विकास के कार्य प्रारम्भ किये जायेंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में आगामी वर्ष आर.ओ. तकनीक पर आधारित 1 हजार संयंत्र स्थापित किये जायेंगे। गत तीन वर्षों में नर्मदा नहर सिंचाई परियोजना के अन्तर्गत 1 लाख 50 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में फव्वारा पद्घति से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई गई है और अगले वर्ष 50 हजार हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र में फव्वारा पद्घति से सिंचाई की जाएगी । उन्होंने बताया कि चम्बल से अलवर के जयसमन्द बांध में, मेज नदी से जयपुर के रामगढ़ बांध में व माही से जयसमन्द, राजसमन्द एवं मेजा में पानी लाने हेतु परियोजनाएं प्रारम्भ की जायेंगी। इसी प्रकार राज्य में 228 करोड़ रुपये की 14 नई लघु सिंचाई परियोजनाओं का कार्य शुरू किया जायेगा और वर्षा जल संग्रहण हेतु 225 करोड़ रुपये की लागत से 34 नये एनीकट विभिन्न नदियों पर बनाये जायेंगे।
सड़क
प्रस्तुतीकरण में उन्होंने बताया कि 2013-14 में राज्य में 650 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 6 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का सुदृढ़ीकरण एवं नवीनीकरण कराया जायेगा। इसी प्रकार वर्ष 2013-14 में बीओटी आधार पर 2 हजार 743 करोड़ रुपये की लागत से 1 हजार 712 किलोमीटर लंबाई की सड़कों का निर्माण किया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा एक नई पहल करते हुए स्वयं के संसाधनों से राष्ट्रीय राजमार्ग के बर-बिलाड़ा खंड को 500 करोड़ रुपये की लागत से चार लेन में परिवर्तित करने का निर्णय लिया गया है। इसी प्रकार अगले वर्ष प्रदेश के 100 से अधिक और 250 से कम आबादी के गांवों को सड़कों से जोडऩे का कार्य भी हाथ में लिया जायेगा। साथ ही, वर्ष 2001 की जनगणना के पश्चात् घोषित 546 नये राजस्व गांवों को भी डामर की सड़कों से जोड़ा जायेगा।
उन्होंने बताया कि राज्य में 28 आर.यू.बी. (रेल्वे अन्डर ब्रिज) एवं 15 आर.ओ.बी. (रेल्वे ओवर ब्रिज) का निर्माण कार्य अगले वर्ष हाथ में लिया जायेगा और सड़कों के निर्माण एवं अपग्रेडेशन के उद्देश्य से ‘विशेष सड़क निर्माण निधिÓ बनायी जायेगी। इस निधि के माध्यम से वर्ष 2013-14 में 500 करोड़ रुपये की लागत के कार्य करवाये जायेंगे।
शहरी विकास
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि ‘अफोर्डेबल हाउसिंग पॉलिसी 2009Ó के अन्तर्गत राज्य में वर्ष 2013-14 तक कुल 5 लाख आवास निर्मित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और अभी तक 36 हजार 249 आवासों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि ‘मुख्यमंत्री शहरी आवास योजनाÓ के तहत अगले 5 वर्षों में प्रदेश मेें 5 लाख आवासों के निर्माण में सहायता उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार जयपुर मेें 150 करोड रुपये की लागत से घाट की घूणी (पी.पी.पी. मॉडल) में सुरंग परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर पिछले दिनों प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह एवं यूपीए चैयरपर्सन श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा इस पर यातायात शुभारंभ किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जयपुर मेट्रो रेल परियोजना के तहत प्रथम चरण, जिसकी लागत 3 हजार 150 करोड़ रुपये है, का कार्य प्रगति पर है और द्वितीय चरण, जिसकी लम्बाई 23.09 कि.मी. एवं अनुमानित लागत 6 हजार 583 करोड़ रुपये है, का कार्य पीपीपी मॉडल पर वर्ष 2013-14 में प्रारंभ किया जायेगा।
शिक्षा
प्रस्तुतीकरण में राज्य में शिक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 31 मार्च, 2013 तक पक्के भवन वाले शत-प्रतिशत विद्यालयों में छात्राओं हेतु टॉयलेट की व्यवस्था कर दी जाएगी और वर्ष 2011-12 व 2012-13 में कक्षा 9 व 10 में अध्ययनरत कुल 2 लाख 28 हजार छात्राओं को साइकिलें वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ÓÓट्रांसपोर्ट वाऊचर योजनाÓÓ के अंतर्गत 5 रुपये प्रति उपस्थिति दिवस की दर बढ़ाकर 20 रुपये कर दी गई है। इसी प्रकार ÓÓराजीव गांधी डिजीटल विद्यार्थी योजनाÓ के अन्तर्गत वर्ष 2012-13 में 55 हजार 819 प्रतिभावान विद्यार्थियों को लैपटॉप और वर्ष 2013-14 में 55 हजार बालक-बालिकाओं को Ó’लैपटॉपÓÓ एवं 3 लाख 50 हजार को ‘Óटेबलेट-पीसीÓÓ देने का लक्ष्य रखा गया है।
उच्च एवं तकनीकी शिक्षा
प्रस्तुतीकरण में बताया गया कि राजस्थान उच्च शिक्षा का हब बन रहा है और राज्य में आई.आई.टी, आई.आई.एम., अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान, ट्रिपल आई.टी. व केन्द्रीय विश्वविद्यालय खुल रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक लाख प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को ÓÓमुख्यमंत्री उच्च शिक्षा छात्रवृत्ति योजना-2012ÓÓ के तहत छात्रवृत्ति प्रदान की गई है और इस वर्ष राज्य मे 7 और नये विश्वविद्यालय स्थापित किये जायेंगे। अगले वर्ष एक नया तकनीकी विश्वविद्यालय, बीकानेर में स्थापित किया जायेगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
बैठक में बताया कि राज्य में शिशु मृत्यु दर वर्ष 2005 की 67 से 52 पहुंच गई है (राष्ट्रीय स्तर 44)। इसी प्रकार राज्य में मातृ-मृत्यु अनुपात 388 से 318 पहुंच गया है, जो कि राज्य में 82 प्रतिशत बच्

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